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उषा मंगेशकर का जन्मदिनः 'जय संतोषी मां' के गीतों ने सुपरहिट हुई थी फिल्म

संगीत के क्षेत्र में देश के जाने माने मंगेशकर परिवार की चार बहनों में लता, आशा, मीना के बाद उषा मंगेशकर ने मराठी फिल्मों में गायकी के क्षेत्र में हिन्दी फिल्मों में भी अपनी धाक जमाई है। पंडित दीनानाथ मंगेशकर के पुत्र हदयनाथ मंगेशकर की बड़ी बहन उषा मंगेशकर का आज जन्म दिन है।

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Published on: 15 Dec 2020 9:33 AM IST
उषा मंगेशकर का जन्मदिनः जय संतोषी मां के गीतों ने सुपरहिट हुई थी फिल्म
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उषा मंगेशकर का जन्मदिनः 'जय संतोषी मां' के गीतों ने सुपरहिट हुई थी फिल्म

मुंबई: संगीत के क्षेत्र में देश के जाने माने मंगेशकर परिवार की चार बहनों में लता, आशा, मीना के बाद उषा मंगेशकर ने मराठी फिल्मों में गायकी के क्षेत्र में हिन्दी फिल्मों में भी अपनी धाक जमाई है। पंडित दीनानाथ मंगेशकर के पुत्र हदयनाथ मंगेशकर की बड़ी बहन उषा मंगेशकर का आज जन्म दिन है।

कई भाषाओं में बिखेरे आवाज के सुर

उषा मंगेशकर का आज ही के दिन 15 दिसम्बर 1935 को महाराष्ट्र में जन्म हुआ था। उन्होंने संगीत के क्षेत्र वालेे परिवार से होने के कारण कम उम्र में ही शास्त्रीय गायन शुरू कर दिया था। बंगाली, कन्नड, मराठी, नेपाली, भोजपुरी, गुजराती समेत कई भाषाओं में गीत गा चुकी उषा को असली पहचान 1975 में आई फिल्म जय संतोषी मां से मिली।

file photo

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इस फिल्म के सारे गाने हिट रहे। उनके हिट गीतों में मै तो आरती उतारू रे... अपलम चपलम...... सुल्ताना सुल्ताना..... गोरो की न कालों की...... काहे तरसाए जायरा...... मुंगड़ा मुंगडा मैं गुड़ की डली..... पकड़ो पकड़ो,रंग जमाके जाएगें ओ चली चली..... कैसी हवा चली....आदि हिट रहे हैं। उन्हे कई पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है जिसमें महाराष्ट्र सरकार को लता मंगेशकर पुरस्कार भी शामिल है।

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जय संतोषी मां के गीत आज भी हिट हैं

45 साल पहले यानी 1975 में आई फिल्म जय संतोषी मां के गीत आज भी हिट है। गीतकार प्रदीप के लिखे गीतों को उषा मंगेशकर ने ही स्वरबद्व किया था। इन गीतों के कारण यह फिल्म सुपरहिट हुई थी और इसने शोले के बराबर ही कमाई की थी। चित्रकला की बेहद शौकीन उषा मंगेशकर अपनी बड़ी बहन लता मंगेशकर के साथ ही रहकर उनकी देखभाल करती हैं। उनका कहना है कि जब हम चारों बहने मिलते हैं तो गीतों को छोड़कर और सारी बाते करते हैं। वह कहती हैं कि आज भी हम लोग संगीत की रियाज करते हैं। वह इस बात को लेकर निराश रहती हैं कि अब अच्छे गीतकार नहीं मिलते जिनके गीतों पर गाने का मन हो।

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श्रीधर अग्निहोत्री



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