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सियासी मुद्दा बनी सुशांत मामले की जांच, भाजपा और शिवसेना में जमकर चले तीर

भाजपा के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई है।

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Published on: 1 Aug 2020 3:34 AM GMT
सियासी मुद्दा बनी सुशांत मामले की जांच, भाजपा और शिवसेना में जमकर चले तीर
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अंशुमान तिवारी

मुंबई: बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के सुसाइड प्रकरण की जांच को लेकर सियासी घमासान तेज होता जा रहा है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। उनका कहना है कि राज्य की पुलिस सुशांत मामले की जांच करने में पूरी तरह सक्षम है। मामले की जांच को ट्रांसफर करना मुंबई पुलिस के लिए अपमानजनक होगा क्योंकि इस पुलिस ने कोरोना महामारी के खिलाफ योद्धाओं की तरह लड़ाई लड़ी है।

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ठाकरे ने फडणवीस पर साधा निशाना

ठाकरे ने इस मामले में विधानसभा में विपक्ष के नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पांच साल तक मुख्यमंत्री के रूप में काम करने के बावजूद फडणवीस का मुंबई पुलिस की क्षमता पर संदेह करना अफसोसजनक है।

उन्होंने कहा कि फडणवीस का बयान मुंबई पुलिस के मनोबल को गिराने वाला है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं सुशांत के प्रशंसकों को बताना चाहूंगा कि उन्हें मुंबई पुलिस की जांच पर पूरा भरोसा करना चाहिए। किसी के पास अगर कोई भी जानकारी है तो वह जानकारी साझा की जानी चाहिए।

फडणवीस ने की सीबीआई जांच की मांग

इससे पहले महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की वकालत करते हुए कहा कि इसके पीछे विशाल जन भावना है। उन्होंने ठाकरे सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार इस दिशा में कोई कदम नहीं उठा रही है। फडणवीस ने कहा कि सुशांत के मामले में लोगों के मन में काफी भावनाएं हैं।

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सुशांत के प्रशंसकों को इस मामले में कुछ छिपाए जाने की आशंका है। इस मामले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं और यही कारण है कि लोग इस मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार सीबीआई जांच के लिए तैयार नहीं है।

पासवान व मोदी भी चाहते हैं सीबीआई जांच

इससे पहले बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने भी सीबीआई जांच की वकालत की थी। उनका कहना था कि मुंबई पुलिस इस मामले में बिहार पुलिस का सहयोग नहीं कर रही है। ऐसे में मामले को सीबीआई को सौंप देना ही अच्छा होगा। केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का भी कहना है कि मौत के सात हफ्ते बीत जाने के बाद भी इस मामले की जांच में कोई खास प्रगति नहीं हुई है। इसलिए इस मामले को सीबीआई को सौंप दिया जाना चाहिए।

जावड़ेकर ने जताई निष्पक्ष जांच की उम्मीद

उधर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि मामले की स्वतंत्र व निष्पक्ष जांच होगी ताकि सच सामने आ सके। उन्होंने कहा कि फिल्म उद्योग में नई प्रतिभाओं को मौका मिलना चाहिए। भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी पहले ही इस मामले की सीबीआई जांच की वकालत कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले को सीबीआई को ट्रांसफर किए जाने के पुख्ता आधार हैं।

सीबीआई जांच की मांग को लेकर याचिका

इस बीच पटना हाईकोर्ट में शुक्रवार को एक जनहित याचिका दायर कर सुशांत मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की गई। याचिका में दलील दी गई है कि मुंबई पुलिस इस मामले को आत्महत्या मानकर जांच कर रही है जबकि सुशांत के पिता ने अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती पर सुशांत को खुदकुशी के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया है। याचिका में कहा गया है कि एक ही मामले की जांच दो राज्यों की पुलिस कर रही है और दोनों की जांच अलग-अलग दिशा में चल रही है। ऐसे में इस चर्चित मामले की जांच केंद्रीय एजेंसी से कराना ही उचित होगा।

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बिहार सरकार भी पहुंची सुप्रीम कोर्ट

उधर सुशांत मामले में उनके पिता की एफआईआर पटना से मुंबई स्थानांतरित करने की रिया की याचिका के खिलाफ बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल की है। बिहार सरकार के महाधिवक्ता ललित किशोर ने कहा कि महाराष्ट्र पुलिस का जांच में बिहार पुलिस को सहयोग न देना दुर्भाग्यपूर्ण है। किशोर ने कहा कि जब किसी राज्य की पुलिस जांच के लिए दूसरे राज्य में जाती है वहां की सरकार की जिम्मेदारी है कि वह सहयोग करे मगर मुंबई पुलिस बिहार की पुलिस को कोई सहयोग नहीं दे रही है।

रिया की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में 5 अगस्त को सुनवाई होने वाली है। उधर महाराष्ट्र सरकार की ओर से भी कैविएट दाखिल कर कहा गया है कि रिया की याचिका पर किसी भी आदेश से पहले हमारा भी पक्ष सुना जाए।

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