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Palash Flower Farming: यह फूल कर देगा मालामाल, करें एक बार खेती पाएं 40 साल तक बंबर लाभ

Palash Flower Farming: पलाश फूल उत्तर प्रदेश का राजकीय फूल है। इसकी सबसे अधिक खेती प्रदेश में चित्रकूट, मानिकपुर, बांदा और महोबा में की तेजी है। कुछ मध्य प्रदेश से यूपी के सटे इलाकों में भी पलास की खेती का काफी चलन है।

Viren Singh
Published on: 30 March 2023 12:48 AM IST (Updated on: 30 March 2023 1:06 PM IST)
Palash Flower Farming: यह फूल कर देगा मालामाल, करें एक बार खेती पाएं 40 साल तक बंबर लाभ
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Palash Farming Idea (सोशल मीडिया)

Palash Farming Idea: वैसे तो बिजनेस करने के लिए बाजार में और इंटरनेट पर लाखों की संख्या में आइडिया पढ़ने को मिल जाएंगे। लोग इन आइडिया पढ़कर अपने बिजनेस की शुरुआत भी कर रहे हैं। लेकिन अगर आप कुछ यूनिक बिजनेस के बारे में पता करना चाहते हैं और इसको शुरू करने का प्लान बना रहा हैं तो इस खबर के माध्मय से उस यूनिक बिजनेस आइडिया की बात करने जा रहे हैं। मेरा यहां यूनिक बिजनेस का मतलब इससे से है, जहां पर केवल एक बार निवेश हो और साल दर साल लाभ मिलता जाए। अगर आप खेती से कोई बिजनेस की शुरुआत करने का मन बना रह हैं तो इस फूल की खेती पर दांव खेल सकते हैं।

हर समय होती है फूल की मांग

वैसे तो फूल की खेती करना हमेशा से ही फायदा का सौदा रहा है,क्योंकि बाजार में इसकी मांग हर वक्त बनी रहती है, जिसकी वजह से इससे जुड़े लोगों को लाभ अधिक मितला है, जबकि यह लाभ त्योहरी सीजन में तो दोगुना हो जाता है। लेकिन फूल की खेती में एक ऐसा भी फूल है, महक जो नहीं देता परंतु गुणों के मामले में अन्य फूलों से कहीं अधिक बड़ा है। इस फूल का नाम पलाश फूल है। इस फूल में पाये जाने वाले गुणों की वजह से लोगों के बीच इसकी मांग अधिक होती है, इसलिए चाहें तो आप पलाश फूल की खेती कर सालाना तगड़ा लाभ कमा सकते हैं।

इस वजह से होती बाजार में पलाश की मांग

पलाश फूल में कई औषधीय गुण पाएं जाते हैं। इन औषधीय गुणों का उपयोग लोगों की बीमारियों में किया जाता है। अगर किसी व्यक्ति के नाम,कान और अन्य शरीर के किसी भी अंग से अगर खून का रिसाव होता है तो लोग पलाश की छाल का काढ़ा पीते हैं। इसके अलावा मानव शरीर हड्डियों को भी मजबूत बनाने में इसकी औषधी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। पलाश से निकलने वाले गोंद को मिश्री और दूध में लेने से हड्डियां मजबूत होती हैं। इसके अलावा इससे आयुर्वेदिक चूर्ण और तेल भी बनाया जाता है। वहीं, होली के रंगों को बनाने में भी पलाश के फूलों का उपयोग किया जाता है। इस फूल में पाए जाने वाली इन सभी खूबियों की वजह से इसकी मांग हर सीजन बनी रहती है और जो भी लोग पलाश की खेती कर रहे हैं, वह सालाना लाखों रुपये कमा रहे हैं।

इन राज्यों में होती है सबसे

अधिक खेती

बता दें कि पलाश फूल उत्तर प्रदेश का राजकीय फूल है। इसकी सबसे अधिक खेती प्रदेश में चित्रकूट, मानिकपुर, बांदा और महोबा में की तेजी है। कुछ मध्य प्रदेश से यूपी के सटे इलाकों में भी पलास की खेती का काफी चलन है। झारखंड और दक्षिण भारत के कुछ इलाकों में पलाश की खेती मुख्य तौर पर लोगों करते हैं।

जानें पलाश की खेती करने के

बारे में

एक एकड़ में पलाश के 3200 पौधे लगा सकते हैं। यह पौधे 3 से 4 साल बाद फूल देने लगते हैं और कमाई का साधन शुरू हो जाता है। जैसे जैसे पलाश का पौधा बढ़ाने लगता है तो फूल की संख्या में भी वृद्धि हो जाती है। इसकी खेती कर रहे एक किसान का कहना है कि पलाश एक बार पौधा लगने पर अगले 30 साल तक पेड़ बने रहने पर मुनाफा कमाया जा सकता है। अगर समय-समय पर इसकी सिचांई और रोपाई पर ध्यान दिया जाए तो। इसके पौधे कहीं से भी खरीद सकते हैं, चाहें तो किसी प्रमाणित नर्सरी से भी खरीद सकते हैं। एक एकड़ में पलाश का पौधा लगाने पर 50 हजार रुपए का खर्चा आता है,जो अगले 30 से 40 साल तक सालाना लाखों रुपये की कमाई के जरिया बनाता है।



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