TRENDING TAGS :
'बरेली की बर्फी' फेम एक्ट्रेस सीमा पाहवा ने सिखाए अभिनय और निर्देशन के गुर
'एमरेन फ़ाउन्डेशन' लखनऊ के सामाजिक रूप से सजग लोगों द्वारा बनायी गयी एक संस्था है। इस संस्था की आधारशिला विभिन्न क्षेत्रों के अनुभवी व्यक्तियों ने मिलकर रखी है, जो इस मंच के माध्यम से अपने बहुमूल्य अनुभव समाज के साथ साझा करने को प्रतिबद्ध हैं।
लखनऊ। 'एमरेन फ़ाउन्डेशन' लखनऊ के सामाजिक रूप से सजग लोगों द्वारा बनायी गयी एक संस्था है। इस संस्था की आधारशिला विभिन्न क्षेत्रों के अनुभवी व्यक्तियों ने मिलकर रखी है, जो इस मंच के माध्यम से अपने बहुमूल्य अनुभव समाज के साथ साझा करने को प्रतिबद्ध हैं।
लखनऊ फ़िल्म फ़ोरम
एमरेन फ़ाउन्डेशन 'लखनऊ फ़िल्म फ़ोरम' के इस नवोन्मेषी फोरम का एकमात्र उद्देश्य है कि लखनऊ को सिने जगत के केंद्र के रूप में विकसित करना। इसके साथ ही फ़िल्म जगत के अन्य महत्वपूर्ण आयामों को उत्तर प्रदेश में आयोजित कर प्रदेश के महत्वकांक्षी युवाओं का सशक्तिकरण भी इस फोरम के उद्देश्यों में निहित है। एमरेन फाउंडेशन ने हमारे मीडिया और फिल्म उद्योग के विभिन्न 71 वर्टिकल पर आवश्यक प्रकाश को डिकोड और जागरूकता फैलाने के लिए मास्टर कक्षाओं की एक श्रृंखला का संचालन शुरू किया है।
अभिनेत्री और निर्माता सीमा पाहवा
एक्ट्रेस सीमा पाहवा एक भारतीय अभिनेत्री और फिल्म निर्माता हैं। 63वें फिल्मफेयर पुरस्कारों में, उन्हें दो बार फिल्मफेयर अवार्ड के लिए फिल्म बरेली की बर्फी (2017) और शुभ मंगल सावधान (2017) के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के लिए नामांकित किया गया। उन्हें 65वें फिल्मफेयर पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए नामित किया गया था। फरवरी में आयोजित हुए 66वें फिल्मफेयर अवार्ड्स 2021 में सीमा पाहवा ने फ़िल्म 'चिंटू का जन्मदिन' के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का पुरस्कार जीता।
अभिनय और निर्देशन के गुर सिखाए
उन्होंने अपने निर्देशन की शुरुआत रामप्रसाद की फिल्म तेहरवी से की, जिसका प्रीमियर 2019 में मुंबई फिल्म फेस्टिवल में किया गया था। एक्ट्रेस सीमा पाहवा ने दूरदर्शन के शो ओपेरा हम लोग (1984-1985) में बड़की की भूमिका निभाई थी। सीमा पाहवा ने आज इस कार्यक्रम में उपस्थित छात्र छात्राओं को अभिनय और निर्देशन के गुर सिखाए। उन्होंने कहा कि हम लोग बहुत जल्दी हार मान जाते हैं, लेकिन अभिनय और निर्देशन वह कला है जहां असफलता के बाद ही सफलता मिलती है।
ये भी पढ़ें : ये म्यूजिक डायरेक्टर नहीं चाहते कोई नाम के साथ बुलाए 'खान', जानें ऐसा क्यों
लखनऊ में ही फिल्म की बारीकियां सीखने का मौका
एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि कमर्शियल सिनेमा और कला सिनेमा में अंतर दर्शक ही पैदा करते हैं। दर्शक जो पसंद करते हैं उन्हें फिल्म निर्माता-निर्देशक बनाने का प्रयास करते हैं। उन्होंने एमरेंन फाउंडेशन और लखनऊ फिल्म फोरम की सराहना करते हुए कहा कि इस संस्था का प्रयास बहुत ही सराहनीय है। इनके माध्यम से यहां के छात्र छात्राओं को यहीं लखनऊ में ही फिल्म की बारीकियां सीखने का मौका मिल रहा है।
ये भी पढ़ें : एक हफ्ते में समीरा रेड्डी ने कम किया अपना वजन, सोशल मीडिया पर शेयर किया सिक्रेट
कलाकारों को संस्थानों से जुड़ने के लिए मार्ग प्रदान करना
रेणुका टंडन (निदेशक, एमरेन फाउंडेशन) ने इस अवसर पर कहा कि 'इस परियोजना को शुरू करने का हमारा उद्देश्य इच्छुक कलाकारों को विभिन्न संस्थानों से जुड़ने के लिए मार्ग प्रदान करना है, जो पहले से ही हमारे राज्य में इन पाठ्यक्रमों को चला रहे हैं।'
इस मौके पर वंदना अग्रवाल (कार्यकारी सदस्य, एमरेन फाउंडेशन) ने कहा कि 'हमारा उद्देश्य इन आकांक्षाओं को फिल्म निर्माण के विविध पहलुओं के बारे में शिक्षित करने की संभावनाओं को लेकर एक कौशल विकास का रोड मैप तैयार करना है और इस उद्देश्य के लिए हमने ऐसे आकांक्षियों के कई समूहों को आमंत्रित किया और इसमें सभी वर्ग के छात्र-छात्राओं को भी शामिल किया, जिन्हें लखनऊ फिल्म फोरम ने कलाकारों से रूबरू होने का अवसर प्रदान किया है।' इस अवसर पर बड़ी संख्या में छात्र छात्राओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
रिपोर्ट-: शाश्वत मिश्रा