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Foreign Exchange Reserves: विदेशी मुद्रा भंडार में आई इस साल की सबसे बड़ी गिरावट, अब इतना रह गया देश का खजाना

Foreign Exchange Reserves: 19 मई को समाप्त हुए साप्ताहिक प्रदर्शन में विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) में भी गिरावट आई है। इस दौरान यह $4.654 बिलियन से गिरकर $524.945 बिलियन हो गया।

Viren Singh
Published on: 27 May 2023 4:25 PM IST
Foreign Exchange Reserves: विदेशी मुद्रा भंडार में आई इस साल की सबसे बड़ी गिरावट, अब इतना रह गया देश का खजाना
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Foreign Exchange Reserves (सोशल मीडिया)

Foreign Exchange Reserves: 19 मई 2023 को समाप्त हुए सप्ताह में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में जोरदार गिरावट आई है। यह गिरावट इस साल सबसे बड़ी गिरावट बताई दी गई है। इससे पहले देश के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार तीन साप्ताहिक में तेजी आई थी। भारतीय रिजर्व बैंक के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, विदेशी मुद्रा भंडार के सभी घटकों में विदेशी मुद्रा आस्तियों (एफसीए) के साथ गिरावट देखी गई है। आरबीआई ने शुक्रवार को बताया कि 19 मई को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 6.052 बिलियन डॉलर घटकर 593.47 बिलियन डॉलर पर आ गया है। इससे पहले 12 मई को इसमें 3.553 बिलियन डॉलर की तेजी आई थी।

FCA $4.654 बिलियन गिरा

आरबीआई के मुताबिक, 19 मई को समाप्त हुए साप्ताहिक प्रदर्शन में विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) में भी गिरावट आई है। इस दौरान यह $4.654 बिलियन से गिरकर $524.945 बिलियन हो गया। इससे पहले पिछले सप्ताह को इसमें $3.577 बिलियन की वृद्धि हुई थी। आपको बता दें कि FCA विदेशी मुद्रा का सबसे बड़ा घटक होता है।

जानिए अब तक भंडार का उच्चतम स्तर

आरबीआई के मुताबिक, बीते 12 मई को समाप्त हुए पिछले सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 3.553 बिलियन डॉलर चढ़ गया था। इस सप्ताह के दौरान भंडार $599.53 बिलियन पर आ गया था।31 मार्च, 2023 तक भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 578.4 बिलियन डॉलर था। अब तक का विदेशी मुद्रा भंडार का सर्वकालिक उच्च स्तर 645 बिलियन डॉलर का है, जो कि अक्टूबर 2021 में था।

आईएमएफ में देश की रखी आरक्षित गिरी

समीक्षाधीन सप्ताह में, देश का स्वर्ण भंडार 1.227 बिलियन डॉलर गिरकर 45.127 बिलियन डॉलर हो गया। एसडीआर 137 मिलियन डॉलर घटकर 18.276 बिलियन डॉलर रह गया। वहीं, आईएमएफ में भारत की रखी आरक्षित स्थिति $35 मिलियन से गिरकर $5.130 बिलियन पर जा पहुंची है। बाजार में रुपये के मूल्यह्रास को कम करने के लिए आरबीआई विदेशी मुद्रा बाजार में हाजिर और आगे की स्थिति दोनों के माध्यम से हस्तक्षेप कर रहा है।



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