कर्मचारियों को इतने घंटे करने पड़ेंगे काम, एक अप्रैल से नया नियम लागू करेगी सरकार

लेबर कानून में बने काम करने की टाइमिंग के बारे में साफ-साफ लिखा होना चाहिए। इससे किसी को कोई भ्रम पैदा ना हो यह नियम 1 अप्रैल से लागू किया जा सकता है।

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Published on: 29 Dec 2020 5:48 AM GMT
कर्मचारियों को इतने घंटे करने पड़ेंगे काम, एक अप्रैल से नया नियम लागू करेगी सरकार
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कर्मचारियों को इतने घंटे करने पड़ेंगे काम, एक अप्रैल से नया नियम लागू करेगी सरकार

नई दिल्ली: आमतौर से काम करने का वर्किंग आवर्स 8 घंटे का होता है। लेकिन इसमें लोगों के बीच यह गलतफहमी आ गई है। अब वर्किंग आवर्स को बढ़ाकर 12 घंटे किया जाएगा। दरअसल लोगों के बीच या भ्रम मैं श्रम कानूनों को लेकर बना है। लोगों के बीच या गलतफहमी है। इस नए कानून में 12 घंटे काम करने पड़ेंगे। वर्किंग आवर्स 8 घंटे का होता है। उसके बाद ओवरटाइम शुरू होता है। ओवरटाइम करने पर जो सैलरी मिलती है। वह रोज के वेतन से दोगुना होता है । नीति निर्माण चाहते हैं ।लेबर कानून में बने काम करने की टाइमिंग के बारे में साफ-साफ लिखा होना चाहिए। इससे किसी को कोई भ्रम पैदा ना हो यह नियम 1 अप्रैल से लागू किया जा सकता है।

वेतन को लेकर हुई झड़प

एप्पल की कॉन्ट्रेक्ट कंपनी विस्ट्रॉन में कर्नाटक में स्थित प्लांट में झड़प हो गई थी। उस कंपनी में काम करने वाले लोगों की सैलरी और ओवरटाइम देरी से देने कारण झड़प हुई थी। आपको बता दें लेबर मिनिस्ट्री ने हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशंस कोड और ऑकुपेशनल सेफ्टी के मसौदा नियमों के तहत 8 घंटे काम करने का प्रावधान है । लेकिन इसके साथ ही कहा गया है कि वर्किंग ऑवर्स में बदला किया जा सकता है। अब हफ्ते में 48 घंटे काम लिया जाए जाएगा । इसके साथ ही ज्यादातर 12 घंटे काम करने की अनुमति दी जाएगी।

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ऑफिसर्स ने बताया रूल्स

फैक्ट्री एक्ट के तहत 9 घंटे या 10:30 घंटे काम करने पर स्प्रेडओवर का प्रावधान है। इस टाइमिंग को लेकर हफ्ते में 48 घंटे के कैंप के वजह से कर्मचारियों को 4 दिन काम करने पड़ सकते हैं। इसके बाद कर्मचारियों को 3 दिन की छुट्टी दे दीजाएगी। लेकिन अधिकारी के अनुसार ऐसा करना सही नहीं होगा। ऑफिसर्स ने कहा यह मौजूदा प्रपोजल का मकसद नहीं है। इसके पीछे यह सोचा कि अगर कंपनी के पास किसी आर्डर को पूरा करने के लिए टाइम कम है। उसको टाइम पर ऑर्डर को पहुंचाना है तो ऐसा करना उचित होता है ।

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नियम के अनुसार ऐसा होता आवशयक हैं

पर वह हर समय ऐसा नहीं कर सकते हैं। आगे ऑफिसर कहते हैं कि देखा जाता है । कि कैसे फाइनल रूल्स में काम करने की टाइमिंग और ओवर टाइमिंग को लेकर क्या बात स्पष्ट होगा। कोड के नियमों को अगले महीने तक अंतिम रूप दिया जाएगा। ड्राफ्ट मैं इस बात को क्लियर नहीं किया गया है कि कितने घंटे बाद ओवरटाइम शुरू किया जाएगा। क्योंकि मौजूद मौजूदा टाइम में 30 मिनट से कम समय में ओवरटाइम नहीं माना जाता है। ड्राफ्ट रूल्स के तहत 15 मिनट से आधे घंटे का समय और टाइम के लिए तय किया गया है।

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