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UP Vegetable Price Today: इस दिन से मिलेगी टमाटर भाव से राहत, जानें अपने शहर के सब्जियों के लेटेस्ट रेट

UP Vegetable Price Today 10 July 2023: पहाड़ी राज्यों हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड से मंडियों में आवक शुरू होने के बाद से अगले अगले दो से तीन हफ्ते में टमाटर व हरी सब्जियों के भाव से लोगों को राहत मिलने वाली हैं।

Viren Singh
Published on: 10 July 2023 11:40 AM IST (Updated on: 10 July 2023 12:33 PM IST)
UP Vegetable Price Today:  इस दिन से मिलेगी टमाटर भाव से राहत, जानें अपने शहर के सब्जियों के लेटेस्ट रेट
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UP Vegetable Price Today 10 July 2023 (सोशल मीडिया)

UP Vegetable Price Today 10 July 2023: टमाटर सहित हरी सब्जी के यूपी सहित देश के अन्य राज्यों में बढ़े दाम से लोग काफी परेशान हैं। पहले गर्मी और फिर बारिश की वजह से खराब हुई इन चीजों की फसलों ने बाजार में आवक पर अपना असर डाला, जिसकी वजह से वर्तमान में टमाटर, हरी मिर्च, अदरक, बैंगन के अलावा हरी सब्जियों की भाव में एकाएक वृद्धि से लोगों के घर का बजट बिड़गा हुआ है। जून के अंतिम सप्ताह में टमाटर व सब्जियों में शुरू हुई बढ़ोतरी का सिलसिला आज तक जारी है। यूपी की राजधानी लखनऊ सहित जिले की कई मंडियों में टमाटर के दाम 140 रुपये किला के पार चल रहे हैं, जबकि कई हरी सब्जियां 100 रुपये के पार प्रति किलों पर बिक रही हैं।

जल्द कम होंगे टमाटर व हरी सब्जी के दाम

हालांकि राहत की बता यह है कि जल्दी लोगों को टमाटर के बढ़े भाव से मुक्ति मिलने वाली हैं, क्योंकि पहाड़ी राज्यों हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड से मंडियों में आवक शुरू हो जाएगी, जिससे अगले दो से तीन हफ्ते में इसके भाव कम हो जाएंगे। इसके अलावा इन आवक से कुछ हरी सब्जियों के दामों में भी गिरावट की संभावना जताई गई है। हालांकि इन दामों में गिरावट कई दिनों बाद आने की संभावना जताई गई है,लेकिन उससे पहले सोमवार को लखनऊ व यूपी की मंडियों में टमाटर सहित अन्य सब्जियों का क्या दाम चल रहा है, खरीदने से पहले यह जरूर जान लें।

लखनऊ सब्जी मंडी के आज के भाव

लखनऊ की इंदिरा नगर सेक्टर 17, डालीगंज व तेलीबाग सब्जी मंडी में आज लोकी 40-50 रुपये, करेला 75-85 रुपये, परवल 110 रुपये, लोभिया 75, अदकर 300 रुपये, हरी मिर्च 160 रुपये, बैगन 75 रुपये, भिंडी 80 रुपये, धनिया 250-300 रुपये प्रति किलो, लहसुन 400 रुपये प्रतिकिलो, बीन्स 120 रुपये प्रति किलो, टमाटमर 150-160 रुपये प्रतिकिलो पर बिक रहा है। वहीं, टमाटर की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, इससे परिवारों पर वित्तीय बोझ बढ़ा रहा है और वह संतुलित और पौष्टिक भोजन से वंचित हो रहे हैं।

100 से 150 फीसदी महंगी हो गईं सब्जियां

लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, नोएडा की थोक सब्जी मंडी में अदरक, भिंडी, बैंगन, फूलगोभी, लौकी, बीन्स, करेला, केला, लहसुन, धनिया और मिर्च की कीमतें पिछले दो महीनों में 100 से 150% तक बढ़ गई हैं। व्यापारियों का कहना है कि सब्जियों की कीमतों में तेज वृद्धि को कई कारकों के संयोजन के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, जिसमें गर्मी की लहर, उसके बाद अनियमित वर्षा पैटर्न और आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान शामिल हैं। जहां गर्मी की लहरों ने फसलों को तबाह कर दिया है। वहीं अप्रत्याशित बारिश के कारण बाढ़ और जलभराव हो गया है, जिससे कृषि उपज को और नुकसान हुआ है। इसके अलावा बारिश ने आपूर्ति श्रृंखला को बाधित कर दिया है, जिससे किसानों के लिए अपनी फसल को बाजार तक पहुंचाना मुश्किल हो गया है। उन्हें डर है कि यह स्थिति पूरे मानसून सीज़न में जारी रहेगी।

सब्जियों के दामों ने इन लोगों को भी किया प्रभावित

सब्जियों की बढ़ती कीमतों का असर उन परिवारों पर विशेष रूप से गंभीर है, जो पहले से ही दो वक्त की रोटी जुटाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। कई लोगों को अपनी सब्जियों की खपत कम करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। लखनऊ की अलीगंज की गृहिणी प्राची सिंह का कहना है कि हम प्रति माह लगभग 2,500 रुपये खर्च करते थे, लेकिन अब खर्च 5,000 रुपये हो गया है। हम खपत कम नहीं कर सकते हैं, क्योंकि मेरे दो बढ़ते बच्चों को पौष्टिक आहार की जरूरत है।

वहीं, चिनहट के एक छात्र आशुतोष सुमारी जो लखनऊ में पेइंग गेस्ट के रूप में रहते हैं और टिफिन सेवाओं का लाभ उठाते हैं, ने कहा कि मेरे टिफिन की कीमत मुझे प्रति माह 1,200 रुपये होती थी, लेकिन अब यह बढ़कर 1,500 रुपये हो गई है। मुझे पूछना पड़ता है।

सब्जियों की कीमतें बढ़ने का दबाव रेस्तरां मालिकों पर भी पड़ रहा है। एक रेस्तरां मालिक ने कहा कि सब्जियों की बढ़ती कीमतें हमारे व्यवसाय पर बहुत दबाव डाला है। हमें हमें या तो अपने व्यंजनों की कीमतें बढ़ानी होंगी या सब्जियों की गुणवत्ता और मात्रा से समझौता करना होगा।

अब केवल 50 ट्रक ही आ रही सब्जियां

दुबग्गा मंडी के कोषाध्यक्ष अर्सलान सिद्दीकी ने कहा कि दक्षिणी राज्यों से सब्जियों की आपूर्ति की जाती है, लेकिन फसल नष्ट होने और भीषण बारिश से आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान के कारण कमी है। अब केवल 50 ट्रक ही विभिन्न राज्यों में सब्जियां ला रहे हैं, जबकि सामान्य तौर पर 400 ट्रक 20 टन सब्जियां ले जाते हैं। प्रत्येक दिन विभिन्न सब्जियों का वितरण और उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में वितरित करना।

एडवांस पेमेंट पर भी नहीं मिल रही सब्जियां

सीतापुर रोड पर नवीन गल्ला मंडी के सब्जी स्टॉकिस्ट टिंकू सोनकर ने कहा, "हम बेंगलुरु, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु से आने वाली सब्जियों के एक ट्रक के लिए 15 लाख रुपये का भुगतान कर रहे हैं। लेकिन हमें अभी भी निर्धारित समय पर डिलीवरी नहीं मिलती है।



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Viren Singh

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