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Adani Hindenburg case: जांच की अतिरिक्त समय मांग पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, 14 अगस्त तक सेबी को मिला समय
Adani-Hindenburg case: 2 मार्च को शीर्ष अदालत ने पूंजी बाजार नियामक सेबी को निर्देश दिया कि वह हिंडनबर्ग रिपोर्ट के आलोक में अडानी समूह द्वारा किसी भी प्रतिभूति कानून के उल्लंघन की जांच करे।
Adani Hindenburg case: सुप्रीम कोर्ट ने अडानी ग्रुप और हिंडनबर्ग मामले की सुनवाई करते हुए बुधवार को अपना फैसला सुना दिया है। जांच के लिए अतिरिक्त समय की मांग पर अपनी मोहर लगते हुए शीर्ष अदालत ने बाजार नियामक सेबी को अडानी ग्रुप-हिंडेनबर्ग रिपोर्ट मामले की जांच पर अपनी रिपोर्ट जमा करने के लिए 14 अगस्त तक का समय दिया। शीर्ष अदालत ने सोमवार को हिंडनबर्ग मामले की जांच पूरी करने के लिए छह महीने के विस्तार की मांग वाली सेबी की याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी थी। पूंजी बाजार नियामक ने अडानी समूह पर लगे आरोपों की जांच पूरी करने के लिए 6 महीने का विस्तार मांगा था, लेकिन कोर्ट ने 6 महीने देने से मना करते हुए 3 महीने देने को कहा था। इस आज शीर्ष अदालत का फैसला आ गया है।
30 सितंबर तक खत्म हो सकती जांच
यह फैसला चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच ने दिया है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट बुधवार को पोर्ट-टू-पावर समूह अडानी ग्रुप के खिलाफ हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट की जांच की मांग करने वाली याचिकाओं की भी सुनवाई करेगा। सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि हम अभी हिंडनबर्ग रिपोर्ट के नतीजों से निपट रहे हैं। CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट में MPS मानदंडों का पालन न करने के मुद्दे का कुछ असर है। अब सेबी 14 अगस्त को सीेएस के समक्ष स्टेटस रिपोर्ट समिट करेगी। कोर्ट ने कहा कि स्टेटस रिपोर्ट के देखने के बाद 30 सितंबर तक जांच खत्म करने का आदेश दिया जा सकता है। आगे कोर्ट ने कहा कि शेयर बाजार के कामकाज में सुधार पर एक्सपर्ट कमिटी की रिपोर्ट सभी पक्षों को मिली है। इस पर चर्चा 11 जुलाई को की जाएगी।
कोर्ट में भूषण ने कहा कि अडानी कंपनियों बचाने का प्रयास
शीर्ष अदालत में वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि अडानी समूह की कंपनियों को बचाने का एक स्पष्ट प्रयास है और सेबी और प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (एसएटी) के साथ कई मामले सूचीबद्ध हैं। समूह के बारे में संदेह के बावजूद दो साल में इसके शेयरों में करीब 10,000 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।भूषण ने कहा कि जब तक पूंजी बाजार नियामक रिकॉर्ड पर 2016 की जांच के बारे में विवरण नहीं रखता, तब तक कोई निश्चितता नहीं हो सकती। सररकार के एक मंत्री संसद में कहा था कि सेबी 2016 और 2021 से अडानी समूह की जांच कर रहा था और बाजार नियामक को इस बात की जानकारी तक नहीं है। नियामक को रिकॉर्ड पर जानकारी देनी होगी। वरिष्ट वकील भूषण के आरोपों का जबाव देते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि शीर्ष अदालत ने जांच की निगरानी के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित की है। SG ने आगे सितंबर तक का समय मांगा।
CJI ने कहा सेबी को देनी चाहिए जांच की जानकारी
इस पर, CJI ने पलटवार करते हुए कहा कि सेबी को जांच के बारे में जानकारी देनी चाहिए और अदालत को अवगत कराना चाहिए कि दो महीने पहले की प्रगति के बारे में क्या बताया गया था। आज के विस्तार के साथ CJI ने कहा कि पूंजी बाजार नियामक को कुल 5 महीने का विस्तार मिला है। अब अदालत असीमित विस्तार नहीं दे सकती है।
सेबी ने बताया था अडानी मामला है जटिल
सेबी ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया है कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट में संदर्भित 12 लेनदेन से संबंधित जांच और जांच के संबंध में प्रथम दृष्टया यह नोट किया गया है कि ये लेनदेन अत्यधिक जटिल हैं और कई न्यायालयों में कई उप-लेनदेन हैं और इनकी कठोर जांच की जा रही है। आपको बता दें कि 2 मार्च को शीर्ष अदालत ने पूंजी बाजार नियामक सेबी को निर्देश दिया कि वह हिंडनबर्ग रिपोर्ट के आलोक में अडानी समूह द्वारा किसी भी प्रतिभूति कानून के उल्लंघन की जांच करे।
एक विशेष समिति भी हुई जांच के लिए गाठित
सुप्रीम कोर्ट ने 2 मार्च को अडानी समूह की कंपनियों पर हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट से उत्पन्न मुद्दे पर एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया। समिति में छह सदस्य शामिल हैं, जिसकी अध्यक्षता शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति एएम सप्रे कर रहे थे। इस समिति ने अपनी रिपोर्ट शीर्ष अदालत में दे दी है। उस समय शीर्ष अदालत ने सेबी को दो महीने के भीतर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था।
अडानी के छह शेयर गिराटव पर
अडानी ग्रुप की बाजार में 10 सूचीबद्ध शेयरों में से छह आज दोपहर के कारोबार में गिरावट पर हैं। अदानी टोटल गैस, अदानी ट्रांसमिशन, अदानी विल्मर, अदानी पावर, एसीसी और एनडीटीवी में 5 फीसदी तक की गिरावट आई है।