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Businessman Success Story: कानपुर का यह बिजनेसमैन छा रहा अंतर्राष्ट्रीय फलक पर, यूपी में नहीं है इससे बड़ा कोई रईस

Businessman Success Story: RSPL के मालिक मुरलीधर ज्ञानचंदानी को फोर्ब्स इंडिया ने वर्ष 2017 में भारत के 100 उद्योगपति की सूची में 75 वां स्थान दिया था। वह 12000 करोड़ रुपये के मालिक हैं। मुरलीधर ज्ञानचंदानी और उनके छोटे भाई बिमल ज्ञानचंदानी ने अमेरिका की चर्चित आर्थिक मैगजीन फोर्ब्स के भारतीय संस्करण में चौथी बार जगह बना चुके हैं।

Viren Singh
Published on: 13 Aug 2023 11:52 AM IST
Businessman Success Story: कानपुर का यह बिजनेसमैन छा रहा अंतर्राष्ट्रीय फलक पर, यूपी में नहीं है इससे बड़ा कोई रईस
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Businessman Success Story(सोशल मीडिया)

Businessman Success Story: कोई ऐसे ही नहीं बिजनेसमैन बना जाता है, उसके पीछे उसकी काफी मेहनत होती है। तब जाकर वह यह मुकाम हासिल कर पाता है। आपके अगर मैं देश के उद्योगपति के नाम के बारे में पूछेंगे तो आप मुश्किल से 4-5 लोगों के नाम ही जानते होंगे, जिसमें अंबानी, अडानी, टाटा, अजीम प्रेमजी, आनंद महिंद्रा जैसे एक आध और उद्योगपति होंगे। यदि मैं आप से पूछ कि आप यूपी के सबसे बड़े उद्योगपति का नाम बताई तो कुछ देर सोच में पड़ जाएंगे और शायद ही सही जवाब दें पाएं। यूपी देश का सबसे बड़ा राज्य है। इस राज्य में कानपुर है, जिसको एक समय नॉर्थ इंडिया मैनचेस्टर कहा जाता था। जाहिर है जब इनता बड़ा टैग मिला होगा तो यहां कई बड़े उद्योगपति भी होंगे, लेकिन मीडिया में उतनी जगह नहीं मिलने की वजह से लोग इनके नाम से ज्यादा वाकिफ नहीं होते हैं।

हालांकि इनमें से कुछ ऐसे उद्योगपति हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत के बल पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग पहचान बनी है और अब इन उद्योगपतियों की भी मीडिया में चर्चा होने लगी है और लोग भी इन्हें जानने को उत्सुक हैं। यूपी के कानपुर उद्योगपतियों का शहर कहा जाए तो कम नहीं होगा। यहां पर ऐसे कई उद्योगपति हैं, जिनकी कंपनी राष्ट्रीय स्तर के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर फेमस है। ऐसे ही कानपुर के एक उद्योगपति हैं, जो वैश्विक स्तर पर अलग छाप छोड़े हुए हैं और वह यूपी के नंबर वन अरबपति कारोबारी हैं।

कानपुर के हैं रहने वाले

दरअसल, हम बात कर रहे हैं कानपुर की RSPL के बारे में। देश में ऐसा कौन होगा, जो इस विज्ञापन से वाकिफ नहीं होगा। पहले इस्तेमाल करें, फिर विश्वास करें। यह विज्ञापन घडी डिटर्जेंट पाउडर का है और इसको हिंदी सिनेमा की सबसे बड़ी अभिनेत्री श्रीदेवी किया करती थीं। घडी डिटर्जेंट पाउडर को बनाने वाली कंपनी घड़ी डिटर्जेंट पाउडर RSPL है, जिसके मालिक उत्तर प्रदेश के कानपुर के रहने वाले मुरलीधर ज्ञानचंदानी हैं और वह उत्तर प्रदेश से नंबर वन रईस की हैं।

