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राम ही नहीं ये किरदार भी हुए भाजपा के, तो BJP बन रही सबसे बड़ी हिदुत्व पार्टी,

रामायण सीरियल के सिर्फ राम ही नहीं सीता, रावण और साथ ही महाभारत में अहम किरदार निभाने वाले कृष्ण, द्रौपदी और युधिष्ठिर जैसे लोकप्रिय चेहरे भी बीजेपी में अहम किरदार निभा रहे है।

Newstrack
Published on: 19 March 2021 2:02 PM GMT
राम ही नहीं ये किरदार भी हुए भाजपा के, तो BJP बन रही सबसे बड़ी हिदुत्व पार्टी,
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नई दिल्ली: दूरदर्शन के सबसे मशहूर और पसंदीदा शो 'रामायण' और ‘महाभारत’ की लोकप्रियता का आलम ऐसा था जब यह शो आता तो सड़को पर सन्नाटा छा जाता था। साल 1987 में आए रामानंद सागर के मशहूर धारावाहिक ‘रामायण’ का हर कलाकार अपने किरदार के नाम से घर-घर में पहचाने जाते है। शो में भगवान राम की भूमिका से घर-घर में पहचान बनाने वाले अरुण गोविल भी बीजेपी में शामिल हो गए। रामायण सीरियल के सिर्फ राम ही नहीं सीता, रावण और साथ ही महाभारत में अहम किरदार निभाने वाले कृष्ण, द्रौपदी और युधिष्ठिर जैसे लोकप्रिय चेहरे भी बीजेपी में अहम किरदार निभा रहे है।

बीजेपी में शामिल राम

देश के पांच राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनाव अभियान के बीच में टीवी के राम का बीजेपी में शामिल होना काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा हैं। जिस तरह से पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी और बीजेपी के बीच टक्कर देखने को मिल रही है उससे ऐसा लग रहा है कि बीजेपी बंगाल में 'जय श्रीराम' के नारे के सहारे ममता बनर्जी की दुर्गा को भेदना चाहती हैं।

मशहूर सीरियल ‘रामायण’ में भगवान राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल शुरुआत में कांग्रेस के करीबी माने जाते थे। यह भी जाता है कि राजीव गांधी उन्हें प्रयागराज से चुनाव भी लड़वाना चाहते थे लेकिन भगवान राम का किरदार निभाने की वजह से उन्हें चुनाव लड़ना अच्छा नहीं लग रहा था। लेकिन अब अरुण गोविल ने बीजेपी का हाथ थाम लिया है।

राम से पहले रावण की एंट्री

रामायण में रावण की भूमिका निभाने वाले अरविंद त्रिवेदी काफी पहले ही बीजेपी में कदम रख चुके है। साल 1991 में उन्होंने गुजरात के साबरकांठा से बीजेपी के टिकट पर ही लोकसभा चुनाव लड़े था। जिसमें अरविंद त्रिवेदी ने जनता दल के मगनभाई मणिभाई पटेल को करीब 36 हजार वोटों से हराया था। इसके बाद उन्होंने साल 2002 में भी चुनाव जीता था। और 2002 में वह सेंसर बोर्ड के एक्टिंग चेयरमैन भी बने थे।

बीजेपी के टिकट पर दर्ज की जीत

आपको बता दें कि रामायण' में माता सीता का किरदार निभाने वालीं दीपिका चिखलिया ने भी बीजेपी का दामन बहुत पहले ही थाम लिया था। जहां उन्होंने साल 1991 में बीजेपी के टिकट पर गुजरात की वडोदरा सीट से लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी। उन्हें कुल 49.98 फीसदी वोट मिले थे। दीपिका ने कांग्रेस के रंजीत सिंह प्रताप सिंह गायकवाड़ को करीब 34 हजार वोटों से हराया था।

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बीजेपी के साथ राज्यसभा में एंट्री

सीरियल रामायण' में हनुमान जी का किरदार निभाने वाले दारा सिंह को 2003 में बीजेपी ने मनोनीत सदस्य के तौर पर राज्यसभा भेजा था। बता दें कि राज्यसभा के कुल 12 सदस्य ऐसे होते हैं जिन्हें राष्ट्रपति मनोनीत करता है और जिसमें कला, साहित्य, संस्कृति, खेल, समाज सेवा जैसे क्षेत्रों की हस्तियां होती हैं। दारा सिंह का 2012 में निधन हो गया।

युधिष्ठिर ने भी थामा बीजेपी का दामन

दूरदर्शन के मशहूर सीरियल 'महाभारत' में युधिष्ठिर का किरदार निभाने वाले गजेंद्र चौहान ने भी 2004 में बीजेपी का दामन थामा था। जिसके बाद 2015 में उन्हें प्रतिष्ठित फिल्म ऐंड टेलिविजन इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (FTTI) का चेयरमैन भी नियुक्त किया गया, जिसको लेकर काफी विरोध हुआ था।

कृष्ण भी नहीं रहे पीछे

बीआर चोपड़ा के धारावाहिक 'महाभारत' में नीतीश भारद्वाज ने कृष्ण की भूमिका निभाई थी। उन्होंने 1996 में बीजेपी के टिकट पर झारखंड के जमशेदपुर से चुनाव लड़ा और जीत भी दर्ज की। हालांकि 1999 में वह मध्य प्रदेश की राजगढ़ सीट से तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह से हार गए।

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