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CBSC 10वीं रिजल्ट: जानें टॉपर्स के सफलता की कहानी उन्हीं की जुबानी

शिवानी को जब परिणाम की जानकारी मिली तो वह खुशी से झूम ऊठी। वह अपनी इस सफलता का श्रेय माता-पिता और अध्यापकों को देती हैं। उनका लक्ष्य सीए बनना है। साथ ही सेकंड आप्शन के तौर पर वह विसिल सेवा में जाना चाहती हैं।

SK Gautam
Published on: 6 May 2019 6:21 PM IST
CBSC 10वीं रिजल्ट: जानें टॉपर्स के सफलता की कहानी उन्हीं की जुबानी
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नोएडा: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के 10वीं का परिणाम सोमवार को घोषित कर दिया गया। इसमें वसुंधारा निवासी शिवानी लथ ने देश में पहला स्थान हासिल किया है। उनको 500 में से 499 (99.8 फीसद) अंक मिले हैं। शिवानी सेक्टर-126 स्थित मयूर स्कूल स्कूल की छात्रा हैं। ऐसे ही हम आपको सीबीएसई बोर्ड के एग्जाम में टॉप पर रहे कुछ छात्रों के सक्सेज स्टोरी के बारे में...

वहीं दूसरी तरफ एक और होनहार ने अपने क्षेत्र अपने देश और अपने माता-पिता का नाम रोशन किया है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के 10वीं के परिणामों में 13 टापरों में सिद्धार्थ पेनगोरिया भी शामिल है। सेक्टर-93 निवासी सिद्धार्थ जनपद में पहले पायदान पर रहे। उनको 500 में से 499 (99.8 फीसद) अंक मिले हैं। उन्होंने मैथ में 100, इंग्लिश में 99, फ्रेंच में 100, एसएससी में 100 और साइंस में 100 अंक हासिल किए।

पहला स्थान हासिल प्राप्त करने वाली शिवानी लथ

पहले हम बात करते हैं परीक्षा में पहला स्थान प्राप्त करने वाली नोएडा की वसुंधारा निवासी शिवानी लथ की, जो अपने पिता से प्रेरणा लेकर बनना चाहती हैं देश की टॉपर सीए।

शिवानी को जब परिणाम की जानकारी मिली तो वह खुशी से झूम ऊठी। वह अपनी इस सफलता का श्रेय माता-पिता और अध्यापकों को देती हैं। उनका लक्ष्य सीए बनना है। साथ ही सेकंड आप्शन के तौर पर वह विसिल सेवा में जाना चाहती हैं।

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शिवानी के पिता शिव कुमार लाथ सीए है। मां नीतू लथ गृहणी हैं। परीक्षा की तैयारी के बारे में बताया कि वह परीक्षा से पहले रोजाना कई घंटे पढ़ाई करती थी। जबकि, परीक्षा के दौरान पढ़ाई को 4-5 घंटे ही देती थीं। उन्होंने बताया कि वह अपना परिणाम देखते ही जोर से जोर उछलने लगी थी।

वर्ष भर करें नियमित पढ़ाई

बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए उनका कहना है कि पेपर देते समय साफ-साफ लिखें। महत्वपूर्ण वाक्यों को अंडर लाइन करें। इससे परीक्षक को कॉपी चैक करते समय आसानी होती है। इसके साथ ही वर्ष •ार नियमित पढ़ाई बहुत जरूरी है। ऐसा न होने पर परीक्षा के समय में बहुत दिक्कत होती है। परीक्षा की तैयारी करते समय खुद के नोट्स बनाएं।

पढ़ाई के साथ पेटिंग करने का है शौक

वह बताती हैं कि पढ़ाई करने के साथ उनका मन पेटिंग करने में लगता है। जिला स्तरीय पेटिंग प्रतियोगिता में वह अव्वल रह चुकी है। इसके अलावा घूमना भी उनकी पसंद है। बाद जब भी समय मिलता है पेटिंग करना पसंद है। इससे उन्हें सकारात्मक उर्जा मिलती है। इसके अलावा पुस्तकें पढ़ना और फिल्में देखना भी उनको पसंद है।

सिविल सेवा में जाने की तमन्ना

शिवानी बताती हैं कि 12वीं के बाद यूपीएससी की तैयारी करेंगी। साथ ही उनका लक्ष्य सीए बनने का है। उनके पिता खुद सीए है। इसलिए वह भी सीए बनना चाहती है। 12वीं में वह कार्मस व गणित लेंगी।

