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एनसीईआरटी की किताब में बड़ा बदलाव, अब स्टूडेंट पढ़ेंगे धारा 370 हटाने का ब्योरा

NCERT ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने का चैप्टर जोड़ा है। इससे पहले सीबीएसई ने भी नौवीं से 12वीं कक्षा तक के सिलेबस में कई बड़े बदलाव किए थे।

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Published on: 21 July 2020 11:37 PM IST
एनसीईआरटी की किताब में बड़ा बदलाव, अब स्टूडेंट पढ़ेंगे धारा 370 हटाने का ब्योरा
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अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली: सीबीएसई के बाद नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी) ने पाठ्यक्रम के बदलाव की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। 12वीं कक्षा की राजनीतिक विज्ञान की किताब से जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद की राजनीति से जुड़ा पैराग्राफ अब हटा दिया गया है। एनसीईआरटी ने इसके स्थान पर जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने का चैप्टर जोड़ा है। इससे पहले सीबीएसई ने भी नौवीं से 12वीं कक्षा तक के सिलेबस में कई बड़े बदलाव किए थे।

12वीं की किताब में बड़ा बदलाव

लोकसभा में पिछले साल पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाली धारा 370 हटाने का बिल पास किया था। हालांकि इस दौरान विपक्ष की ओर से भारी हंगामा किया गया था मगर। मोदी सरकार अपने एजेंडे के मुताबिक इस धारा को हटवाने में कामयाब हुई थी। बाद में इस बिल पर राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद दो नए केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का गठन किया गया था। इसे मोदी सरकार का बड़ा कदम माना गया था। क्योंकि भाजपा शुरू से ही धारा 370 हटाने की मांग करती रही है।

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पीएम मोदी अपने पहले कार्यकाल के दौरान इसे हटवाने में कामयाब नहीं हो सके थे। अब एनसीईआरटी में 12वीं की किताब में पॉलिटिक्स इन इंडिया सिंस इंडिपेंडेंस नामक चैप्टर में बदलाव किया है। इस चैप्टर में अलगाववाद से जुड़े एक पैराग्राफ को पूरी तरह हटा दिया गया है। वहीं रीजनल एस्पिरेशंस (क्षेत्रीय आकांक्षाएं) नामक नया चैप्टर जोड़ा गया है। इसमें जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बारे में जानकारी दी गई है।

सीबीएसई के पाठ्यक्रम में भी बड़ा बदलाव

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा ने महबूबा मुफ्ती के साथ मिलकर सरकार का गठन किया था। जून 2018 में भाजपा ने महबूबा मुफ्ती सरकार से गठबंधन तोड़ लिया था और इसके बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया था। राष्ट्रपति शासन लागू होने के 14 महीने बाद धारा 370 को हटाने का बिल पास हुआ था। संशोधित चैप्टर में इस पूरे घटनाक्रम का ब्यौरा दिया गया है। इसमें इस बात का भी जिक्र किया गया है कि विशेष दर्जा होने के बावजूद जम्मू-कश्मीर ने सालों तक हिंसा, आतंकवाद और राजनीतिक अस्थिरता का सामना किया। एनसीईआरटी से पहले सीबीएसई ने भी पाठ्यक्रम में बदलाव के लिए बड़ा कदम उठाया था।

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सीबीएसई ने नौवीं से बारहवीं तक के सिलेबस में कई बड़े बदलाव किए हैं। इसके तहत राष्ट्रवाद, संवैधानिक ढांचा, लोकतांत्रिक अधिकार, लैंगिक समानता और धर्मनिरपेक्षता आदि कई चैप्टर सिलेबस से पूरी तरह हटा दिए गए हैं। इसे लेकर सियासी बवाल भी हुआ था और सीबीएसई पर एक विशेष विचारधारा के प्रचार करने का आरोप भी लगाया गया था। खास तौर पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे लेकर मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला था। हालांकि बाद में मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने इसका खंडन किया था।



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