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Organic Farming: इसलिए महंगे मिल रहे आर्गेनिक फल व सब्जियां, जानें इस फॉर्मिग के बारे में सब कुछ

Organic Farming: जैविक खेती कई प्रकार से की जाती हैं। इसकी खेती में फसलों की पैदा करने के लिए खाद गोबर से बनी डालते हैं। कंपोस्ट, केंचुआ खाद, (जिसको वर्मी कंपोस्ट कहते हैं) और खेत में बची फसलों के अवशेष को पानी सड़ाकर तैयार हुई खाद का उपयोग करते हैं।

Viren Singh
Published on: 3 July 2023 6:25 AM GMT
Organic Farming: इसलिए महंगे मिल रहे आर्गेनिक फल व सब्जियां, जानें इस फॉर्मिग के बारे में सब कुछ
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Organic Farming (सोशल मीडिया)

Organic Farming:आज कल बाजार में और किसानों के बीच एक शब्द की चर्चा अधिक होती है, वह ऑर्गेनिक फॉर्मिग यानी जैविक खेती की। आप लोग जब भी बाजार या फिर सुपर मार्केट में गए होंगे तो आपने दिखा होगा कि सब्जी और फलों के स्टोर पर लिखा होता है ‘ऑर्गेनिक फार्मिंग प्रोडक्ट। मन भी करता होगा कि चलो आज यह सब्जी या फल लेते हैं, लेकिन दाम देखकर हिम्मत नहीं होती होगी। फिर मन में एक सवाल उठता होगा कि आखिर ऐसा क्या है इन सब्जियों व फलों जो बाजार की बिक्री रहीं अन्य सब्जियों व फलों से महंगे होते हैं? तो आज हम आपके दिमाग में उपजे इसी मिथक को दूर करेंगे कि आखिर जैविक खेती से पैदा हुईं सब्जियां व फल बाजार में महंगे क्यों मिलते हैं?

क्या होती है ऑर्गेनिक खेती?

सबसे पहले तो यह जानिये कि आखिर ऑर्गनिक खेती क्या होती है। ऑर्गनिक खेती में किसान किसी भी फसल को तैयार करने में कैमिकल्स का उपयोग नहीं करता है। इस खेती में खाद व कीटनाशक का उपयोग जैविक तरीके से होता है। इसके उपयोग से होता क्या है कि जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ती है और फसलों में किसी भी प्रकार का बीमारी का खतरा नहीं होता है। जबकि इसके उलट खेती में जैविक खाद की जगह से कैमिकल खाद का उपयोग करने से जमीन की उर्वरा क्षमता घटती है। कुछ दिनों के लिए फसलों का उत्पादन अधिक होता है और फसलों में कई प्रकार की बीमारियों का खतरा बना रहता है। इन्ही सब को देखते हुए अब सरकार भी किसानों को जैविक खेती के ओर ले जाने के लिए प्रोत्साहन कर रही है।

अब समझिए कैसे की जाती है जैविक खेती?

जैविक खेती कई प्रकार से की जाती हैं। इसकी खेती में फसलों की पैदा करने के लिए खाद गोबर से बनी डालते हैं। कंपोस्ट, केंचुआ खाद, (जिसको वर्मी कंपोस्ट कहते हैं) और खेत में बची फसलों के अवशेष को पानी सड़ाकर तैयार हुई खाद का उपयोग करते हैं। इससे होता क्या है कि इसके उपयोग से जमीन की उर्वरा क्षमता बढ़ती है और खेतों को नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश, मैग्नीशियम, कैल्शियम और एक्टीनोमाइसिट्स जैसे जरूरी पोषक तत्व भी मिलते हैं, जो फसलों की उत्पादन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

इसलिए महंगे मिलते हैं ऑर्गेनिक प्रोडक्ट

अब सवाल उठता है कि जैविक खेती से तैयार हुई फसलें बाजार में महंगी क्यो मिलती हैं। तो उसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि अभी जो किसान जैविक खेती से फसलों की तैयार कर रहा है, उसको खेती में अधिक पैसा खर्च करना पड़ा रहा है और उत्पादन कम होता है, क्योंकि बाजार में जैविक खाद कैमिकल्स खाद की तुलना में महंगी होती है। जैविक खेती में फसल अपने आकार से हिसाब से तैयार होती है। यहां फसल जबरदस्ती बढ़ाई नहीं जा सकती है और इससे कुछ उत्पादन गिरता है। यही एक वहज है कि जैविक खेती से तैयार हुआ फसल महेशा कैमिकल्स खेती के तैयार हुए फसल की तुलना में महंगी होती है।

Viren Singh

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