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Stationery Price Hike: बच्चों की पढ़ाई भी महंगी! 30 फीसदी तक बढ़े कॉपी-किताब और स्टेशनरी के रेट, ये है वजह

Stationery Price Hike: एक तरफ खाद्य पदार्थों से लेकर रोज मर्रा की वस्तुओं की कीमत बढ़ रही है। ऐसे में स्टेशनरी को महंगाई की मार झेलनी पड़ रही है।

Snigdha Singh
Published on: 5 July 2023 12:39 PM GMT
Stationery Price Hike: बच्चों की पढ़ाई भी महंगी! 30 फीसदी तक बढ़े कॉपी-किताब और स्टेशनरी के रेट, ये है वजह
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Stationery Price Hike (Image: Social Media)

Stationery Price Hike: खाद्य पदार्थों के बाद अब पढ़ाई पर भी महंगाई का असर पड़ा है। पेन-पेंसिल, स्याही, रजिस्टर, कॉपी, कागज और फाइल आदि की कीमतों में 30 से 35 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हो गई है। कारोबारियों के मुताबिक कच्चे माल की आपूर्ति व उसकी कीमतों से प्रोडक्शन में दिक्कत आ रही है। दो महीने के भीतर कागज की कीमतों में करीब 30 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। इससे कापी-किताब और स्टेशनरी पर एक बच्चे पर 8 से 10 हजार रुपये तक खर्च करना पड़ रहा है। पहले यह सामान छह हजार रुपये तक में मिल जाता था।

जीएसटी दर बढ़ने से दामों में इजाफा

स्टूडेंटस गैलरी के संचालक स्टेशनरी विक्रेता प्रभाकर सिंह ने बताया कि पेन पर 12 से 18 प्रतिशत जीएसटी लगता है। इसके अलावा ब्लेड 18 प्रतिशत, कटर 18 प्रतिशत, कागज 12 व स्याही पर 18 प्रतिशत जीएसटी है। उन्होंने बताया कि कंपनियों ने कापियां तो महंगी की हैं, उनके पेज भी कम कर दिए हैं।

घट गए कापियों के पेज

पहले जिस कापी में 100 पेज थे अब वह घटकर 80 ही रह गए हैं। कुछ कापियों की लंबाई और चौड़ाई कम हो गई है। पेंसिल की लंबाई में भी अंतर आया है। पिछले साल 15 रुपये में आने वाला पेन अब 20 में, रबर दो रुपये की जगह तीन रुपये में मिल रहा है। स्टेशनरी विक्रेता मुकेश कुमार ने बताया कि पेपर रोल, डायरी, पेन, पेंसिल, कलर की कीमतें 22 से 30 प्रतिशत बढ़ गई हैं। वहीं स्कूल के रजिस्टर, कॉपी, कलर व सफेद पेपर, फाइलों की कीमतों में 30 फीसदी तक का इजाफा हुआ है। पैकिंग मटेरियल की कीमतें भी महंगाई की चपेट में हैं। स्टेशनरी में जो टेप पहले 30 रुपए में आता था, अब उसकी कीमत 40 रुपए, पैकिंग कवर की 20 तक बढ़ गईं।

स्कूल और महंगी दे रहे कॉपियां

बाजार में कॉपी-किताब समेत पूरी स्टेशनरी के दाम बढ़ गए हैं। लेकिन स्कूल बाजार से भी अधिक दाम बढ़ाकर कॉपी-किताब दे रहे हैं। शहर के नामचीन और बड़े स्कूलों ने ये तय कर दिया है कि छात्रों के अभिभावकों को स्कूल से ही स्टेशनरी खरीदनी होगी। ऐसे में अभिभावक और महंगाई की मार झेल रहे हैं।

Snigdha Singh

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