×

हिंदी वालों अलर्ट! सिविल सेवा की कर रहे हैं तैयारी तो जान लें ये जरूरी बात

हिंदी माध्यम के उम्मीदवारों का कहना है कि सीसैट के प्रश्नपत्र को हटाकर सामान्य अध्ययन का पेपर पुरानी पद्धति से लिया जाए। सिविल सेवा और वन सेवा की प्रारंभिक परीक्षा अलग-अलग ली जाए। आईक्यू के साथ इक्यू भी परखा जाए। हिंदी माध्यम के छात्रों ने जल्द ही परीक्षा के तौरतरीकों में बदलाव को लेकर आंदोलन का मन बनाया है।

Shivakant Shukla
Published on: 14 Feb 2020 4:02 PM IST
हिंदी वालों अलर्ट! सिविल सेवा की कर रहे हैं तैयारी तो जान लें ये जरूरी बात
X

योगेश मिश्र

लखनऊ: अगर हिंदी भाषा से सरकारी नौकरी पाने को पैमाना माना जाए तो नतीजे बेहद निराश करने वाले निकलेंगे। बीते दस सालों में हिंदी माध्यम से संघ लोक सेवा आयोग के मुख्य परीक्षा तक पहुंचने वाले अभ्यर्थियों के तादात में 33 फीसदी की गिरावट हुई है।

पहले मुख्य परीक्षा तक पहुंचने वाले हिंदी माध्यम के छात्रों का अनुपात 35 फीसदी था जो आज घटकर मात्र 2 फीसदी रह गया है। हिंदी माध्यम के छात्रों के सामने दिक्कत की शुरुआत 2010 से हुई है। यही वह साल है जब संघ लोक सेवा आयोग ने अपने परीक्षा पैटर्न में बदलाव किया। मुख्य परीक्षा में हिंदी माध्यम से पहुंचने वाले छात्रों की तादात में 33 फीसदी गिरावट से अधिक निराश करने वाली बात चयनित उम्मीदवारों में हिंदी माध्यम के छात्रों की सफलता का आंकड़ा है। इसमें 70-72 फीसदी तक की गिरावट आई है।

आंकड़े बोलते हैं

आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2010 में संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा में 11,859 अभ्यर्थी शामिल हुए। इनमें 4194 हिंदी माध्यम के थे। जबकि 7371 अंग्रेजी माध्यम के छात्र थे। फीसदी के लिहाज से देखा जाए तो यह आंकड़ा 35 और 62 फीसदी बैठता है। 2016 में 15149 अभ्यर्थी सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा में शामिल हुए। इनमें 1320 हिंदी माध्यम के और 13490 अंग्रेजी माध्यम के थे।

ये भी पढ़ें—केजरीवाल ने पीएम मोदी को दिया न्यौता, जानिए शामिल होंगे या नहीं

हिंदी माध्यम के छात्र 8.7 फीसदी और अंग्रेजी माध्यम के 89 फीसदी छात्र मुख्य परीक्षा में शामिल हुए। लेकिन 2018 के आंकड़े बताते हैं कि सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा में हिंदी माध्यम के सिर्फ 2 फीसदी छात्र शरीक हो पाए जबकि चयनित उम्मीदवारों में हिंदी माध्यम के केवल 8 ही प्रतियोगी फाइनल लिस्ट में नाम शामिल करा पाए।

हिंदी माध्यम के उम्मीदवारों का कहना है कि सीसैट के प्रश्नपत्र को हटाकर सामान्य अध्ययन का पेपर पुरानी पद्धति से लिया जाए। सिविल सेवा और वन सेवा की प्रारंभिक परीक्षा अलग-अलग ली जाए। आईक्यू के साथ इक्यू भी परखा जाए। हिंदी माध्यम के छात्रों ने जल्द ही परीक्षा के तौरतरीकों में बदलाव को लेकर आंदोलन का मन बनाया है।

ये भी पढ़ें—शनिवार को आएगी तबाही! पृथ्वी से टकराएगा बुर्ज खलीफा से बड़ा उपग्रह, जानें सच्चाई



Shivakant Shukla

Shivakant Shukla

Next Story