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Maternity Leave: महिलाओं के लिए खुशखबरी, हो गया मेटेरनिटी लीव में इजाफा, पुरुषों को भी राहत
Maternity Leave: फिक्की लेडीज ऑर्गनाइजेशन (एफएलओ) ने पॉल के हवाले से एक बयान में कहा कि निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों को माताओं के मातृत्व अवकाश को मौजूदा छह महीने से बढ़ाकर नौ महीने करने के बारे में एक साथ बैठने की जरूरत है।
Maternity Leave: वैसे तो देश में मातृत्व अवकाश महिलाओं को छह महीना का मिलता है, लेकिन इसको आगे बढ़ाने की मांग की सुगबुगाहट भी होने लगी है, ताकि महिलाओं को अपने बच्चे की देखभाल का और अधिक समय मिल सके। नवजात होने के बाद दो से तीन महीने उसको मां की सबसे ज्यादा जरूरत होती है, लेकिन मातृत्व अवकाश 6 महीने की होने की वजह से नौकरीपेशे होने वाले एकल परिवार की अधिकांश माएं अपने बच्चों की देखभाल नहीं कर पातीं, जिसका असर बच्चों की ग्रोथ पर पड़ता है। इन्हीं को देखते हुए राज्य की एक सरकार ने अपने यहां मातृत्व अवकाश को बढ़ाकर एक साल कर दिया है। साथ ही, एक महीना का पितृत्व अवकाश भी देना का ऐलान किया है।
1 साल का होगा मातृत्व अवकाश
दरअसल, देश के पहाड़ी राज्य सिक्किम की राज्य महिला कर्मचारियों को अब मातृत्व अवकाश एक साल का मिलेगा। इसके अलावा पुरुष कर्मचारियों को भी एक महीना का पितृत्व अवकाश मिलेगा। यह निर्णय राज्य के सीएम प्रेम सिंह तमांग ने बीते दिनों लिया है। मुख्यमंत्री ने यह फैसला इसलिए लिया है, ताकि बच्चा पैदा होने के बाद माता पिता अपने बच्चे की अच्छे देखभाल कर सके।
बदले जाएंगे नियम
इस फैसले पर मुख्यमंत्री तमांग ने कहा कि मातृत्व अवकाश और पितृत्व अवकाश के लाभ प्रदान करने के लिए सेवा नियमों में बदलाव किए जाएंगे। इस लाभ से सरकारी कर्मचारियों को अपने बच्चों और परिवारों की बेहतर देखभाल करने में मदद मिलेगी। सरकार जल्दी इस पर एक अधिसूचित जारी करेगी।
सीएम ने लोगों को बारे में कहीं ये बातें
मुख्यमंत्री ने कहा अधिकार राज्य प्रशासन की रीढ़ हैं, जो सिक्किम और उसके लोगों की वृद्धि और विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। सिविल सेवा अधिकारियों के लिए पदोन्नति प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने पर महत्वपूर्ण ध्यान दिया गया है, जिससे पदोन्नति की संख्या में वृद्धि हुई है।
बता दे कि मातृत्व लाभ अधिनियम 1961 के अनुसार, एक कामकाजी महिला गर्भवती के दौरान 6 महीने या 26 सप्ताह के सवैतनिक मातृत्व अवकाश की हकदार है। हिमालयी राज्य की जनसंख्या भारत में सबसे कम लगभग 6.32 लाख है।
साल 2017 में बढ़ा मातृत्व अवकाश
इस साल मई में नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने कहा था कि भारत के सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में मातृत्व अवकाश को छह महीने से बढ़ाकर नौ महीने किया जाना चाहिए। पहले मातृत्व अवकाश 12 सप्ताह का मिलता था लेकिन साल 2017 में केंद्र सरकार ने संसद में मातृत्व लाभ (संशोधन) विधेयक, 2016 को पारित कराकर देश में सवैतनिक मातृत्व अवकाश को बढ़ाकर 26 सप्ताह कर दिया।
जानिए क्या है मातृत्व अवकाश?
भारतीय मातृत्व लाभ अधिनियम 1961 में यह प्रावधान है कि नई माताएं अपने पहले दो बच्चों के लिए छह महीने या 26 सप्ताह का सवैतनिक अवकाश लेने की हकदार हैं। प्रत्येक अगले बच्चे के लिए, मां तीन महीने या 12 सप्ताह की छुट्टी ले सकती है, जिसका पूरा भुगतान भी नियोक्ता द्वारा किया जाता है।
मातृत्व अवकाश को और बढ़ाने की जरूरत
फिक्की लेडीज ऑर्गनाइजेशन (एफएलओ) ने पॉल के हवाले से एक बयान में कहा कि निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों को माताओं के मातृत्व अवकाश को मौजूदा छह महीने से बढ़ाकर नौ महीने करने के बारे में एक साथ बैठने की जरूरत है।