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आर्टिकल 15 मूवी रिलीज पर हुआ बवाल, प्रशासन ने शो बंद करने के दिए निर्देश
आयुष्मान खुराना की मूवी आर्टिकल 15 शुक्रवार को पूरे देश रिलीज हुई । कानपुर में ब्राहम्ण समाज ने आर्टिकल 15 का जबरदस्त विरोध किया । टॉकीजां में लगे पोस्टरों को फाड़ दिया गया।
कानपुर : आयुष्मान खुराना की मूवी आर्टिकल 15 शुक्रवार को पूरे देश रिलीज हुई । कानपुर में ब्राहम्ण समाज ने आर्टिकल 15 का जबरदस्त विरोध किया । टॉकीजां में लगे पोस्टरों को फाड़ दिया गया। इसके साथ ही जेड स्क्वायर मॉल में पुलिस और ब्राहम्ण समाज के लोगों के बीच जमकर झड़प हुई ।
फिल्म पर बवाल
बवाल बढ़ता देखकर कई थानों की फोर्स को तैनात कर दिया । हंगामे को देखते हुए जिला प्रशासन ने आर्टिकल 15 के फिलहाल सभी शो बंद करा दिए है ।उत्तर प्रदेश के बदांयु जिले में दो चचेरी बहनों के साथ गैंग रेप के बाद उनके शव पेंड़ से लटके हुए मिले थे । आर्टिकल 15 इस सत्य घटना पर आधारित फिल्म है । इस फिल्म में लड़कियों और उनके परिवार पर जुल्म करने वाले एक महंत के बेटों को दिखाया गया है जो ब्राहम्ण परिवार से ताल्लुक रखते है ।
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ब्राह्मण समाज क्यों कर रहा विरोध
वहीं पीड़ित लड़कियों को दलित दिखाया है । ब्राहम्ण समाज का कहना है कि इस फिल्म के माध्यम से क्षवि को धूमिल किया जा रहा है और समाज को बाटने का भी काम किया जा रहा है ।
प्रदर्शनकारी सुशील शास्त्री के मुताबिक बदांयु की घटना पर बनी आर्टिकल 15 में आयुष्मान खुराना एक्टर है । बदांयु में जो घटना घटी थी उसमें मौर्य समाज की लड़कियां थी और यादव समाज के लड़के थे जिन्होने गलत कार्य किया था । लेकिन इस फिल्म में पैसे कमाने के लिए और समाज को बांटने के इरादे से लड़कियों को दलित दिखाया गया है ।
अश्वासन दिया था डीएम ने
इसके साथ ही लड़को को महंत के बेटे दिखाया गया है । जबकि ये झूठ है ऐसा नहीं करना चाहिए था । इस फिल्म में ब्राहम्णों टारगेट किया गया है । इससे ब्राहम्णों में रोष है आखिर हमने ऐसा क्या बिगाड़ है जो हमें इस तरह से दिखाया गया है । हम इस फिल्म को रिलीज नहीं होने देंगे । इस संबध में मैने डीएम को दो बार ज्ञापन भी दे चुके थे । डीएम ने अश्वासन दिया था कि सीएम से बाद करेंगे लेकिन उन्होने ऐसा नहीं किया है ।
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ब्राहम्ण समाज के सदस्य डॉ डीपी बाजपेई के मुताबिक फिल्म में साफ लिखा है कि सत्य घटना पर आधारित है । सरकार की सभी एजेंसी ने इस घटना की जांच की थी । इसमें ब्राहम्णों का कहीं भी संलिप्तता नहीं पाई गई थी । इसमें दलित को सबसे कमजोर दिखाया गया है और ब्राहम्ण को सबसे अत्याचारी दिखाया है ये समाज को बांटने की प्रक्रिया है ।
सिटी मजिस्ट्रेट रवि प्रकाश के मुताबिक आर्टिकल 15 के प्रदर्शन को लेकर ब्राहम्ण समाज के लोग इक्ठ्ठा हुए है । उनका कहना है कि फिल्म के उनके जाति को लेकर आपत्ति की गई है । इसे ध्यान में रखते हुए जो शो चल रहा था उसे बंद कराया है । आगे के शो को फिल्हाल बंद करने का निर्देश दिया गया है ।