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EMI को लेकर बड़ा फैसला, आज से होगा प्रभावी, इनके हिस्से आएंगे खुशी के पल

इलाहाबाद बैंक  ने विभिन्न मैच्योरिटी पीरियड वाले सीमांत लागत आधारित ब्याज दर  में 0.05 फीसदी की कटौती की है। संशोधित दरें 14 फरवरी से प्रभावी होंगी। बैंक ने बीएसई (BSE) से कहा कि उसकी संपत्ति उत्तरदायित्व प्रबंधन समिति

suman
Published on: 14 Feb 2020 10:20 AM IST
EMI को लेकर बड़ा फैसला, आज से होगा प्रभावी, इनके हिस्से आएंगे खुशी के पल
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नई दिल्ली : इलाहाबाद बैंक ने विभिन्न मैच्योरिटी पीरियड वाले सीमांत लागत आधारित ब्याज दर में 0.05 फीसदी की कटौती की है। संशोधित दरें 14 फरवरी से प्रभावी होंगी। बैंक ने बीएसई (BSE) से कहा कि उसकी संपत्ति उत्तरदायित्व प्रबंधन समिति ने मौजूदा (MCLR)एमसीएलआर की समीक्षा की और सभी परिपक्वता अवधि के कर्जों के लिए इसमें 0.05 फीसदी की कटौती करने का निर्णय लिया।

बैंक ने कहा कि एक साल की मैच्योरिटी पीरियड वाले कर्ज का एमसीएलआर अब 8.30 फीसदी से कम होकर 8.25 फीसदी पर आ गया है। इसी तरह एक दिन, तीन महीने और छह महीने का एमसीएलआर कम होकर 7.75 फीसदी से 8.10 फीसदी के बीच आ गया है। एक महीने की परिपक्वता अवधि वाले कर्ज का एमसीएलआर अपरिवर्तित है।

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इसके पहले भारतीय स्टेट बैंक ने भी एमसीएलआर में 0.05 फीसदी की कटौती कर दी है. एसबीआई ने रिवाइज्ड एमसीएलआर को 10 फरवरी से ही लागू कर दिया है। एसबीआई ने लगातार नौवीं बार एमसीएलआर में कटौती की है। इस कटौती के बाद विभि​न्न मैच्योरिटी पीरियड वाले कर्ज का एमसीएलआर घटकर 7.85 फीसदी पर आ गया है।

एसबीआई के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा ने भी जानकारी दी है कि अलग-अलग मैच्योरिटी वाले कर्ज पर एमसीएलआर को 7.65 फीसदी से घटाकर 7.60 फीसदी कर दिया है। स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में बैंक ने यह भी बताया है कि एमसीएलआर में इस नए रि​वीजन को 12 जनवरी 2020 से लागू भी कर दिया जाएगा। इसी के साथ इस बैंक में एक रात के लिए एमसीएलआर टेन्योर के लिए 7.65 फीसदी, एक महीने के ​लिए 7.60 फीसदी, तीन महीने के लिए 7.80 फीसदी, छह महीने के लिए 8.10 फीसदी और एक साल के ​लिए 8.25 फीसदी हो गया है।

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क्या है एमसीएलआर (MCLR)

मार्जिनल का मतलब होता है- अलग से या अतिरिक्त। जब भी बैंक लेंडिंग रेट तय करते हैं, तो वे बदली हुई स्थ‍ितियों में खर्च और मार्जिनल कॉस्ट को भी कैलकुलेट करते हैं।बैंकों के स्तर पर ग्राहकों को डिपॉजिट पर दी जाने वाली ब्याज दर शामिल होती है। एमसीएलआर को तय करने के लिए चार फैक्टर को ध्यान में रखा जाता है। इसमें फंड का अतिरिक्त चार्ज भी शामिल होता है। निगेटिव कैरी ऑन भी शामिल होता है। साथ ही, ऑपरेशन कॉस्ट और टेन्योर प्रीमियम शामिल होता है।



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