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भारत बंद रहेगा: जल्द खरीद लें दूध-सब्जी सहित जरूरी चीजें, व्यापारी करेंगे चक्का जाम

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने कहा कि केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और GST परिषद से माल एवं सेवा कर (GST) के कठोर प्रावधानों को समाप्त करने की मांग को लेकर 26 फरवरी को देश भर में 1500 स्थानों पर धरना दिया जाएगा।

SK Gautam
Published on: 20 Feb 2021 7:43 AM GMT
भारत बंद रहेगा: जल्द खरीद लें दूध-सब्जी सहित जरूरी चीजें, व्यापारी करेंगे चक्का जाम
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भारत बंद रहेगा: जल्द खरीद लें दूध-सब्जी सहित जरूरी चीजें, व्यापारी करेंगे चक्का जाम

नई दिल्ली: देश भर में वस्तु एवं सेवा कर (GST) के प्रावधानों की समीक्षा की मांग को लेकर भारत बंद के आह्वान के कारण देश भर में 26 फरवरी को सभी व्यावसायिक बाजार बंद रहेंगे। व्यापारियों के शीर्ष संगठन कैट ने गुरुवार को यह जानकारी दी है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने कहा कि केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और GST परिषद से माल एवं सेवा कर (GST) के कठोर प्रावधानों को समाप्त करने की मांग को लेकर 26 फरवरी को देश भर में 1500 स्थानों पर धरना दिया जाएगा।

26 फरवरी को व्यापारी करेंगे चक्का जाम

व्यावसायिक संगठनों ने GST व्यवस्था को सरल और युक्तिसंगत बनाने के लिये कर प्रणाली और टैक्सत स्लैब की समीक्षा की मांग की है ताकि एक साधारण व्यापारी भी आसानी से GST प्रावधानों को मान सके। कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि संगठन इस मामले में सरकार से बात कर रहा है। उन्होंने कहा कि कैट के भारत बंद के आह्वान को 'ऑल इंडिया ट्रांसपोटर्स वेलफेयर एसोसएिशन (AITWA) समर्थन कर रहा है और 26 फरवरी को चक्का जाम करेगा।

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40,000 से अधिक व्यापारी संघ बंद का समर्थन करेंगे

खंडेलवाल ने कहा कि '26 फरवरी को देश भर के सभी बाजार बंद रहेंगे और सभी राज्यों के अलग-अलग शहरों में विरोध स्वरूप धरना का आयोजन किया जाएगा।’ उन्होंने कहा कि कैट के साथ 40,000 से अधिक व्यापारी संघ बंद का समर्थन करेंगे। उन्होंने कहा कि जीएसटी को एक सरलीकृत प्रणाली बनाने की जरूरत है जिसमें एक साधारण व्यापारी भी आसानी से जीएसटी के प्रावधानों का पालन कर सके।

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अब तक लगभग 950 संशोधन किये गये हैं

उन्होंने कहा कि स्वैच्छिक अनुपालन (Voluntary compliance) एक सफल GST व्यवस्था की कुंजी है। खंडेलवाल ने कहा कि 4 साल में जीएसटी नियमों (GST Laws) में अब तक लगभग 950 संशोधन किये गये हैं। जीएसटी पोर्टल (GST Portal) पर तकनीकी खामियों से जुड़े मुद्दे तथा अनुपालन बोझ बढ़ना कर व्यवस्था की प्रमुख खामिया हैं।

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