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RBI Governor: भारतीय बैंकिंग प्रणाली बनी हुई है स्थिर, 2023 में विकास दर 7 फीसदी पार रहने का अनुमान: RBI गवर्नर
RBI Governor: आरबीआई गवर्नर कहा कि आर्थिक मंदी मुख्य रूप से उन्नत अर्थव्यवस्थाओं को प्रभावित करती है। एशिया-प्रशांत क्षेत्र में 2023 में वैश्विक विकास का लगभग 70% हिस्सा होने का अनुमान है। वहीं, आरबीआई ने अनौपचारिक सर्वेक्षणों के माध्यम से पाया कि 2,000 रुपये के नोट का सामान्य रूप से उपयोग नहीं किया जा रहा था।
RBI Governor: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के वार्षिक सत्र-2023 में भाग लिया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गवर्नर दास ने कहा कि भारतीय बैंकिंग प्रणाली स्थिर बनी हुई है। उन्होंने आगे कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था चल रहे भू-राजनीतिक संघर्षों, बढ़ते मुद्रास्फीति के दबावों और वित्तीय स्थितियों के कड़े होने के कारण चुनौतियों का सामना कर रही है, क्योंकि प्रमुख केंद्रीय बैंक मौद्रिक नीति समायोजन को लागू करते हैं।
2023 में ग्लोबल विकास में वृद्धि की संभावना
दास ने जोर देकर कहा कि अप्रैल 2023 में आईएमएफ के विश्व आर्थिक आउटलुक के अनुसार, वैश्विक विकास 2022 में 3.4% से 2023 में 2.8% तक धीमा होने का अनुमान है। हालांकि अगले साल 2024 में वैश्विक विकास में वृद्धि होने का अनुमान है और यह 3 फीसदी की वृद्धि करेगा। दास ने कहा कि अगर 2022-23 में भारत की जीडीपी विकास दर 7 फीसदी के पार चली जाती है तो कोई आश्चर्य नहीं होगा। महंगाई अभी खत्म नहीं हुई है। कहा कि केंद्रीय बैंक का दृष्टिकोण और प्रयास विवेकपूर्ण, सक्रिय और समय पर कार्य करने का रहा है। मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि अर्थव्यवस्था की उत्पादक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त तरलता उपलब्ध कराई गई है।
एग्रीकल्चर और सर्विस सेक्टर का अच्छा प्रदर्शन
उन्होंने सरकार से अल नीनों के प्रभाव पर सतर्क नजर रखने की जरूरत बताई है, जो कि एर्गीकल्चर सेक्टर के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि भारत का सर्विस सेक्टर अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। निजी कंपनियों की निवेश की वजह से देश का कृषि क्षेत्र भी अच्छी वृद्धि कर रहा है।
वैश्विक विकास में भारत 15 फीसदी दे सकता योगदान
आरबीआई गवर्नर कहा कि आर्थिक मंदी मुख्य रूप से उन्नत अर्थव्यवस्थाओं को प्रभावित करती है। एशिया-प्रशांत क्षेत्र में 2023 में वैश्विक विकास का लगभग 70% हिस्सा होने का अनुमान है। इन अनुमानों के अनुरूप चालू वर्ष में वैश्विक विकास के लिए भारत से करीब 15 फीसदी योगदान करने की उम्मीद है। गवर्नर ने कहा कि फिनटेक सेक्टर और डिजिटल लेंडिंग केंद्रीय बैंक के एजेंडे में सबसे ऊपर है।
हर दिन हो रहा 37 करोड़ रुपये से अधिक डिजिटल लेनदेन
उन्होंने डिजिलट लेनदेन पर कहा कि देश में साल 2016 में डिजिटल माध्यम से लेनदेन प्रति दिन करीब 2.28 करोड़ प्रति दिन थी। नवीनतम डेटा यह है कि अब यह लेनदेन प्रतिदिन 37.37 करोड़ रुपये पर है। वहीं, यूपीआई से दैनिक लेनदेन 29.5 करोड़ रुपये के करीब हो गया है, जो कि रिकॉर्ड है।
सामान्य रूप से नहीं उपयोग हो रहा 2000 का नोट
2000 रुपये के नोट बंदी पर दास ने कहा कि आरबीआई ने अनौपचारिक सर्वेक्षणों के माध्यम से पाया कि 2,000 रुपये के नोट का सामान्य रूप से उपयोग नहीं किया जा रहा था। 2,000 रुपये के नोट ने अपना जीवन चक्र पूरा कर लिया था और इसे बाहर निकालना पड़ा। उन्होंने कहा कि उच्च मूल्यवर्ग की मुद्रा यहां बची रहती है और वहां अन्य संपार्श्विक मुद्दे पैदा हो सकते हैं। दास ने कहा कि मंगलवार को बैंकों 2000 नोट को बदलने को लेकर कोई बड़ी भीड़ नहीं थी। इसको लेकर अब कोई बड़ी चिंता की बात सामने नहीं आई है।