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चारों तरफ हाहाकार: पेट्रोल डीजल के दामों में लगी आग, सरकार ने खड़े किए हाथ
पेट्रोलियम मंत्री ने तो सीधे सीधे तेल उत्पादक देशों को कृत्रिम रूप से कीमतों में बढ़ोतरी का दोषी ठहराया है। उन्होंने कहा है कि कच्चा तेल महंगा होने के साथ ही हम कीमतों को लेकर चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।
नई दिल्ली: सरकारी तेल कंपनियों ने फिर पेट्रोल डीजल के दामों में वृद्धि कर दी है जिसके बाद कई शहरों में पेट्रोल के दाम 100 रुपये प्रति लीटर के करीब पहुंच गया है। लगातार होती बढ़ोतरी से देश में हाहाकार मच गया है। अब रोज सुबह पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स के दाम रिवाइज़ होते हैं। लोग सुबह उठते ही सोचने को मजबूर हो गए हैं कि आज दाम कहाँ जायेंगे। रोजाना सुबह 6 बजे से ही नई दरें लागू हो जाती हैं और पेट्रोल पम्पों पर नई लिस्ट चस्पा हो जाती है।
सरकार का राहत देने से इनकार
लोग सोच रहे हैं कि शायद सरकार रहम खा कर कुछ राहत दे दे लेकिन पेट्रोलियम और नेचुरल गैस मंत्रालय ने धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है केंद्र सरकार पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले टैक्स में कोई कटौती नहीं करेगी। उन्होंने कहा है कि पेट्रोल और डीजल पर टैक्स बढ़ाना या कम करना सरकार की जरूरतों और मार्केट की स्थिति जैसे कई पहलुओं पर निर्भर करता है।
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(फोटो- सोशल मीडिया)
तेल उत्पादक देश दोषी
पेट्रोलियम मंत्री ने तो सीधे सीधे तेल उत्पादक देशों को कृत्रिम रूप से कीमतों में बढ़ोतरी का दोषी ठहराया है। उन्होंने कहा है कि कच्चा तेल महंगा होने के साथ ही हम कीमतों को लेकर चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। प्रधान ने कहा कि लॉकडाउन के कारण दुनिया भर में पेट्रोलियम उत्पादों की मांग में कमी आई और पेट्रोलियम उत्पादकों को उत्पादन में कमी करनी पड़ी। अब अर्थव्यवस्था फिर से उठ खड़ी हुई है और भारत लगभग कोरोना से पहले की स्थिति में लौट आया है।
लेकिन तेल उत्पादकों ने उत्पादन नहीं बढ़ाया है। मंत्री की बात सही भी है क्योंकि रूस, सऊदी अरब और कुछ और देश प्रोडक्शन में कटौती किये हुए हैं और दामों को बढ़ाते जा रहे हैं। प्रधान ने कहा है कि तेल उत्पादक देश दामों के उच्च स्तर से हो रही दिक्कतों के बारे में नहीं सोच रहे हैं। उन्होंने कृत्रिम मूल्य तंत्र का निर्माण किया है। इससे उपभोक्ता देशों को परेशानी हो रही है।
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(फोटो- सोशल मीडिया)
उत्पाद शुल्क घटाने का कोई विचार नहीं
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इसके पूर्व संसद में कहा था कि पेट्रोलियम उत्पादों पर उत्पाद शुल्क घटाने का फिलहाल कोई विचार नहीं है। वैश्विक बाजार में कोविड संकट के बाद पहली बार कच्चे तेल का भाव 61 डॉलर प्रति बैरल तक चला गया है। भारत को पेट्रोलियम ईंधन की जरूरत के लिए 80 प्रतिशत आयात पर निर्भर करना पड़ता है। केंद्र पेट्रोल पर प्रति लीटर 32.9 रुपये और डीजल पर प्रति लीटर 31.80 रुपये उत्पाद शुल्क लगा रही है।
पेट्रोल डीजल के दाम में एक्साइज ड्यूटी, डीलर कमीशन और अन्य चीजें जोड़ने के बाद इसका दाम लगभग दोगुना हो जाता है. विदेशी मुद्रा दरों के साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड की कीमतें क्या हैं, इस आधार पर रोज पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव होता है।
रिपोर्ट- नीलमणि लाल
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