मुरलीधर चार बार पा चुके हैं फोर्ब्स इंडिया में जगह

RSPL के मालिक मुरलीधर ज्ञानचंदानी को फोर्ब्स इंडिया ने वर्ष 2017 में भारत के 100 उद्योगपति की सूची में 75 वां स्थान दिया था। वह 12000 करोड़ रुपये के मालिक हैं। मुरलीधर ज्ञानचंदानी और उनके छोटे भाई बिमल ज्ञानचंदानी ने अमेरिका की चर्चित आर्थिक मैगजीन फोर्ब्स के भारतीय संस्करण में चौथी बार जगह बना चुके हैं। यूपी के रईस में मुरलीधर ज्ञानचंदानी का अगर पहला स्थान आता है तो उनके भाई बिमल ज्ञानचंदानी का यूपी की रईस की सूची में तीसरा नंबर है। उनकी संपत्ति 8000 करोड़ रुपये है। इतने बड़े अरबपति होने के बाद भी दोनों भाई और उनका परिवार कानपुर में एक साधारण जीवन जी रहा है।

यहां से शुरू हुआ घडी का सफर

मुरली बाबू और बिमल ज्ञानचंदानी ने कानपुर में साल 1987 में फजलगंज फायर स्टेशन के पीछे घड़ी डिटर्जेंट और साबुन बनाने की छोटी सी फैक्ट्री लगाकर कारोबार की शुरुआत की थी। आज उनके पास के कई बड़े प्रोडक्ट हैं, जिनकी बाजार में लोगों की बीच काफी मांग है। घडी को अंतरराष्ट्रीय फलक पर अलग पहचान देने के लिए दोनों भाईयों ने बड़ी मेहनत की,क्योंकि उस समय लोगों के बीच निरमा और व्हील जैसे डिटरजेंट पाउडर बाजार में एक अलग पहचान बनाए हुए थे। इन ब्रांडों से बाजार में घड़ी को काफी चुनौतियां मिल रही थीं, लेकिन हिम्मत मुरली बाबू ने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने मार्केटिंग पर जबरदस्त काम किया और यही कारण था कि उन्होंने अपने घड़ी साबुन के लिए एक पंच लाइन दी ‘पहले इस्तेमाल करें फिर विश्वास करें’। यह पंच लाइन ऐसी लोगों के बीच छाई की हर एक की जुंबा पर इसका नाम आने लगा। इस पंच लाइन में घड़ी के साबुन और डिटर्जेंट को लोगों के घरों में पहुंचाने का काम किया।

जानिए मुरली बाबू ज्ञानचंदानी के बारे में

मुरली बाबू ज्ञानचंदानी जब घडी का साबुन और डिटरजेंट बना रहे थे, उन्होंने तब अपनी कंपनी का नाम श्री महादेव सोप इंडस्ट्री रखा था। कई सालों के बाद उन्होंने साल 2005 में इसका नाम बदलकर रोहित सरफेक्टेंट प्राइवेट लिमिटेड (आरएसपीएल) कर दिया गया। यह देश का दूसरा सबसे बड़ा डिटर्जेंट पाउडर है। मुरलीधर ज्ञानचंद को यह कारोबार पिता दयालदास ज्ञानचंदानी से मिला था। ज्ञानचंदानी ग्लिसरीन से आयल साबुन का निर्माण करते थे। उसके बाद मुरलीधर इस कारोबार से जुड़े और वह कम लागत में डिटर्जेंट पाउडर बनाने लगे। आज घडी एक अलग पहचान बनाए हुए है। अब मुरलीधर ज्ञानचंदानी के बेटे भी इसका कारोबार से जुड़ गए हैं, जिनका नाम राहुल और मनोज है।

घड़ी के साथ रेड चीफ के भी हैं मालिक

मुरलीधर ज्ञानचंदानी केवल घड़ी डिटर्जेंट पाउडर के ही नहीं, बल्कि वे कई और कंपनियों के भी मालिक हैं। वे जूता बनाने वाली फेमस कंपनी रेड चीफ के भी मालिक हैं। इसके अलावा वह डेयरी कंपनी नमस्ते इंडिया व्यवसाय को भी देख रहे हैं। वहीं, उन्होंने अपने पिता के नाम पर चैरिटेबल अस्पताल का भी निर्माण करवाया है।

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