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Mukesh Ambani News: मुकेश अंबानी को तगड़ा झटका, इस सरकारी बैंक ने तोड़ दिया Reliance का 10 साल पुराना रिकॉर्ड
Mukesh Ambani News: पिछले दो दशकों में यह केवल दूसरा अवसर है जब एसबीआई ने टीटीएम आधार पर उच्च शुद्ध लाभ दर्ज किया है। पिछला अवसर 2011-12 (FY12) जुलाई-सितंबर तिमाही था, जब एसबीआई ने आरआईएल के 18,588 करोड़ रुपये के समेकित शुद्ध लाभ के मुकाबले 18,810 करोड़ रुपये का टीटीएम शुद्ध लाभ दर्ज किया था।
Mukesh Ambani: कोविड-19 महामारी के प्रकोप के बाद घरेलू सहित वैश्विक अर्थव्यवस्था में हो रहे परिवर्तन से भारत के कॉर्पोरेट प्रॉफिट लीग की तालिका में भी बदलाव देखने को मिल रहा है। देश की सबसे वैल्यूएबल कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज है। बीते 10 सालों यानी एक दशक से भारत की अगर कोई सबसे प्रॉफिटेबल कंपनी रही है तो वह अरबपति कारोबारी मुकेश अंबानी की रिलायंस कंपनी रही है, लेकिन अब यह तगमा छीन गया है। यानी अब रिलायंस देश की सबसे लाभकारी कंपनी नहीं रही है, उसके साथ स्थान पर एक सरकारी कंपनी आ गई है। वित्तीय वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही (Q1) में रिलायंस शुद्ध लाभ कामाने के मामले में देश के सबसे बड़ी सरकारी बैंक एसबीआई से पीछे छूट गई है।
शुद्ध लाभ के मामले में इस बैंक से पीछे हुए रिलायंस
वित्तीय वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में जारी हुई नतीजों में सार्वजनिक क्षेत्र के ऋणदाता SBI का तिमाही शुद्ध लाभ 18,537 करोड़ रुपये रहा, जबकि इस दौरान आरआईएल यानी (रियांलस) को 16,011 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ मिला। इस हिसाब से एसबीआई ने रिलायंस को पीछे छोड़ दिया है।
10 साल में दूसरी बार दर्ज किया शुद्ध लाभ
भारत के सबसे बड़े ऋणदाता ने इस साल जून में समाप्त 12 महीने (टीटीएम) के दौरान 66,860 करोड़ रुपये का समेकित शुद्ध लाभ (असाधारण लाभ और हानि के लिए समायोजित) दर्ज किया, जो कि तिमाही में आरआईएल के टीटीएम समायोजित शुद्ध लाभ 64,758 करोड़ रुपये से अधिक है। पिछले दो दशकों में यह केवल दूसरा अवसर है जब एसबीआई ने टीटीएम आधार पर उच्च शुद्ध लाभ दर्ज किया है। पिछला अवसर 2011-12 (FY12) जुलाई-सितंबर तिमाही था, जब एसबीआई ने आरआईएल के 18,588 करोड़ रुपये के समेकित शुद्ध लाभ के मुकाबले 18,810 करोड़ रुपये का टीटीएम शुद्ध लाभ दर्ज किया था।
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एम-कैप पर रिलायंस है देश की सबसे बड़ी कंपनी
रिलायंस मार्केट कैपिटलाइजेशन (एम-कैप) के लिहाज से भारत की सबसे वैल्यूएबल कंपनी है। रिलायंस देश में ऑयल, टेलीकॉम और रिटेल जैसे कई सेक्टरों काम करते हुए प्रॉफिट कमाने के मामलें में कॉरपोरेट कंपनियों के लिस्ट में सबसे ऊपर रही है। हालांकि अब पीछे हो गई है। रिलायंस ऑयल के क्षेत्र में सार्वजनिक क्षेत्र की तेल और गैस कंपनियों जैसे तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (इंडियनऑयल) के साथ कड़ी प्रतिस्पर्धा करती है।
जानें और कब हुई रिलायंस पीछे
आरआईएल को आखिरी बार 2012-13 की अप्रैल-जून तिमाही में समाप्त टीटीएम के दौरान इंडियन ऑयल द्वारा लाभ लीग तालिका में हराया गया था। इससे पहले वित्त वर्ष 2012 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही तक ओएनजीसी प्रॉफिट लीग में रिलायंस से आगे थी।