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UP बोर्ड: हाईस्कूल टॉपर गौतम रघुवंशी इंजीनियर बनकर करना चाहते हैं ये बड़ा काम

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के 10वीं और 12वीं के नतीजे आज जारी हो गए हैं। यूपी बोर्ड ने इसकी आधिकारिक घोषणा कर दी है। आज रिजल्ट दोपहर घोषित कर दिए गए। 10वीं की परीक्षा में कानपुर के गौतम रघुवंशी ने टॉप किया है।

Dharmendra kumar
Published on: 27 April 2019 4:21 PM IST
UP बोर्ड: हाईस्कूल टॉपर गौतम रघुवंशी इंजीनियर बनकर करना चाहते हैं ये बड़ा काम
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कानपुर: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के 10वीं और 12वीं के नतीजे आज जारी हो गए हैं। यूपी बोर्ड ने इसकी आधिकारिक घोषणा कर दी है। आज रिजल्ट दोपहर घोषित कर दिए गए। 10वीं की परीक्षा में कानपुर के गौतम रघुवंशी ने टॉप किया है।

अपनी सफलता का श्रेय गौतम अपने माता-पिता और अध्यापक देना चाहते हैं। बेहद साधारण से दिखने वाले गौतम में कई खास बाते हैं वह पढ़ाई में जितने अच्छे हैं और वह उतना ही गाना भी गाते हैं। गौतम के हाईस्कूल में 97.80 प्रतिशत अंक है, लेकिन ये अंक गौतम की उम्मीदों से कम हैं। उनको 99 प्रतिशत अंको की उम्मीद थी। इस सफलता के बाद से गौतम के माता-पिता के साथ ही साथ स्कूल का स्टाफ भी जश्न मना रहा है।

विजय नगर में रहने वाले धीरज रघुवंशी नगर निगम में कर्मचारी हैं। परिवार में पत्नी सुधा और बेटे गौतम रघुवंशी के साथ रहते हैं। गौतम परिवार का एकलौता बेटा हैं। गौतम जवाहर नगर स्थिति ओंकारेश्वर इंटर कॉलेज में पढते हैं। स्कूल के टीचरों ने गौतम को मिठाई खिलाकर बधाई। वहीं उसके दोस्तों ने भी जमकर मस्ती की।

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गौतम रघुवंशी का कहना है कि मैं बहुत सौभाग्यशाली हूं जो हमेशा से अध्यापकों और माता-पिता का सपोर्ट मिला है। आज मुझे जो सफलता मिली है उसी का नतीजा है। बोर्ड एग्जाम अब पहले ज्यादा काफी सख्ती हो गई है जिसकी वजह से बहुत से बच्चों ने परीक्षा नहीं दी है। ये पूरी तरह से नकल विहीन परीक्षा थी जिसकी वजह से जो पढ़ाई करने वाले छात्र हैं वही पास हो रहे हैं। नकल के सहारे रहने वाले बच्चे परीक्षा छोड़ रहे हैं।

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गौतम ने बताया कि मेरे घर में मेरे पापा और मम्मी मुझे पढाई के लेकर बहुत सपोर्ट करते थे। काम की वजह से पापा मुझ पर कम ध्यान दे पाते थे, लेकिन मम्मी मुझे बहुत मोटिवेट करती थीं। पढ़ाई को लेकर मुझे कभी किसी ने डांट नहीं लगाई है। मेरे मन कोई ऐसा विचार नहीं था कि मैं टॉप करुंगा, बल्कि मैं अपने ढंग से अपनी पढ़ाई करके परीक्षा दे रहा था। जब परीक्षा समाप्त हुए तो मुझे विश्वास था कि मेरे नंबर 98 से 99 प्रतिशत के बीच में रहेंगे।

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छात्र ने बताया कि परीक्षा के वक्त मैं रात के वक्त सिर्फ 12 बजे तक पढाई करता था। कभी-कभी तो 11 बजे सो जाता था, लेकिन सुबह 4 बजे उठकर उठकर पढ़ाई करता था। उसने बताया कि एग्जाम के वक्त याद करने का सबसे अच्छा तरीका लिख-लिख कर याद करने का होता है। जब आप किसी सब्जेक्ट को लिख-लिख कर याद करेंगे तो एग्जाम की कॉपी में वर्ड-टू-वर्ड उतार कर आएंगे। इसके साथ ही स्कूल के टीचरों का भी बहुत बड़ा योगदान है उनके मार्गदर्शन के बाद ही ये सफलता मिल पाई है।



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Dharmendra kumar

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