13 टापरों में सिद्धार्थ पेनगोरिया

वहीं दूसरी तरफ एक और होनहार केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के 10वीं के परिणामों में 13 टापरों में सिद्धार्थ पेनगोरिया का कहना है कि लक्ष्य और समय प्रबंधन से मिलती है सफलता। और सिद्धार्थ पेनगोरिया आगे चलकर कानून की पढ़ाई करना चाहते है ।

सिद्धार्थ सेक्टर-126 स्थित लोट्स वैली स्कूल के छात्रा है। जब परीक्षा परिणााम की जानकारी उनके पिता ने दी। तो घर में बधाई देने वालों का ताता लगा है। वह अपनी इस सफलता का श्रेय माता-पिता और अध्यापकों को देते हैं। वह आगे कानून की पढ़ाई पढ़ना चाहते है। सिद्धार्थ के पिता मनीश पेनगोरिया एकाउंटेंट हैं। माता श्वेता पेनगोरिया गृहणी हैं। लेकिन वह घर में गणित का ट्यूशन देती है। सिद्धार्थ ने अपनी मां से ही गणित की पढ़ाई की।

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स्कूल की बालिवाल टीम के है कप्तान

सिद्धार्थ स्कूल स्तर बनी बालिवॉल टीम के कप्तान है। पढ़ाई के साथ उनका मन बालिवॉल में भी लगता है। स्कूल में गेम्स पीरियड में खेलने के अलावा वह बाहर भी बालिवॉल खेलने का शोक रखते हैं । उन्होंने कहीं पर भी ट्यूशन नहीं लिया। वह घर में अपनी माता से ही गणित पढ़ते थे।

उनका कहना है कि टाइम मैनजमेंट के साथ पढ़ाई करना बेहद जरूरी है। सभी विषय महत्वपूर्ण है। इसलिए प्रत्येक विषय को समय दिया जाना चाहिए। टाइम मैनेजमेंट के जरिए ऐसा किया जा सकता है।

कानून की करना चाहते है पढ़ाई

सिद्धार्थ आगे कानून की पढ़ाई करना चाहते है। 12वीं में उन्होंने कामर्स को चुना है। वह आगे चलकर एक लायर (वकील) बनना चाहते हैं। इसके लिए लक्ष्य अभी से बना लिया है। उन्होंने बताया कि पढ़ाई को लेकर घर में किसी तरह का दवाब नहीं था। उनको आशा नहीं थी कि वह इतने नंबर हासिल कर सकेंगे। लेकिन जब परिणाम आया तो वह यह जानकर खुश हुए कि उनका नाम भी देश के 13 विद्यार्थियों में शामिल है जिन्होंने टॉप किया।

मेरठ के दीवान पब्लिक स्कूल के छात्र वत्सल वार्ष्णेय बने टॉपर

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) १० वीं के परिणाम आज घोषित हो गया है। मेरठ के दीवान पब्लिक स्कूल के छात्र वत्सल वार्ष्णेय ने भी टॉप किया है। वत्सल ने 499 अंक हासिल किए हैं।

वत्सल के टॉप किये जाने की सूचना पर उसके स्कूल व घर में खुशी का माहौल है। दीवान स्कूल के प्रधानाचार्य एचएम राउत ने इस मौके पर कहा कि वत्सल ने स्कूल का ही नही पूरे जनपद का नाम रोशन किया है। उन्होंने उम्मीद जताई की आगे चलकर वत्सल अपनी योग्यता और मेहनत के बल पर पूरी दुनिया में देश का नाम रोशन करेगा।

उधर,बेहद खुश दिख रहे वत्सल वार्ष्णेय ने मीडिया से बातचीत में अपनी इस कामयाबी का श्रेय अपने शिक्षकों और परिवार के लोंगो को दिया है। बकौल वत्सल वार्ष्णेय ,मुझे सपने में भी टॉप किये जाने की उम्मीद नही की थी। मुझे ९५ फीसदी नम्बर आने की उम्मीद थी। बहरहाल,मैं अपनी इस सफलता से बहुत खुश हूं और आगे इससे भी बड़ी सफलता पाने केलिए आज से ही जी-जान से जुट जाऊंगा।

बता दें किसीबीएसई ने कक्षा 10वीं की परीक्षाएं 21 फरवरी से 29 मार्च तक आयोजित की थी। लगभग 18.19 लाख छात्रों ने सीबीएसई 10वीं बोर्ड परीक्षा 2019 के लिए पंजीकरण किया है।

