TRENDING TAGS :
अंबानी का बड़ा एलान: अब आपके हाथों में सस्ते स्मार्ट फोन, गूगल भी आया साथ
रिलायंस का नया इनोवेशन जियो ग्लास है। इसे किसी फोन से जोड़कर इंटरनेट चलाया जा सकता है। यह एक चश्मा है। इसमें ऑडियो यानी गीत संगीत भी चलेगा और 25 ऐप्लीकेशन चलेगा। इसमें 2डी और 3डी वीडियो चैटिंग होगी।
नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज की 43वीं एनुअल मीटिंग (AGM) हुई। इस मीटिंग को संबोधित करते हुए रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने बताया कि गूगल 33 हजार 737 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। इस निवेश के जरिए जियो में गूगल की 7.7 फीसदी हिस्सेदारी होगी। यही नहीं, गूगल के साथ स्ट्रेटजिक पार्टनरशिप की घोषणा भी की गई।
रिलायंस इंडस्ट्रीज की 43वीं एनुअल मीटिंग
मार्केट कैप के लिहाज से रिलायंस इंडस्ट्रीज देश की सबसे बड़ी कंपनी के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने 43वीं एनुअल मीटिंग में निम्नलिखित उद्देश्यों को सामने रखा।
- मुकेश अंबानी ने बताया कि हम स्वदेशी स्तर पर विकसित 5जी सॉल्युशन ट्रायल के लिए तैयार हैं। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान को समर्पित होगा।
-रिलायंस का नया इनोवेशन जियो ग्लास है। इसे किसी फोन से जोड़कर इंटरनेट चलाया जा सकता है। यह एक चश्मा है। इसमें ऑडियो यानी गीत संगीत भी चलेगा और 25 ऐप्लीकेशन चलेगा। इसमें 2डी और 3डी वीडियो चैटिंग होगी।
ये भी देखें: Amazon लाया खुशियाँ: अब आपकी समस्या हुई खत्म, शॉपिंग-बिल हुआ बेहद आसान
-इसके साथ ही रिलायंस ने ये भी दावा किया है कि जियो मीट भारत का सबसे सुरक्षित वर्चुअल मीटिंग ऐप है। वहीं, जियो मार्ट किराना डिलाइट शुरू करेगा। इस प्लेटफॉर्म से किराना दुकानदारों को जोड़ा जाएगा। इसके जरिए कस्टमर्स आपका सपोर्ट हमारा थीम पर काम होगा।
-रिलायंस जियो एंट्री लेवल 5जी स्मार्टफोन लेकर आएगी। इसके अलावा गूगल के साथ मिलकर रिलायंस एक एंड्रॉयड बेस्ट ऑपरेटिंग सिस्टम तैयार करेगी। इसका मकसद हर भारतीय के हाथ में सस्ता स्मार्टफोन देना है।
- इस दौरान मुकेश अंबानी ने कहा कि कोरोना संकट आधुनिक इतिहास का सबसे बड़ा संकट है। लेकिन भारत और दुनिया आगे इसके बाद तेज बढ़त हासिल करेगी, यह मुझे विश्वास है। कोई भी संकट एक नया अवसर भी पैदा करता है।
-मुकेश अंबानी ने कहा कि हम भारत के सबसे बड़े निर्यातक और निजी क्षेत्र के सबसे बड़े टैक्सपेयर्स हैं। जीएसटी और वैट और निजी क्षेत्र में इनकम टैक्स के भी हम सबसे बड़े योगदान करने वाले हैं।
- मुकेश अंबानी ने कहा कि हम इस बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और अन्य ऑडियो—विजुअल माध्यमों से यह एजीएम कर रहे हैं जो कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के सर्कुलर के मुताबिक है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर में करीब 3 फीसदी तक की तेजी
इस बीच, बुधवार के दोपहर के कारोबार में रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर में करीब 3 फीसदी तक की तेजी देखने को मिली और यह 1975 रुपये के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया। कारोबार के अंत में रिलायंस के शेयर में 1 फीसदी तक की गिरावट आई और यह 1900 रुपये के भाव पर आ गया।
ये भी देखें: बच्चे ने लूटा बैंक: कुछ ही सेकंड में खाली पूरा पैसा, 10 लाख लेकर फरार
इससे पहले, मंगलवार को रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर भाव दबाव में थे। वहीं रिलायंस इंडस्ट्रीज के मार्केट कैप की बात करें तो 12 लाख 45 हजार करोड़ के स्तर पर है। यह पहली भारतीय कंपनी है जिसने इस मुकाम को हासिल किया है। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने ही 9, 10 और 11 लाख करोड़ के मार्केट कैप के लक्ष्य को हासिल किया था।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के निवेशकों में फेसबुक जैसी कंपनियां शामिल हैं
कोरोना संकट काल में रिलायंस इंडस्ट्रीज को एक के बाद एक, कई बड़ी सफलताएं मिली हैं। रिलायंस के जियो प्लेटफॉर्म को वैश्विक स्तर पर 1 लाख करोड़ से ज्यादा का निवेश मिल चुका है। अहम बात ये है कि इन निवेशकों में फेसबुक जैसी कंपनियां शामिल हैं। इस निवेश की वजह से रिलायंस इंडस्ट्रीज कर्जमुक्त भी हो गई है। आपको यहां बता दें कि रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कर्ज मुक्त होने के लिए मार्च 2021 तक की डेडलाइन रखी थी। कहने का मतलब ये है कि कंपनी समय से करीब 9 माह पहले ही कर्जमुक्त हो गई है।
राइट इश्यू ने दिखाया कमाल
हाल ही में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने शेयर बाजार को बताया था कि कंपनी के चेयरमैन मुकेश अंबानी के 80 लाख से ज्याहदा शेयर हो गए हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज के हाल में बंद हुए राइट्स इश्यू में मुकेश अंबानी को कुल 5.52 लाख शेयर मिले हैं। इसी के साथ मुकेश अंबानी के पास अब रिलायंस इंडस्ट्रीज के 80.52 लाख शेयर हो गए हैं। राइट्स इश्यू से पहले उनके पास 75 लाख शेयर थे।
बता दें कि रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपने निवेशकों के लिए 53,124 करोड़ रुपये के राइट्स इश्यू को लॉन्च् किया था। इसके जरिए कंपनी ने अपने शेयरधारकों को अतिरिक्त शेयर खरीदने का मौका दिया था। इस इश्यू को 1.6 गुना सब्स क्रिेप्शधन मिला। शेयरों के लिए कुल 84,000 करोड़ रुपये की बोलियां मिली थीं।