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सुप्रीम कोर्ट ने साइरस मिस्त्री को दिया झटका, NCLAT के आदेश पर लगाई रोक

सुप्रीम कोर्ट से साइरस मिस्त्री को बड़ा झटका लगा है। देश की सर्वोच्च अदालत ने टाटा ग्रुप का एग्जिक्युटिव चेयरमैन बनाए जाने के फैसले पर रोक लगा दी है। देश के दिग्गज कारोबारी समूह पर चीफ जस्टिस एसए बोबडे की बेंच ने यह अहम फैसला सुनाया।

Dharmendra kumar
Published on: 10 Jan 2020 10:59 AM GMT
सुप्रीम कोर्ट ने साइरस मिस्त्री को दिया झटका, NCLAT के आदेश पर लगाई रोक
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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट से साइरस मिस्त्री को बड़ा झटका लगा है। देश की सर्वोच्च अदालत ने टाटा ग्रुप का एग्जिक्युटिव चेयरमैन बनाए जाने के फैसले पर रोक लगा दी है। देश के दिग्गज कारोबारी समूह पर चीफ जस्टिस एसए बोबडे की बेंच ने यह अहम फैसला सुनाया।

बता दें कि पिछले दिनों नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (NCLAT) ने साइरस मिस्त्री को राहत देते हुए उन्हें वापस टाटा ग्रुप का एग्जिक्युटिव चेयरमैन बनाने का फैसला सुनाया था। बाद में इस फैसले के खिलाफ टाटा संस ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।

नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल ने 18 दिसंबर को साइरस मिस्त्री के पक्ष में फैसला सुनाया था। ट्रिब्यूनल ने इसके अलावा एन चंद्रशेखरन की नियुक्ति को भी अवैध बताया था। कोर्ट ने साइरस मिस्त्री से कहा कि वह चार सप्ताह के भीतर टाटा ग्रुप की अपील का जवाब दें।

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गौरतलब है कि साइरस मिस्त्री ने रविवार को कहा कि टाटा समूह में वापस लौटने में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है और यह निर्णय समूह के हित में लिया गया है, जिसका हित किसी भी व्यक्तिगत हितों से अधिक महत्वपूर्ण है।

शापूरजी पालोनजी परिवार के साइरस मिस्त्री दिसंबर, 2012 में रतन टाटा के स्थान पर टाटा संस के कार्यकारी अध्यक्ष बने थे। इस पद की वजह से वह टाटा पावर और टाटा मोटर्स जैसी टाटा समूह की सभी सूचीबद्ध कंपनियों के मुखिया बन गए थे।

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इसलिए हुआ था विवाद

रतन टाटा कैम्प और कंपनी बोर्ड ने दुर्व्यवहार का आरोप लगाकर साइरस मिस्त्री को बाहर का रास्ता दिखा दिया। टाटा सन्स के बोर्ड ने 24 अक्टूबर, 2016 को साइरस मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटाया था। इसके साथ ही उन्होंने साइरस को ग्रुप की अन्य कंपनियों से भी बाहर जाने के लिए कह दिया था। इसके बाद साइरस ने ग्रुप की 6 कंपनियों के बोर्ड से अपना इस्तीफा दिया। हालांकि इसके साथ ही उन्होंने टाटा सन्स और रतन टाटा को एनसीएलटी में लेकर चल गए।

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टाटा समूह का पक्ष

टाटा ग्रुप ने कहा कि साइरस मिस्त्री को इसलिए निकाला गया था, क्योंकि बोर्ड उनके प्रति विश्वास खो चुका था। ग्रुप का आरोप था कि मिस्त्री ने जानबूझकर और कंपनी को नुकसान पहुंचाने की नीयत से संवेदनशील जानकारी लीक की जिसकी वजह से ग्रुप की मार्केट वैल्यू में बड़ा नुकसान हुआ।

Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

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