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91.1 फीसदी छात्र 10वीं की परीक्षा में पास हुए हैं। सिद्धांत पैंगोरिया जहां सीबीएसई बोर्ड के कक्षा दस के पहले टॉपर बने हैं। वहीं मेरठ के दीवान पब्लिक स्कूल के छात्र वत्सल वार्ष्णेय ने भी टॉप किया है। वत्सल ने 499 अंक हासिल किए हैं।

स्लग-कानपुर की आयुषी ने सोशल मीडिया से दूर रहकर पाया 99.2 प्रतिशत अंक

आयुषी तिवारी ने कानपुर टॉप कर के शहर का नाम रोशन किया है। आयुषी तिवारी ने 99.2 प्रतिशत अंक हासिल कर के अपने पैरेंट्स और स्कूल का मान बढाया है। आयुषी केमिकल इंजिनियर बनकर देश के लिए नए-नए प्रयोग करना चाहती है। इस सफलता का श्रेय अपने पैरेंट्स और टीचरों दे रही है। आयुषी का कहना है कि सोशल मीडिया से दूर रहकर और बहुत ही इजीली ढंग से पढाई करके ये मुकाम हासिल किया है।

पनकी में रहने वाले मनोज कुमार तिवारी रिटायर्ड एयर फ़ोर्स कर्मी है और अब बैंक में जॉब कर रहे है। परिवार में पत्नी प्रतिभा तिवारी प्राथमिक स्कूल में टीचर है। आयुषी परिवार की एकलौती बेटी है और पूरा परिवार बेटी की इस सफलता पर फक्र महसूस कर रहा है। आयुषी वीरेंदर स्वरुप एजुकेशन सेंटर में पढ़ती है।

आयुषी से जब पूछा गया कि आप के पिता एयरफ़ोर्स में थे आप एयर फ़ोर्स ज्वाईन करना क्यों नही चाहती हो l इसका जवाब देते हुए आयुषी ने कहा कि एयरफ़ोर्स की जॉब बहुत अच्छी है और मुझे भी बहुत पसंद है। इसके साथ ही मै विंग कमांडर अभिनंदन से भी प्रभावित हूं। लेकिन मेरा रूझान केमिकल इंजीनियरिंग की तरफ है। दरअसल मुझे केमिस्ट्री बहुत पसंद है मै इसी सब्जेक्ट पर फोकस करके अपना भविष्य बनाना चाहती हूँ। केमिकल इंजीनियरिंग करके मै देश के लिए नए प्रयोग करना चाहती हूं।

आयुषी ने बताया की मैं सोशल मीडिया से बहुत दूर रहती है। मेरी सफलता की वजह से सोशल मीडिया से दूर रहना है। मैंने देखा है कि आज के समय में ज्यादा से ज्यादा लोग सोशल मीडिया पर व्यस्त रहते है। जिसकी वजह से उन्हें नींद नही आना ,मानसिक रूप से परेशान रहना समेत कई तरह की बिमारियों से ग्रसित हो जाते है। मेरे पैरेंट्स ने मुझे सोशल मीडिया से दूर रखा है।

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आयुषी ने बताया कि मेरे 500 में से 496 नंबर आए है। मैंने अपनी पढाई बहुत ही सरल ढंग से की है कभी भी प्रेसर लेकर पढाई नही की है। वहीँ मैंने पढाई के लिए ये घंटे नहीं जोड़े है कि कितने देर पढाई की है। लेकिन जितना भी पढ़ा है उसे मन से और एकाग्रता के साथ पढ़ा है। यदि किसी सब्जेक्ट में कोई प्रोब्लम होती थी तो मेरे स्कूल के टीचर उसे साल्व कराते थे। स्कूल के टीचरों का भी बहुत अहम रोल रहा है।

आयुषी ने बताया कि मेरे पैरेंट्स ने कभी भी मुझे पढाई के लिए फ़ोर्स नही किया है। पापा और मम्मी दोनों ही जॉब करते है जिसकी वजह से वो बीजी रहते थे। इस सब के बीच मेरी मम्मी मुझ पर ध्यान देती थी क्यों कि वो खुद टीचर है तो उन्हें पता है कि किस तरह से बच्चो को ट्रीट करना है। एग्जाम के वक्त माँ मुझे एनर्जीफुल डाईट देती थी।



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