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वोडा-आइडिया पर 50 हजार करोड़ का कर्ज, सरकार से मांगी मोहलत, जानें पूरा मामला

देश की ये टेलीकॉम कंपनियां एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) बकाये को लेकर काफी तनाव में हैं इस बकाये का सबसे बड़ा दबाव वोडाफोन-आइडिया पर है। दरअसल, वोडाफोन-आइडिया को सरकार के 53 हजार करोड़ रुपये का बकाया चुकाना है, जिसमें से कंपनी ने 3500 करोड़ रुपये दे दिए हैं।

suman
Published on: 27 Feb 2020 2:25 PM GMT
वोडा-आइडिया पर 50 हजार करोड़ का कर्ज, सरकार से मांगी मोहलत, जानें पूरा मामला
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नई दिल्ली : देश की ये टेलीकॉम कंपनियां एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) बकाये को लेकर काफी तनाव में हैं इस बकाये का सबसे बड़ा दबाव वोडाफोन-आइडिया पर है। दरअसल, वोडाफोन-आइडिया को सरकार के 53 हजार करोड़ रुपये का बकाया चुकाना है, जिसमें से कंपनी ने 3500 करोड़ रुपये दे दिए हैं। हालांकि, वोडाफोन-आइडिया को पूर्ण भुगतान में दिक्‍कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच, कंपनी ने सरकार से 15 साल का समय मांगा है। इस संबंध में वोडाफोन-आइडिया ने टेलीकॉम डिपार्टमेंट (DoT), वित्त मंत्रालय और नीति आयोग को एक पत्र भी लिखा है।

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इस पत्र में वोडाफोन-आइडिया ने 8,000 करोड़ रुपये के गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) रिफंड की भी मांग की है। इसके साथ ही कंपनी चाहती है कि उसे बाकी बकाया रकम 15 साल की अवधि में चुकाने की अनुमति दी जाए। कंपनी के पत्र में लाइसेंस फीस और SUC में कमी करने की भी अपील की गई है।

इसी तरह, टेलीकॉम इंडस्‍ट्री के संगठन सेल्युलर आपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने पत्र लिखकर सरकार से एजीआर की शर्तों को आसान करने को कहा है। सीओएआई ने कहा कि संकट में फंसे क्षेत्र को उबारने के लिए जरूरी है कि सरकार एजीआर की देनदारियों को चुकाने को टेलीकॉम कंपनियों को निचली दर पर कर्ज उपलब्ध कराए। इसके अलावा न्यूनतम कीमतों का क्रियान्वयन भी तेजी से किया जाए। एसोसिएशन ने इस बात पर चिंता जताई है कि बैंक क्षेत्र को लेकर जोखिम उठाने को तैयार नहीं हैं।

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सीओएआई के महानिदेशक राजन मैथ्यूज ने टेलीकॉम सेक्रेटरी अंशु प्रकाश को लिखे पत्र में कहा, ‘बैंक अभी दूरसंचार क्षेत्र के साथ जोखिम लेने को तैयार नहीं हैं। बैंक टेलीकॉम कंपनियों को नयी बैंक गारंटी जारी करने या बैंक गारंटी के नवीकरण से इनकार कर रहे हैं। टेलीकॉम सेक्‍टर से कहा जा रहा है कि वे अपना कर्ज घटाएं।

पत्र में कहा गया है कि लाइसेंस शुल्क भुगतान के लिए वित्तीय बैंक गारंटी की अनिवार्यता को समाप्त किया जाना चाहिए। सीओएआई ने कहा कि अगर टेलीकॉम विभाग को लगता है कि वित्तीय बैंक गारंटी जरूरी है तो इसे घटाकर लाइसेंस शुल्क का 25 फीसदी किया जाना चाहिए। इसके साथ ही लाइसेंस शुल्क को तत्काल 8 से घटाकर 3 प्रतिशत किया जाना चाहिए। साथ ही स्पेक्ट्रम प्रयोग शुल्क में भी कटौती की जानी चाहिए।

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