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Most Expensive Share: 30 साल पहले 11 रुपये का शेयर अब हो गया 1 लाख का, हजार रुपए निवेश वाले बने करोड़पति

Most Expensive Share: सोमवार 8 मई, 2023 को एमआरएफ का शेयर 1 लाख रुपये के आंकड़ें को छू लिया है। बीते 23 सालों में एमआरएफ के शेयर ने 10,000 फीसदी से अधिक की वृद्धि की है।

Viren Singh
Published on: 8 May 2023 3:05 PM GMT (Updated on: 8 May 2023 3:32 PM GMT)
Most Expensive Share:  30 साल पहले 11 रुपये का शेयर अब हो गया 1 लाख का, हजार रुपए निवेश वाले बने करोड़पति
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Most Expensive Share (Newstrack)

Most Expensive Share: 71 साल पहले टायर के कारोबार में कदम रखने वाले इस व्यक्ति ने यह नहीं सोचा होगा कि कभी उसकी यह कंपनी टायर के कारोबार में भारत में नबंर वन होगी। लेकिन कहावत है कि मेहनत करने वालों के भाग्य बदलने में देरी तो, मगर अंधेरी नहीं। यह कहानी है कि मद्रास की एक टायर बनाने वाली कंपनी की। वैसे तो यह कंपनी हर वक्त लोगों को की जुंबा पर छाई रहती है, लेकिन आज कुछ इसकी ज्यादा चर्चा हो रही है। यह कंपनी भारत में टायर के कारोबार में तो नबंर वन है ही, ऊपर से इसके ने शेयर इतिहास रच डाला है। इस इतिहास की वजह से इसके कई निवेशक आज करोड़पति बन गए हैं, वो भी मात्र हजार के रुपए के निवेश में।

8 मई को रचा कंपनी ने इतिहास

दरअसल, हम बात कर रहे हैं भारत की नबंर वन टायर बनाने वाली कंपनी मद्रास रबर फैक्ट्री (MRF) की। एमआरएफ ने सोमवार को शेयर बाजार इतिहास रच दिया है और यह भारत का सबसे महंगा स्टॉक बना गया है। एमआरएफ के शेयर ने 1 लाख का आंकड़ा टच कर लिया है। हालांकि बाद में इसमें गिरावट आ गई और यह नीचे कारोबार करने लगा। दोपहर 2 बजे कंपनी का शेयर बाजार में 97 हजार रुपये से अधिक प्रति शेयर पर कारोबार कर रहा था। सोमवार के कारोबार में MRF का शेयर 99,933.50 रुपये के आंकड़े को छू लिया है और यह 52 सप्ताह के नए हाई लेवल पर था।

23 साल में 10 हजार फीसदी से बढ़ा शेयर

कारोबारी सप्ताह के पहले दिन सोमवार को एमआरएफ का शेयर 98,620 रुपये पर खुला था। फिर यह 99,933 रुपये के इंट्राडे हाई तक पहुंचा गया। उसके बाद 10:15 बजे तक 98,614.05 रुपये के साथ आज का लो लेवल टच किया। बात अगर इसकी वृद्धि की करें तो एमआरएफ ने अपने निवेशकों को 20 साल में शेयर के माध्यम से 100 गुना से अधिक मुनाफा दे चुका है। 2023 से लेकर अब तक MRF के शेयर से निवेशकों को 11.38 फीलसी का लाभ प्राप्त हुआ है, जबकि 1 महीने के अंतराल में इसका शेयर 16 फीसदी उछला है। वर्ष 2000 में एमआरएफ के शेयर की कीमत 1000 रुपए पर थी। और सोमवार 8 मई, 2023 को एमआरएफ का शेयर 1 लाख रुपये के आंकड़ें को छू लिया है। बीते 23 सालों में एमआरएफ के शेयर ने 10,000 फीसदी से अधिक की वृद्धि की है।

11 शेयर रुपये 1 लाख का सफर

अगर किसने 1993 में एमआरएक के शेयरों में मात्र 11 रुपये निवेश किया होगा तो वह आज बढ़कर 1 करोड़ रुपये अधिक हो गया है। साल 1993 में एमआरएफ के 1 शेयर की कीमत 11 रुपये थी और साल 2023, 8 मई को इसके शेयर की कीमत 1 लाख रुपए हो गयी है। साल 2000 में एमआरएफ का शेयर 1 हजार रुपए प्रति शेयर था। 2012 में यह बढ़कर 10 हजार रुपये और 2010 में 25 हजार और 2018 में बढ़कर एमआरएफ का शेयर 75 हजार रुपये में पहुंच गया था, जबकि साल 2015 में यह 50 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार किया।

आखिर क्यों बना गया भारत का सबसे महंगा स्टॉक

1 लाख शेयर प्रति शेयर के आंकड़ें को छूने के बाद एमआरएफ भारत का सबसे महंगा स्टॉक बन गया है। इसके बाद से ही अब लोगों को मन में सवाल उठाने के लगे हैं कि शेयर बाजार में कई बड़ी बाजार पूंजीकरण वाली कंपनियां मौजूदा हैं, लेकिन उनके शेयर की कीमत इतनी नहीं है। फिर ऐसी क्या वजह है कि एमआरएफ का शेयर भारत का सबसे महंगा स्टॉक बन गया है। इसके पीछे की वजह यह है कि एमआरएफ ने कभी स्पिल्ट नहीं किया है। 1957 के बाद से कंपनी का शेयर कभी भी बाजार में स्पिल्ट नहीं किया है, जबकि साल 1970 में 1:2 और 1975 में 3:10 के अनुपात में MRF ने बोनस शेयर जारी किये थे, इस वजह से इसका शेयर इतना महंगा हो गया है।

1946 में इस कारोबार से एमआरएफ ने रखा कदम

आपको बात दें कि एमआरएफ का पूरा नाम मद्रास रबर फैक्ट्री है। साल 1946 में कंपनी ने गुब्बारे बनाने का कारोबार शुरू किया था। साल 1952 में कंपनी ने टायर के कारोबार में कदम रखा था। कंपनी 1961 में शेयर बाजार में लिस्ट हुई थी। भारत में एफआरएफ के 2500 से अधिक वितरक हैं और कंपनी दुनिया के 75 से अधिक देशों में टायरों को एक्सपोर्ट करती है,जबकि भारत की सबसे बड़ी टायर कंपनी है।

Viren Singh

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