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Debt MFs vs Bank FD: डेट एमएफ या फिर एफडी में निवेश करने से पहले जाने लें ये जरूरी बातें, वरना हो सकता घाटा

Debt MFs vs Bank FD: डेट म्यूचुअल फंड (डीएमएफ) जल्दी निकासी के लाभ के साथ बैंक एफडी की तुलना में थोड़ा अधिक रिटर्न प्रदान करते हैं। ऐसे अगर किसी निवेशक को अधिक लाभ चाहिए तो वह DMF के विकल्प का चुन सकता है। आइये जानते हैं इन दोनों के अन्य फीचर्स व लाभ ?

Viren Singh
Published on: 22 July 2023 6:54 PM IST (Updated on: 22 July 2023 8:57 PM IST)
Debt MFs vs Bank FD: डेट एमएफ या फिर एफडी में निवेश करने से पहले जाने लें ये जरूरी बातें, वरना हो सकता घाटा
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Debt MFs vs Bank FD (सोशल मीडिया)

Debt MFs vs Bank FD: एक समय था जब हर अतिरिक्त पैसा बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) में निवेश किया जाता था। हमारे माता-पिता ने अपना पैसा एफडी में डाल दिया करते थे। उस समय ब्याज कमाने का यह सबसे अच्छा विकल्प था और यह सुनिश्चित करना था कि मूल राशि सुरक्षित रहे। लेकिन आज के दौर में निवेश का दायरा एफडी खुलकर और बड़ा हो गया है। लोग निवेश के जोखिम के आधार पर कई पैसा लगाने का अब विकल्प चुन सकते हैं। हालांकि हाल के कुछ सालों में आकर्षक ब्याज दरों के कारण म्यूचुअल फंड निवेश भी चर्चा में आ गए हैं और लोग धड़ल्ले से इसमें निवेश कर रहे है। ऐसे में तो क्या बैंक एफडी की चमक खत्म हो गई है? तो आज इस लेख के माध्यम से यह जानने की कोशिश करेंगे कि अगर कोई निवेशक पैसा निवेश करना चाह रहा है तो वह डीएमएफ की ओर जाए या फिर एफडी डालें।

जानें डीएमएफ और एफडी के बारे में

दरअसल,डेट म्यूचुअल फंड (डीएमएफ) जल्दी निकासी के लाभ के साथ बैंक एफडी की तुलना में थोड़ा अधिक रिटर्न प्रदान करते हैं। ऐसे अगर किसी निवेशक को अधिक लाभ चाहिए तो वह DMF के विकल्प का चुन सकता है। आइये जानते हैं इन दोनों के अन्य फीचर्स व लाभ ?

अधिक ब्याज कहां?

किसी भी म्यूचुअल फंड की तरह एक डेट म्यूचुअल फंड (डीएमएफ) प्रतिभूतियों के पोर्टफोलियो पर काम करता है। यह निवेशकों को बैंक एफडी की तुलना में थोड़ा अधिक ब्याज-उपज के अवसर में भाग लेने की अनुमति मिलती है।

पैसा सरक्षित कहां?

एक अच्छा फंड मैनेजर पैसे की उच्च स्तर की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकता है और एक निवेशक को डीएमएफ पर विचार करना चाहिए जो एएए-रेटेड प्रतिभूतियों में निवेश करता है। सुरक्षित निवेश के साथ थोड़ा अधिक रिटर्न डीएमएफ को एक बेहतर विकल्प बनाता है, न कि एफडी। हालांकि एफडी में सौ फीसदी पैसा सुरक्षित रहता है, लेकिन डीएमएफ के मामले में ऐसा नहीं होता है।

लॉक इन अवधि कहां अच्छी?

डीएमएफ में निवेशक बहुत कम लॉक-इन के बाद भी इससे बाहर निकल सकता है। हालांकि एफडी के मामले में ऐसा नहीं है। एफडी निवेशको अगर ब्याज का लाभ चाहिए तो उसे लॉक इन अवधि पूरी करनी पड़ेगी। बैंक एफडी पर जल्दी निकासी के मामले में दंडात्मक दर का सामना करना पड़ता है।

टैक्स के मामले में कौन अच्छा

कर उपचार में बदलाव के साथ डीएमएफ बैंक एफडी के बराबर आ गया है, जिसका अर्थ है कि रिटर्न पर निवेशक की अन्य आय के समान कर लगाया जाता है। हालांकि पहले डीएमएफ निवेश में भी कर में छूट मिलती थी।

किसमें होता है ब्याज दरों में परिवर्तन?

ध्यान में रखा जाने वाला एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि ऋण प्रतिभूतियां ब्याज दरों के प्रति संवेदनशील होती हैं और रिटर्न अर्थव्यवस्था में ब्याज दरों के विपरीत आनुपातिक होता है, जबकि बैंक एफडी नहीं होते हैं।

एमएफ पर टैक्स स्लैब

1 अप्रैल 2023 को वित्त विधेयक में संशोधन द्वारा दीर्घकालिक ऋण म्यूचुअल फंड के लिए टैक्स लाभ को सरकार द्वारा समाप्त कर दिया गया। डेट फंड पर अल्पकालिक लाभ (यानी तीन साल से कम) आपके टैक्स स्लैब दर के अनुसार कर योग्य है। हालांकि एफडी ब्याज दरों मामले में ऐसा नहीं।



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Viren Singh

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