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अब छात्राओं को स्कूलों में दी जायेगी माहवारी की क्लास, ये है प्लान

बिहार के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी किरण कुमारी ने बताया कि छात्राओं को माहवारी पर जागरूक करने के लिए पहले माध्यमिक स्कूलों में यह शुरू किया जायेगा। अभी इसके लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। हर स्कूल में दो शिक्षिकाएं इसके लिए ट्रेंड की जा रही हैं। हर शनिवार को बालिका विद्यालय में यह शुरू होगा।

Shivakant Shukla
Published on: 12 May 2019 10:24 AM GMT
अब छात्राओं को स्कूलों में दी जायेगी माहवारी की क्लास, ये है प्लान
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नई दिल्ली: अब स्कूलों में छात्राओं को माहवारी की जानकारी दी जायेगी। अब उन्हें शरमाने और परेशान होने की जरूरत नहीं होगी। माध्यमिक स्कूलों के कैलेंडर में माहवारी पर भी अब कक्षाएं संचालित कराई जायेंगी। इसके लिए पूरी तरह से तैयारी की जा रही है। बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की मानें तो जुलाई के पहले सप्ताह से हर शनिवार को 45 मिनट की कक्षा चलेगी।

8,000 शिक्षिकाएं होंगी तैयार

इसके लिए आठ हजार शिक्षिकाएं इसके लिए तैयार की जायेंगी। प्रदेशभर में 152 शिक्षिकाओं को मास्टर ट्रेनर बनाया गया है। अब ये ट्रेनर अपने-अपने जिलों के हर स्कूल में दो ट्रेनर तैयार करेंगी। ये ट्रेनर छात्राओं के साथ हर शनिवार को रूबरू होंगी। इसके तहत महीने में एक शनिवार को वीडियो दिखाना और कहानी सुनाकर इस मसले पर चर्चा की जाएगी।

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ये है प्लानिंग

सरकार के सैनिटरी नैपकिन की योजना का लाभ हर छात्रा तक मिले, इसके लिए कई स्कूलों की छात्राओं की टीम तैयार की जा रही है। इसके तहत हर कक्षा की सभी छात्राओं की सूची तैयार होगी। जब भी छात्राओं को जरूरत होगी, उसे सेनेटरी नैपकिन दी जायेगी। अब तक आशा कार्यकर्ता के माध्यम से ग्रामीण इलाकों में किशोरियों को सैनेटरी नैपकिन देने की व्यवस्था है लेकिन यह व्यवस्था प्रत्येक किशोरियों तक नहीं पहुंचती।

इन बातों की दी जायेगी जानकारी

माहवारी के दौरान इस्तेमाल किये जाने वाले कपड़े, सेनेटरी नैपकिन के इस्तेमाल करने के तरीके बताए जाएंगे।

माहवारी क्यों होती है, इसकी पूरी जानकारी।

माहवारी में स्वच्छता के महत्व के प्रति संवेदनशील बनाना।

अंधविश्वास के प्रति जागरूक करना।

माहवारी से संबंधित गलत धारणाएं और भ्रांतियों के बारे में बताया जायेगा।

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बिहार के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी किरण कुमारी ने बताया कि छात्राओं को माहवारी पर जागरूक करने के लिए पहले माध्यमिक स्कूलों में यह शुरू किया जायेगा। अभी इसके लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। हर स्कूल में दो शिक्षिकाएं इसके लिए ट्रेंड की जा रही हैं। हर शनिवार को बालिका विद्यालय में यह शुरू होगा।

(नोट- ये जानकारी बिहार शिक्षा परियोजना और यूनिसेफ द्वारा ट्रेनिंग के दौरान विभिन्न जिलों से आयीं शिक्षिकाओं से मिली जानकारी के अनुसार है।)

Shivakant Shukla

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