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How To Farming Strawberry: केवल 40 दिन में बना देती स्ट्रॉबेरी फसल किसानों को लखपति, जानें कब और कैसे करें खेती
How To Farming Strawberry: स्ट्रॉबेरी खेती की शुरुआत भारत में सबसे पहले 1960 के दशक में उत्तर प्रदेश व हिमाचल प्रदेश से हुई थी। अगर कोई स्ट्रॉबेरी की खेती करना चाहता है तो उसको जून और जुलाई तक इसकी नर्सरी तैयार कर लेना चाहिए। सितंबर के पहले सप्ताह से इसकी फसल लगाना शुरू कर देना चाहिए।
How To Farming Strawberry: अगर आप किसान हैं और अधिक कमाउ वाली फसल लगाने के बारे में विचार कर रहे हैं, लेकिन समझ नहीं आ रहा है कि कौन सी फसल लगाकर कम समय में अधिक पैसा कमाएं तो आज हम आपके लिए एक ऐसी फसल लेकर आए हैं, जो कुछ समय में किसानों को लखपति बना सकती है। कई किसान इस फसल को लगाकर लखपति भी बना गये हैं। बाजार में दिन पर दिन इस फसल के प्रोडेक्ट की मांग बढ़ती जा रही है। मांग बढ़ने की वजह से इसके दाम भी अन्य फसलों की तुलना में काफी अधिक रहती है। कुछ दिनों बाद इस फसल को उगाने का सबसे मुफीद समय आ रहा है। ऐसे वो किसान जिनके पास कुछ ही बीधे खेती है और उनका परंपरागत खेती से अधिक लाभ नहीं हो रहा है तो इस फसल को लगा सकता हैं और कुछ दिनों में ही लखपति बना सकते हैं।
भारत में इस स्ट्रॉबेरी की होती है खेती
हम बात करें रहे हैं स्ट्रॉबेरी फसल की। स्ट्रॉबेरी खेती की शुरुआत भारत में सबसे पहले 1960 के दशक में उत्तर प्रदेश व हिमाचल प्रदेश से हुई थी। वैसे तो दुनिया में स्ट्रॉबेरी की 600 किस्में आती हैं। हालांकि भारत में कुछ ही किस्मों में स्ट्रॉबेरी की खेती होती है। इसमें अगेती की डगलस, गोरिल्ला, फर्न, अर्लिग्लो एवं तिओगा किस्में हैं, जबकि पिछेती की चांडलर, डाना, सेल्भा एवं स्वीट चार्ली किस्में शामिल हैं। यह ठंडी फसल होती है, इसलिए इसको ठंडे प्रदेशों की फसल कहा जाता है। हालांकि यूपी सहित मैदानी भागों में भी अब किसान स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे हैं। इस खेती के लिए उपयुक्त तापमान 20 से 30 डिग्री मनाया है, जो मैदानी भागों में अक्टूबर के बाद होता है और पहाड़ों में तो हर सीजन बना रहता है। तापमान अधिक होने से स्ट्राबेरी के पौधों के नुकसान के साथ उत्पादन में गिरावट आती है।
कैसे करें स्ट्रॉबेरी की खेती
आपको बता दें कि मैदानी भागों में स्ट्रॉबेरी की खेती करने का सबसे सही महीना सिंतबर से अक्टूबर मना गया है। किसान इस महीने के बीच में इसकी बुवाई कर सकते हैं। बुवाई के एक सप्ताह पहले जिस खेती में इस फसल को लगाना है तो इसकी 3 से 4 बार जुताई करें। प्रति हेक्टेयर की हिसाब से 75 टन खाद खेत में डालें। उसके बाद खेत में 25 से 30 सेंटीमीटर ऊंची क्यारियां तैयार करें। फसल की देखभाल व कार्य के लिए 40 से 50 सेंटीमीटर का रास्ता होना चाहिए। वहीं, बनाई गई क्यारियों में ड्रेप एरिगेशन की पाइपलाइन डालें,ताकि फसलों की अच्छे से सिंचाई की जा सके।
जानें कब करें खेती
इसकी खेती कर रहे एक किसान ने कहा कि अगर कोई स्ट्रॉबेरी की खेती करना चाहता है तो उसको जून और जुलाई तक इसकी नर्सरी तैयार कर लेना चाहिए। सितंबर के पहले सप्ताह से इसकी फसल लगाना शुरू कर देना चाहिए। फसल 40 से 50 दिन में तैयार हो जाती है। एक एकड़ में करीब 80 से 100 क्विंटल फल तैयार होते हैं, अगर इसकी फसल के समय अच्छी देखभाल की जाए। वहीं, इसके एक पौधे से 800-900 ग्राम की स्ट्रॉबेरी प्राप्त होती है।
यह चीजें होती हैं तैयार
स्ट्रॉबेरी से बाजार में कई चीजें तैयारी की जाती हैं। जिसमें खाने के प्रोडक्ट से लेकर ब्यूटी प्रोडक्ट शामिल है। इसको किसी भी मिट्टी में पैदा किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए सबसे अच्छी मिट्टी बलुई दोमट मिट्टी बताई गई है। खेती के लिए मिट्टी 5.5 से 6.5 पीएच मान होना चाहिए।
स्ट्रॉबेरी से मुनाफा
स्ट्रॉबेरी की खेती से किसान अच्छी कमाई करते हैं। अगर अच्छी पैदावारी हो तो किसान हर एकड़ से 2.5-3 लाख रुपये तक का मुनाफा ले सकता है, जबकि प्रति हेक्टेयर में यह मुनाफा 6-7 लाख रुपए का होता है। एक एकड़ में स्ट्रॉबेरी की खेती करने में 2 से 3 लाख रुपए का खर्चा आता है। इसमें पौधे की कीमत से लेकर हर चीज का खर्चा शामिल होता है।