Business Ideas: कम निवेश में बंपर कमाई, ठाकुर आटा चक्की के मुखिया ने बताया ऐसे रखें कदम

Atta Chakki Business: अधिकांश आटा चक्की के बिजनेस कारोबारी पिसाई के साथ खुद आटा की बिक्री करते हैं और लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं। इस बिजनेस की सफलता की बात करें तो कानपुर के रावतपुर स्थित ठाकुर आटा चक्की इसका उत्तम उदाहरण हैं, जो रावतपुर क्षेत्र के आप पास 5 से 10 किलोमीटर में अपनी आटा की शुद्धता को लेकर फेसम है।

Viren Singh
Published on: 8 Aug 2023 1:32 PM GMT (Updated on: 8 Aug 2023 1:50 PM GMT)
Business Ideas: कम निवेश में बंपर कमाई, ठाकुर आटा चक्की के मुखिया ने बताया ऐसे रखें कदम
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Atta Chakki Business (सोशल मीडिया)

Atta Chakki Business: एक कहावत तो सुना ही होगा कि नौकरी नौकर वालों की, व्यापार यानी बिजनेस राजशाही। इस कहावत से अंदाजा लगाया जा सकता है कि व्यापार के बारे में लोगों की क्या सोच है? नौकरी आप तक सीमित है, लेकिन व्यापार आप तक सीमित नहीं होता है, आपके बाद आपका परिवार भी इससे जुड़कर रोजगार पा सकता है। ऐसे में अगर आप नौकरी कर रहे हैं और इससे परेशान हो गए हैं। अब खुद का कोई अपना व्यापार सेटअप करना जा रहे हैं तो आज हम आपको एक ऐसे व्यापार का आइडिया दूंगा जो तब तक बंद नहीं होने वाला है, जब तक धरती पर मनुष्य हैं। बिना रोटी के खाना हमेशा अधूरा है। इसलिए ऐसा कोई घर नहीं जहां रोटियां न बनती हों। रोटी आटा से तैयार की जाती है। आटा बनाने के लिए गेहूं की पिसाई होती है और यह पिसाई चक्की द्वारा होती है। इसलिए आटा चक्की (फ्लोर मिल) का बिजनेस सदाबहार है।

इस वजह से बढ़ रही चक्की के आटा की मांग

अच्छा स्वस्थ्य आपने के लिए अब लोग धीरे-धीरे मिल का आटा खाना कम कर रहे हैं और वह इसके स्थान अपने स्थानीय आटा चक्की से पिसे आटे की रोटियां खाना अधिक पंसद कर रहे हैं। इस वजह से आटा चक्की के बिजनेस की मांग काफी बढ़ गई हैं, क्योंकि आज कल पैकट बंद आटों में काफी मिलावट आने लगी है। यदि आप आटा चक्की का प्लांट लगाते हैं तो आप इसमें दो तरह से कमाई कर सकते हैं। पहला गेहूं इत्यादि अनाज की पिसाई करके और दूसरा बाहर से गेंहू खरीद के खुद पिसाई करके आटे की बिक्री कर सकते हैं। अधिकांश आटा चक्की के बिजनेस कारोबारी पिसाई के साथ खुद आटा की बिक्री करते हैं और लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं। इस बिजनेस की सफलता की बात करें तो कानपुर के रावतपुर स्थित ठाकुर आटा चक्की इसका उत्तम उदाहरण हैं, जो रावतपुर क्षेत्र के आप पास 5 से 10 किलोमीटर में अपने आटे की शुद्धता को लेकर फेसम है और ठाकुर आटा चक्की के नाम से लोगों की जुंबा पर है।

