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RBI Monetary Policy 2023: UPI को लेकर आरबीआई का बड़ा ऐलान, पूर्व-स्वीकृत क्रेडिट लाइनों की मिली अनुमति

RBI Monetary Policy 2023: आरबीआई गवर्नर शाक्तिकांत दास ने कहा कि हम पिछली नीतियों में यूपीआई से संबंधित बहुत सारी घोषणाएं करते रहे हैं। समय-समय पर नए उत्पादों और सुविधाओं को विकसित करने के लिए यूपीआई की मजबूती का लाभ उठाया गया है।

Viren Singh
Published on: 6 April 2023 5:38 PM IST
RBI Monetary Policy 2023: UPI को लेकर आरबीआई का बड़ा ऐलान, पूर्व-स्वीकृत क्रेडिट लाइनों की मिली अनुमति
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RBI Monetary Policy 2023 (सोशल मीडिया)

RBI Monetary Policy 2023: भारतीय रिजर्व बैंक ने यूनाइटेड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) को लेकर एक बड़ा कदम उठाया है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को UPI के माध्यम से बैंकों द्वारा पूर्व-स्वीकृत क्रेडिट लाइनों के संचालन की अनुमति देकर UPI के दायरे का विस्तार करने का प्रस्ताव दिया। इस पर दास का कहना है कि यह पहल नवाचारों को प्रोत्साहित करेगी।

UPI को लेकर हो रही कई घोषणाएं

केंद्रीय बैंक ने यह घोषणा तब की, जब वह गुरुवार को अपनी मौद्रिक नीति की वित्त वर्ष 2024 की पहली बैठक के निर्यण की मीडिया के सामने जानकारी दे रही थी। गवर्नर शाक्तिकांत दास ने कहा कि UPI के माध्यम से बैंकों द्वारा पूर्व-स्वीकृत क्रेडिट लाइनों के संचालन की अनुमति मिलने से यूपीआई के पदचिन्हों को व्यापक बनाएगी। दास ने कहा कि हम पिछली नीतियों में यूपीआई से संबंधित बहुत सारी घोषणाएं करते रहे हैं। समय-समय पर नए उत्पादों और सुविधाओं को विकसित करने के लिए यूपीआई की मजबूती का लाभ उठाया गया है।

आर्थिक विकास और मिलेगी गति

इसे एक अधिक कुशल और डिजिटल बैंकिंग पारिस्थितिकी तंत्र की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताते हुए एफआईएस में भारत के विकास, बैंकिंग और भुगतान के प्रमुख राजश्री रंगन ने कहा कि इससे ग्राहकों को ऋण सुरक्षित करने के लिए आवश्यक समय और प्रयास को कम करने में मदद मिलेगी। यह अंततः आर्थिक विकास और विकास को गति देगा।

यह साबित होगा मील का पत्थर

एफआईएस में भारत के बैंकिंग प्रमुख हरीश प्रसाद के अनुसार, यूपीआई के माध्यम से पूर्व-स्वीकृत क्रेडिट लाइनों तक पहुंच एक मील का पत्थर निर्णय है, जो डिजिटल ऋण और बीएनपीएल स्पेस को फिर से प्रज्वलित कर सकता है। इससे पहले क्रेडिट-लाइन और ऋण से प्रीपेड वॉलेट और कार्ड में संवितरण पर प्रतिबंध लगाया गया था।

रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर रखा स्थिर

आपको बता दें कि आरबीआई ने गुरुवार को 3 अप्रैल से लेकर 6 अप्रैल तक चली वित्त वर्ष 2024 की पहली मौद्रिक नीति के फैसलों की जानकारी दे दी है। केंद्रीय बैंक ने प्रमुख बेंचमार्क नीति दर को 6.5 प्रतिशत पर रखने का फैसला किया। मई 2022 से लगातार 250 आधार अंकों की कुल दर में लगातार छह वृद्धि के बाद दर वृद्धि को रोक दिया गया है। गवर्नर शाक्तिकांत दास ने ब्याज दर को बरकरार रखते हुए कहा कि मुख्य मुद्रास्फीति स्थिर बनी हुई है।



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