टल जाएंगे UP Board Exam! आरक्षण में देरी का असर, क्यों हो सकती हैं नई तारीखें

डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने प्रकाश डालते हुए कहा, “अभी हमारी बोर्ड परीक्षा की तारीखें 24 अप्रैल से 12 मई ही हैं। पंचायत चुनाव (Uttar Pradesh Panchayat Election) पर हाईकोर्ट के आदेश का अध्ययन हो रहा है।"

Newstrack
Published on: 16 March 2021 11:25 AM IST
टल जाएंगे UP Board Exam! आरक्षण में देरी का असर, क्यों हो सकती हैं नई तारीखें
X
टल जाएंगे UP Board Exam! आरक्षण में देरी का असर, क्यों हो सकती हैं नई तारीखें

लखनऊ: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव (Uttar Pradesh Panchayat Election) को लेकर निर्देश जारी कर दिया है। बता दें कि कोर्ट ने 2015 के तहत आरक्षण व्यवस्था को लागू कर दिया है। इसके अलावा कोर्ट ने 25 मई तक चुनाव करावने की भी बात कही है। वहीं 24 अप्रैल से यूपी बोर्ड की परीक्षाएं शुरू होगी। ऐसे में यह अटकले लगाई जा रही है कि यदि किसी कारणवश चुनाव में देरी होती है, तो इसका असर बोर्ड परीक्षाओं पर भी पड़ सकता है।

बोर्ड परीक्षाओं पर बोले डिप्टी सीएम

इस विषय पर डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने प्रकाश डालते हुए कहा, “अभी हमारी बोर्ड परीक्षा की तारीखें 24 अप्रैल से 12 मई ही हैं। पंचायत चुनाव (Uttar Pradesh Panchayat Election) पर हाईकोर्ट के आदेश का अध्ययन हो रहा है। पंचायत चुनाव की तारीखें तय होने के बाद ही बोर्ड परीक्षा (UP board examination) की तारीखों पर बात होगी।

DINESH SHARMA

ये भी पढ़ें... CM योगी का सख्त एक्शन: IAS अधिकारी-कमिश्नर को नोटिस, 3 दिन की मोहलत

क्यों बोर्ड की परीक्षाओं में हो सकती है देरी

बता दें कि पंचायत चुनाव में जो पोलिंग बूथ बनाए जाते है, वो स्कूलों में बनाए जाते है। साथ ही इसमें ड्यूटी भी शिक्षकों की ही लगाई जाती है। यही वजह है कि यदि यूपी पंचायत चुनाव (Uttar Pradesh Panchayat Election) की तारीखों में बदलाव होते है तो यूपी बोर्ड परीक्षाओं (UP board examinations) की भी तारीखों में भी बदलाव हो सकता है।

क्या था मामला

बतातें चलें कि याची अजय कुमार ने आरक्षण व्यवस्था को लेकर कोर्ट में चुनौती दी थी। इस याचिका पर न्यायमूर्ति मनीष माथुर और न्यायमूर्ति रितुराज अवस्थी की खंडपीठ ने 1995 को आधार वर्ष मानकर आरक्षण की व्यवस्था रद्द कर दिया है। इस विषय पर राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह ने कहा, “सरकार ने वर्ष 1995 को मूल वर्ष मानकर गलती की। सरकार को वर्ष 2015 को मूल वर्ष मानते हुए सीटों पर आरक्षण लागू करने को लेकर कोई आपत्ति नहीं है।”

दोस्तों देश दुनिया की और को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Newstrack

Newstrack

Next Story