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जन्मदिन विशेष: गंभीर अभिनय के बादशाह, बहुत हंसाते थे ओमप्रकाश
ओम प्रकाश ने 307 फिल्मों में काम किया। वे एक बहुमुखी प्रतिभा के धनी अभिनेता थे। हावड़ा ब्रिज, दस लाख प्यार किया, पधोसन, साधु और शैतान, दिल दौलत दूनिया, चुपके चुपके, नमक हलाल, गोलमाल और चमेली की में अपने कॉमिक अभिनय को कभी नहीं भुलाया जा सकता है।
श्रीधर अग्निहोत्री
मुम्बई: फिल्म अभिनेता ओमप्रकाश बॉलीवुड के एक ऐसे कलाकार थें जिन्होने गंभीर अभिनय के साथ ही हास्य के क्षेत्र में भी अपनी अमिट छाप छोड़ी। इसके अलावा कभी पिता कभी भाई तो कभी चाचा बनकर दर्शकों के दिलों पर छाए रहे। फिल्म अभिनेता ओमप्रकाश का आज ही के दिन 19 दिसम्बर 1919 को लाहौर में हुआ। उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत आल इंडिया रेडियो से की। अपने कार्यक्रमों में बोलने की शैली से वह हर घर में छा गए।
ओम प्रकाश का अमिताभ बच्चन के साथ खास तालमेल
भारत विभाजन के तुरंत बाद वह बॉम्बे आ गए। यहां निर्माता निर्देशक बलदेव राज चोपड़ा ने ओम प्रकाश से अपने अभिनय करियर को आगे बढ़ाने को कहा। उन्हें अपना पहला ब्रेक लखपति नामक फिल्म में खलनायक के रूप में मिला। इसने उन्हें प्रशंसा दिलवाई और उन्हें लाहौर, चार दिन और रात की रानी जैसी फिल्मों में भूमिकाएं मिलीं। उन्होंने दिलीप कुमार, राज कपूर के साथ सरगम और मिस मैरी, बहार, पहली झलक, आशा और मनमौजी में किशोर कुमार के साथ काम किया। ओम प्रकाश का अमिताभ बच्चन के साथ खास तालमेल था और दोनों ने जंजीर से लेकर शराबी तक कई सफल फिल्मों में काम किया।
हर किरदार में वह अच्छे थे, वे कॉमेडियन थे
उनके द्वारा निभाए गए लगभग हर किरदार में वह अच्छे थे। वे कॉमेडियन थे, पारिवारिक व्यक्ति समस्याओं के बोझ तले दबे, लेखापाल, शराबी बुरे दिनों के कारण गिर गए, खलनायक के बुरे डिजाइनों के कारण, दांतेदार पति, प्यार में बूढ़े, दिल से राजनेता और बड़े भाई दिल से सोने का। गोपी में उनकी भूमिका को अभी भी याद किया जाता है।
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ओम प्रकाश ने 307 फिल्मों में काम किया
ओम प्रकाश ने 307 फिल्मों में काम किया। वे एक बहुमुखी प्रतिभा के धनी अभिनेता थे। हावड़ा ब्रिज, दस लाख प्यार किया, पधोसन, साधु और शैतान, दिल दौलत दूनिया, चुपके चुपके, नमक हलाल, गोलमाल और चमेली की में अपने कॉमिक अभिनय को कभी नहीं भुलाया जा सकता है। गोपी में दिलीप कुमार के बड़े भाई के रूप में उनके प्रदर्शन ने उनके करियर को नई गति दी।
इसके अलावा चाचा जिंदाबाद, खानदान, हरियाली और रास्ता, दिल अपना और प्रीत पराई, पति-पत्नी, नींद हमारी-ख्वाब तुम्हारे, मेरे हमदम मेरे दोस्त, अन्नदाता, एक श्रीमन एक जैसी फिल्में श्रीमति, डोली, चिराग, अमर प्रेम, आंख मिचोली, एक हसीना दो दीवाने, अनुराग, जंजीर, सगीना, आ गले लग जा, लोफर, रोटी, जूली, खुशबू, लावारिस, बंदिश, शराबी और चमेली की शादी।
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फिल्म निर्माण में भी हाथ आजमाया
एक्टिंग के साथ-साथ ओम प्रकाश ने फिल्म निर्माण में भी हाथ आजमाया। उन्होंने 60 के दशक में फिल्म संजोग, जहांआरा और गेटवे आफ इंडिया जैसी फिल्में बनाईं। ओम प्रकाश को दिल का दौरा पड़ने पर उन्हें मुंबई में ही लीलावती अस्पताल ले जाया गया, जहां वह कोमा में चले गए। 21 फरवरी, 1998 को उन्होंने आखिरी सांस ली।
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