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अब TV पर होगी पढ़ाई: यूनिवर्सिटी जाने की जरूरत नहीं, इन चैनलों को करें सब्सक्राइब

कोरोना महामारी को देखते हुए आज सरकार द्वारा उठाए गए कदम – मनरेगा, स्वास्थ्य और शिक्षा से संबेधित, कारोबार और कोविड, कंपनी एक्ट का गैर-अपराधीकरण, इज ऑफ डूइंग बिजनेस, सार्वजनिक उपक्रम, राज्य सरकार के संसाधन को लेकर थे। इनमें टेक्नोलॉजी ड्रिवन एजुकेशन के लिए भी कदम उठाए गए हैं। इसके तहत पीएम ई-विद्या को तुरंत लॉन्च किया जाएगा। यह प्रोग्राम डिजिटल या ऑनलाइन पढ़ाई के  लिए होगा।

suman
Published on: 17 May 2020 4:35 PM GMT
अब TV पर होगी पढ़ाई: यूनिवर्सिटी जाने की जरूरत नहीं, इन चैनलों को करें सब्सक्राइब
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नई दिल्ली: कोरोना महामारी को देखते हुए आज सरकार द्वारा उठाए गए कदम – मनरेगा, स्वास्थ्य और शिक्षा से संबेधित, कारोबार और कोविड, कंपनी एक्ट का गैर-अपराधीकरण, इज ऑफ डूइंग बिजनेस, सार्वजनिक उपक्रम, राज्य सरकार के संसाधन को लेकर थे। इनमें टेक्नोलॉजी ड्रिवन एजुकेशन के लिए भी कदम उठाए गए हैं। इसके तहत पीएम ई-विद्या को तुरंत लॉन्च किया जाएगा। यह प्रोग्राम डिजिटल या ऑनलाइन पढ़ाई के लिए होगा।

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वित्त मंत्री ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया लॉकडाउन के बीच कैसे बच्चे घर से पढ़ाई कर सकेंगे और इसे लेकर सरकार की क्या व्यवस्था है। उन्होंने एलान किया ऐसे छात्र, जिनके पास लॉकडाउन के दौरान इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं है, उनके लिए रेडियो और टेलीविजन के माध्यम से ऑनलाइन कोर्सेज शुरू किए जाएंगे। इसके अलावा कक्षा 1 से 12 के लिए प्रति क्लास एक चिन्हित टीवी चैनल होगा। इस प्रोग्राम में रेडियो, पॉडकास्ट, कम्युनिटी रेडियो का काफी इस्तेमाल होगा। इसमें दिव्यांगो के लिए भी विशेष ई-कंटेंट तैयार किया जाएगा। इसके तहत टॉप 100 विश्वविद्यालयों को ऑनलाइन कोर्सेज की शुरुआत के लिए 30 मई तक अनुमति दी जाएगी।

, लॉकडाउन के दौरान, सरकार ने देश के शीर्ष 100 यूनिवर्सिटी को 30 मई, 2020 से ऑनलाइन कोर्सेज शुरू करने की अनुमति दी है। दिव्यांग छात्रों के लिए अलग से कार्यक्रम बनाए जा रहे हैं। हर क्लास के लिए अलग टीवी चैनल होगा। 12 नए चैनल खोले जाएंगे। शिक्षा क्षेत्र में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए मानव संसाधन मंत्रालय ने स्वयं प्रभा चैनल के जरिये शिक्षा गांवों तक पहुंचाने का फैसला किया है। तीन चैनलों को चिन्हित कर लिया है। लाइव टेलिकास्ट के जरिये भी शिक्षा उपलब्ध कराने पर फोकस है इसके अलावा राज्यों से अनुरोध किया गया है कि वे 4 घंटे का शिक्षा कंटेंट दें, जिसे स्वयं प्रभा चैनलों पर उपलब्ध कराया जाएगा। एक चैनल एक क्लास के लिए होगा, हर क्लास के लिए अलग-अलह चैनल होगा. पहली से लेकर बारहवीं कक्षा तक के लिए हर अलग-अलग चैनल होंगे।

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इन सब कदमों के अलावा शिक्षा के क्षेत्र में एक और एलान हुआ है। नेशनल फाउंडेशन लिट्रेसी एंड नुम्रेसी मिशन लाया जाएगा। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना होगा कि हर बच्चा कक्षा 5 में 2025 तक लर्निंग लेवल और आउटकम को प्राप्त कर लें। इसे दिसंबर 2020 तक लॉन्च कर दिया जाएगा।

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