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रिजर्व बैंक ने बनाये रखी यथास्थिति, आम जनता के लिए कोई राहत की बात नहीं

शक्तिकांत दास ने कहा कि सरकार रिजर्व बैंक के लिए नियत इन्फ्लेशन लक्ष्य की समीक्षा मार्च में करेगी। इससे पता चलेगा कि महंगाई किस लेवल पर है। उन्होंने बताया कि निकट भविष्य में सब्जियों के दाम नरम बने रहेंगे।

suman
Published on: 5 Feb 2021 6:18 AM GMT
रिजर्व बैंक ने बनाये रखी यथास्थिति, आम जनता के लिए कोई राहत की बात नहीं
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रिजर्व बैंक ने बनाये रखी यथास्थिति, आम जनता के लिए कोई राहत की बात नहीं

नीलमणि लाल

लखनऊ भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक आज समाप्त हो गई है। आम बजट 2021-22 पेश होने के बाद यह पहली समीक्षा बैठक है। पिछली तीन मौद्रिक समीक्षा बैठकों में समिति ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। रिजर्व बैंक ने आखिरी बार 22 मई 2020 में नीतिगत दरों संशोधन किया था। यानी जो लोन की किस्तें पहले थीं वो वैसी की वैसी हैं।

रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया है कि आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। यह चार फीसदी पर बरकरार है। एमपीसी ने सर्वसम्मति से यह फैसला लिया है। यानी ग्राहकों को ईएमआई या लोन की ब्याज दरों पर नई राहत नहीं मिली है। दास ने कहा कि रिवर्स रेपो रेट को भी 3.35 फीसदी पर स्थिर रखा गया है। इसके साथ ही बैंक रेट में भी कोई बदलाव नहीं करने का फैसला लिया गया है। यह 4.25 फीसदी पर है।

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बाजार से पैसा उठाने

रिज़र्व बैंक की समिति ने आम बजट के प्रस्तावों का समर्थन किया है और कहा है कि सरकार ने बाजार से पैसा उठाने की जो कार्यक्रम बनाया है, रिजर्व बैंक उसका अनुपालन सुनिश्चित करेगा। गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि इस बार के बजट ने स्वास्थ्य और इन्फ्रा सेक्टरों पर जोर दिया है जो एक सकारात्मक कदम है। उन्होंने कहा कि आर्थिक रिकवरी के मजबूत संकेत हैं और अगले वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ की दर 10.5 फीसदी रहने का अनुमान है।

शक्तिकांत दास ने कहा कि सरकार रिजर्व बैंक के लिए नियत इन्फ्लेशन लक्ष्य की समीक्षा मार्च में करेगी। इससे पता चलेगा कि महंगाई किस लेवल पर है। उन्होंने बताया कि निकट भविष्य में सब्जियों के दाम नरम बने रहेंगे।

मौद्रिक नीति के उद्देश्य

*मूल्य स्थिरता की आवश्यकता आर्थिक विकास के साथ-साथ कीमतों के बढ़ने की गति पर विराम लगाने के लिए अत्यंत जरूरी होता है।

* बैंक के ऋणों की बढ़ोत्तरी पर नियंत्रण बना रहे।

*स्थिर निवेश का संवर्धन हो।

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* ऋण का वांछित वितरण हो ताकि लिक्विडिटी बनी रहे।

*ऋण का समान वितरण हो। रिजर्व बैंक की नीति के अंतर्गत अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों को समान लाभ का अवसर उपलब्ध कराया जाता है।

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