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जन्मदिन विशेष: अनिल धवन का UP से है खास नाता, जानिए उनसे जुड़ी बातें
हिंदी सिनेमा के जाने माने अभिनेता अनिल धवन का फिल्मों में बड़ा योगदान रहा है। वह निर्माता डेविड धवन के बड़े भाई और बॉलीवुड स्टार वरुण धवन के ताऊ जी हैं। आज ये एक्टर अपना जन्मदिन मना रहे हैं।
हिंदी सिनेमा के जाने माने अभिनेता अनिल धवन का फिल्मों में बड़ा योगदान रहा है। वह निर्माता डेविड धवन के बड़े भाई और बॉलीवुड स्टार वरुण धवन के ताऊ जी हैं। आज ये एक्टर अपना जन्मदिन मना रहे हैं। इनके जन्मदिन पर जानेंगे कि यूपी के इस शहर से इस दिग्गज एक्टर का क्या नाता है।
हिंदी सिनेमा में अपनी चाप छोड़ने वाले अनिल धवन टीवी सीरियल में भी खूब नाम कमाया है। उन्होंने अपने 8 साल यूपी के कानपूर में गुज़ारे हैं। साल 1974 में आई फिल्म हवास के गीत ‘तेरी लाकियों में ना रखेंगे कदम आज के बाद’ और पिया का घर (1972) के गीत ये जीवन है इस जीवन का यही है रंग रूप’ से दर्शकों के दिलों में जगह बनाने वाले अनिल धवन ने कानपुर के सेंट जेवियर्स स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा और फिर क्राइस्टचर्च कॉलेज से उच्च शिक्षा पूरी की थी।
इन फिल्मों में आए नज़र
अनिल धवन ने बॉलीवुड की कई फिल्मों में काम किया है। उन्होंने नीतू कपूर के साथ साल 1974 में आई फिल्म ‘हवस’ में काम किया था। फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट, पुणे से उन्होंने जब एक्टिंग का कोर्स किया था तब जया भादुड़ी और शत्रुघ्न सिन्हा उनके बैच मेट थे।
अनिल धवन की कुछ बेहतरीन फ़िल्में
फिल्म चेतना (1970) से एक्टर ने अपना फिल्मी सफर शुरू किया था। प्यार की कहानी (1971), पिया का घर (1972), नागिन (1976), पुरानी हवेली (1989), करिश्मा काली का (1990), हीरो नंबर-1 (1997), होगी प्यार की जीत (1999), जोड़ी नबंर (2001), क्योंकि (2005), सनम हम आपके हैं (2009), रास्कल्स (2011), हिम्मतवाला (2013) सहित कई फिल्मों में काम किया है। जिसके बाद उन्होंने तक का रुख किया।यहा भी उन्होंने खूब पहचान बनाई।
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दोस्तों ने स्टार बनाया
एक इंटरव्यू के दौरान अनिल धवन ने बताया था कि कॉलेज के दिनों में वह दोस्तों संग हर हफ्ते आर्य नगर की चाट खाने जरुर जाते थे। उनके पिता मदन लाल यूको बैंक में एजीएम थे, जो 1947 में पाकिस्तान के पेशावर शहर से भारत आए थे। कुछ दिनों तक उनके पिता दिल्ली में रहे उसके बाद कानपुर में परिवार संग बस गए। अनिल के छोटे भाई डेविड धवन के बचपन के कुछ दिन भी कानपुर में बीते।
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अपनी पुरनी यादों को ताज़ा करते हुए अनिल ने बताया कि जब उनकी पहली फिल्म चेतना रिलीज़ हुई थी तो उनके दोस्त ने पूरे शहर में फिल्म के पोस्टर बैनर लगवा दिए। जिधर देखो उधर चेतना फिल्म का ही पोस्टर दिख रहा था । उनकी ये पहली फिल्म हिट रही।
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