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थिएटर और सिनेमा पर कोरोना की भयंकर मार, प्रधानमंत्री से कलाकारों को उम्मीद

कोरोना संकट के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी संकट गहराता जा रहा है। इसकी मार फिल्म इंडस्ट्री पर सबसे ज्यादा पड़ी है। कई फिल्में रिलीज होने को तैयार हैं लेकिन...

Ashiki
Published on: 13 May 2020 6:33 AM GMT
थिएटर और सिनेमा पर कोरोना की भयंकर मार, प्रधानमंत्री से कलाकारों को उम्मीद
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मुंबई: कोरोना संकट के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी संकट गहराता जा रहा है। इसकी मार फिल्म इंडस्ट्री पर सबसे ज्यादा पड़ी है। कई फिल्में रिलीज होने को तैयार हैं लेकिन कोरोना महामारी के चलते ऐसा हो नहीं पा रहा है। ऐसे में कोरोना और दिनों तक रहा तो थिएटरों में ताला लटके रहेंगे। इस इंडस्ट्री को बड़ा झटका लगेगा, जो बहुत दूर तक असर दिखाएगा।

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सिंगल थिएटरों के लिए आई सुनामी

ऐसी मुश्किल घड़ी को मल्टीप्लेक्स तो किसी तरह पार कर भी सकते हैं लेकिन सिंगल थिएटरों के लिए कोरोना सुनामी बनकर आया है। यह संकट दो तरह से आने वाला है। पहला कि थिएटर बंद होने से वहां काम करने वाले लोगों की छटनी होगी, जिससे इंडस्ट्री को तो नुकसान होगा बल्कि देश की अर्थव्यवस्था पर भारी चोट आ सकती है। दूसरा संकट कि वे लोग क्या करेंगे जो सस्ते टिकट होने की वजह से सिंगल थिएटरों में जाते थे। मल्टीप्लेक्स तो चलेंगे लेकिन उनका किराया बढ़ने की उम्मीद है तो सिंगल थिएटर देखने वाले उधर भी नहीं जा पाएंगे।

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पीएम मोदी से की थी उम्मीद

ऐक्ट्रेस अमृता पुरी ने कहा, वाकई ये सिंगल थिएटर्स के लिए एक बुरा समय है। हमने अपने स्टाफ को मार्च और अप्रैल की पूरी सैलेरी दे दी है। हालांकि, अब मैं परेशान हूं क्योंकि हमारे पास कमाने का और कोई जरिया नहीं है। हम लोग बुरी स्थिति से गुजर रहे हैं, लेकिन मैंने सुना है कि पीएम मोदी ये बताने वाले हैं कि वह हम लोगों की कितनी मदद कर पाएंगे। फिर हम उसी हिसाब से देखेंगे कि हमें मई में क्या करना है। वैसे आज कल कई फिल्में डिजिटल प्लेटफॉर्म पर रिलीज हो रही हैं। इससे हम लोगों का खूब नुकसान हो रहा है और आगे देखते हैं कि क्या-क्या होता है।

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खुले में दिखाया जाय सिनेमा

उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि जिन जगहों पर कोरोना की मार कम पड़ी या वो शहर या प्रदेश जहां कोरोना ना के बराबर या समाप्त हो चुका है, उन जगहों पर थिएटर खोले जा सकते हैं। ओपन थिएटर वाले कॉन्सेप्ट को बढ़ावा दिया जाना चाहिए ताकि लोग बंद कमरे में बैठने की बजाए खुले में फिल्मों को एक साथ और समुचित दूरी के साथ देख सकें। फिल्मों को थिएटरों के अलावा वेब प्लेटफॉर्म पर भी रिलीज किए जाने की ज्यादा जरूरत है। जब कोरोना का इलाज आएगा तो मेगा बजट की फिल्मों के लिए रास्ता तो जरूर निकलेगा।

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मुहिम छेड़ी जाय

अमृता पुरी आगे कहती हैं कि मुझे लगता है कि अगर थिएटर बंद होते हैं तो उसका असर फिल्मों की मेकिंग पर भी पड़ेगा। थिएटर्स फिल्मों की कमाई का बहुत बड़ा जरिया हैं। ऐसे में I FOR INDIA जैसी कोई दूसरी मुहिम छेड़कर पैसे जुटाने चाहिए। उससे सिंगल थिएटरों को बचाने का उपाय किया जाना चाहिए।

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