यह है रावतपुर की ठाकुर आटा चक्की की कहानी

पहले बात करते हैं चक्की बिजनेस में ठाकुर आटा चक्की के बारे में। साल 1955 या 1957 का वर्ष रहा होगा। उन्नाव जिले से एक छोटे से गांव सिक्का खेड़ा से निकल कर एक युवा अपने सपनों को साकार करने व घर की जिम्मदारों को उठाने के लिए कानुपर आया। तब भारत को आजाद हुए 7 से 8 साल ही हुए थे। आजाद हिंद की फिजाएं धीरे धीरे बदल रही थीं। लोग स्वाधीनता का आंनद ले रहे थे तो वहीं वह युवा सपनों को साकार करने के लिए कानपुर की सड़कों को पर धूम रहा था। एक दो साल काम के लिए इधर उधर धूमने के बाद साल 1959 में उस युवा ने रावतपुर की सड़क पर गेहूं बेचने का कारोबार शुरू किया। कारोबार अच्छा चलने लगा तो एक ही साल के अंदर यानी 1960 में वहीं राणी सती धर्मशाला में एक किराये की दुकान लेकर आटा चक्की बिजनेस में कदम रख दिया। धीरे-धीरे अपनी शुद्धता के बल यह आटा चक्की अपने क्षेत्र में एक अलग पहचान बनाई और लोगों के बीच ठाकुर आटा चक्की के नाम से जानी-पहचानी लगी। इस बिजनेस के संस्थापक थे, जगदीश सिंह जी। जगदीश सिंह जी का निधन साल 2017 में हार्ट अटैक से हो गया था, लेकिन उनके द्वारा शुरू की गई ठाकुर आटा चक्की आज भी कानपुर के रातवपुर क्षेत्र में अलग पहचान बनाए हुए है। अब यह बिजनेस उनके पुत्र राम प्रकाश (बैश) सिंह देख रहे हैं और लगातार कारोबार को आगे बढ़ा रहे हैं।

उचित जानकारी के साथ शुद्धता पर देना होगा ध्यान

उनके पुत्र बैश ने कहा कि पिता जी द्वारा शुरू किया ठाकुर आटा चक्की बिजनेस आज भी अपनी शुद्धता के बल पर अगल पहचान बनाए हुए है। वह भले ही आज हमारे बीच में नहीं लेकिन यह व्यापर उनकी कमी को खलने नहीं देता है। आज भी ठाकुर आटा चक्की आस-पास के क्षेत्र में अपनी शुद्धता को लेकर फेसम है, लेकिन अब मेरी कोशिश है कि इस शुद्धता का लाभ पूरे कानपुर के लोगों तक पहुंचाया जाए। अब इस पर ध्यान देना है। इस कारोबार में आने वाले लोगों को उन्होंने नसीहत दी कि अगर कोई व्यक्ति आटा चक्की के बिजनेस में आना जाता है तो उसको सबसे पहले इसके बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करनी होगी। आपको चक्की के पत्थर से बनाने से लेकर चक्की चलाने का ज्ञान जरूर रखना होगा। अगर ऐसा कर सकते हैं, तभी इस कारोबार में आएं। एक बात विशेष ध्यान दें कि आटा में शुद्धता जरूर हो।

कैसे शुरू करें आटा चक्की का बिजनेस?

आरपी सिंह का कहना है कि लोग इसको दो तरीके से शुरू कर सकते हैं। पहला छोटे स्तर से और दूसरा बड़े स्तर पर। छोटे स्तर पर शुरू करने पर आपको कम पूंजी की जरूरत पड़ेगी और कोई लाइसेंस या परमिट की जरूरत नहीं पड़ेगी, बल्कि बड़े स्तर पर यह सब काम आपको करना होगा। आटा चक्की ऐसी जगह लगाएं जहां से लोगों अधिक संख्या में निवास करते हों। इसके अलावा गांव में भी आटा चक्की का बिजनेस खोल सकते हैं।

इससे होने वाली कमाई

शुरुआती तौर पर आटा चक्की के बिजनेस से महीने में 50 हजार रुपये से लेकर 1 लाख रुपये तक की कमाई कर सकते हैं। जैसे जैसे बिजनेस आगे बढ़ेगा तो कमाई भी बढ़ती जाएगी। उसके बाद आप चाहें तो एक ब्रांड के तौर पर आटे की कंपनी खड़ी कर सकते हैं। इसके अलावा ज्वार, बाजरा, गेहूं अनाज खरीदकर इसका आटा पीसकर भी कमाई कर सकते हैं।

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