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आ गई बम्बू बोतल: बहुत फायदेमंद,अब प्लास्टिक की जगह इसका करें इस्तेमाल
बताते चलें कि भारत बांस का विश्व में दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश हैं, लेकिन हम इसका इस्तेमाल अपने उत्पादों में 5 फीसदी भी नहीं करते हैं। जबकि चीन अपने फर्नीचर के निर्माण में 90 फीसदी तक बांस का इस्तेमाल करता है।
नई दिल्ली: 2 अक्टूबर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में सिंगल यूज प्लास्टिक को पूरी तरह प्रतिबंध लगाने जा रहे हैं। प्लास्टिक के सारे सामान जैसे बोतल डिब्बा आदि भी बंद हो जायेंगे। इससे पहले प्लास्टिक की बोतल का विकल्प खोज लिया गया है। तो अइये बताते हैं इसके बारे में...
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एमएसएमई मंत्रालय ने तैयार किया बोतल
एमएसएमई मंत्रालय के अधीन कार्यरत खादी ग्रामोद्योग आयोग ने बांस की बोतल का निर्माण किया है। इस बोतल की क्षमता कम से कम 750 एमएल की होगी। इन बोतलों की कीमत 300 रुपये से शुरू होगी। यह बोतलें पर्यावरण के अनुकूल होने के साथ-साथ टिकाऊ भी हैं। बता दें कि एक अक्तूबर को केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी बांस की इस बोतल को लांच करेंगे। दो अक्तूबर गांधी जयंती से खादी स्टोर में इस बोतल की बिक्री की शुरुआत होगी।
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केवीआईसी द्वारा पहले ही प्लास्टिक के गिलास की जगह मिट्टी के कुल्हड़ का निर्माण शुरू किया जा चुका है। इस प्रक्रिया के तहत अभी तक मिट्टी के एक करोड़ कुल्हड़ बनाए जा चुके हैं। केवीआईसी ने वित्त वर्ष के अंत तक एक करोड़ की क्षमता को तीन करोड़ तक ले जाने का लक्ष्य रखा है।
आकार पर निर्भर होगा बोतल की कीमत
केवीआईसी के चैयरमैन वी के सक्सेना ने कहा है कि एक अक्तूबर को बांस की बोतल के साथ एमएसएमई मंत्री कच्ची घानी सरसों का तेल की ब्रिकी का भी शुभारंभ करेंगे। उन्होंने कहा कि बांस की बोतल की बिक्री शुरू होने से भारी संख्या में रोजगार उत्पन्न होगा। बोतल से बांस की खुशबू भी लोगों को मिलती रहेगी। उन्होंने बताया कि बांस की बोतल की कीमत उसके आकार पर निर्भर करेगी।
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बताते चलें कि भारत बांस का विश्व में दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश हैं, लेकिन हम इसका इस्तेमाल अपने उत्पादों में 5 फीसदी भी नहीं करते हैं। जबकि चीन अपने फर्नीचर के निर्माण में 90 फीसदी तक बांस का इस्तेमाल करता है।