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सौमित्र चटर्जी का फिल्मों तक सफर, इस नाटक से आया टर्निंग पाइंट, बने सफल एक्टर

सौमित्र चटर्जी एक बेहतरीन फिल्म अभिनेता होने के साथ-साथ निर्देशक, नाटककार, लेखक और कवि भी थे। उन्हें निर्देशक सत्यजीत रे के साथ उनके सहयोग के लिए जाना जाता है, जिनके साथ उन्होंने चौदह फिल्मों में काम किया।

Monika
Published on: 18 Jan 2021 11:39 AM IST
सौमित्र चटर्जी का फिल्मों तक सफर, इस नाटक से आया टर्निंग पाइंट, बने सफल एक्टर
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इस नाटक से सौमित्र चटर्जी की ज़िन्दगी में आया नया मोड़, बना दिया एक सफल अभिनेता

मुंबई : सौमित्र चटर्जी एक बेहतरीन फिल्म अभिनेता होने के साथ-साथ निर्देशक, नाटककार, लेखक और कवि भी थे। उन्हें निर्देशक सत्यजीत रे के साथ उनके सहयोग के लिए जाना जाता है, जिनके साथ उन्होंने चौदह फिल्मों में काम किया। सौमित्र चटर्जी का जन्म 19 जनवरी , 1935 में कलकत्ता में सियालदह रेलवे स्टेशन के पास मिर्जापुर स्ट्रीट में हुआ था। बंगाली फिल्मों के दिग्गज अभिनेता कहे जाने वाले सौमित्र चटर्जी भले आज हमारे बीच नहीं है लेकिन फिल्मों में उनके किराद को आज भी दर्शक देखना पसंद करते हैं।

थिएटर में बढ़ा रुझान

बता दें, अभिनेता सौमित्र चटर्जी के शुरुआती जीवन के पहले दस साल पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर में बीते थे। और यही से उनका रुझान थिएटर की तरफ बड़ा। उनके पिता पेशे से वकील और बाद में एक सरकारी कर्मी भी शौकिया अभिनेता के रूप में काम करते थे। स्कूल के दिनों से ही अभिनेता को मंच पर एक्टिंग करने के लिए प्रशंशा बटोरी। जिसके बाद कॉलेज के दिनों में वह बंगाली थिएटर के प्रसिद्ध अभिनेता-निर्देशक अहिंद्र चौधरी के तहत अभिनय सीखा।

ऐसे आया लाइफ में टर्निंग पाइंट

उनकी ज़िन्दगी में महत्वपूर्ण मोड़ आया जब कॉलेज के अंतिम वर्ष में उन्होंने सिसिर भादुड़ी, थियेटर निर्देशक और बंगाली थिएटर के डीन द्वारा एक नाटक देखा। इस नाटक को देख पर उनके अन में भी एक अभिनेता बनने का मन बना दिया।

इन फिल्मों को दर्शक करते हैं पसंद

जिसके बाद उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत फिल्म अपुर संसार (द वर्ल्ड ऑफ अपू, 1959) से शुरू किया। इसके बाद द अपू ट्रिलॉजी का तीसरा भाग (एडल्ट अप्पू के रूप में), उन्होंने रे के साथ कई फिल्मों में काम किया, जिनमें अभिज्ञान (द एक्सपेक्टेशन, 1962), चारुलता (द लोनली वाइफ, 1964), अरण्यर दीन रत्रि (दिन और रात, 1969 में), आशानी संकते (दूर थंडर, 1973), सोनार केला (द किला, 1974) और जोई फेलुनाथ (द एलिफेंट गॉड, 1978) फेलुदा के रूप में, हीर राजार देशे (1980), घरे बैरे (द होम एंड द वर्ल्ड, 1984), शक्शा प्रचार (1990) और गनाशत्रु (लोगों का दुश्मन, 1989)।

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इतनी फिल्मों में किया काम

सौमित्र चटर्जी ने अपने करियर में 210 से भी अधिक फिल्मों में अभिनय किया। उनके निर्देशन की पहली फिल्म स्ट्री की पात्र (1986) के लिए भी उन्हें काफी प्रशंसा मिली, जो कि रवींद्रनाथ टैगोर की बंगाली कहानी स्ट्रीर पात्र पर आधारित थी।

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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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