9 मिनट तक तड़पते रहे गुलशन कुमार, वो मारता रहा दनादन गोलियां

टी-सीरीज के मालिक और म्यूजिक इंडस्ट्री के एक शख्सियत जिनका नाम आज भी हर इंसान की याद में जिंदा है। हम बात कर रहे हैं, गुलशन कुमार की जिन्होंने आज ही के दिन गवां दी थी अपना जिंदगी।

Shreya
Published on: 12 Aug 2019 5:12 AM GMT
9 मिनट तक तड़पते रहे गुलशन कुमार, वो मारता रहा दनादन गोलियां
X
9 मिनट तक तड़पते रहे गुलशन कुमार, वो मारता रहा दनादन गोलियां

मुम्बई- टी-सीरीज के मालिक और म्यूजिक इंडस्ट्री के एक शख्सियत जिनका नाम आज भी हर इंसान की याद में जिंदा है। हम बात कर रहे हैं, गुलशन कुमार की जिन्होंने आज ही के दिन गवां दी थी अपना जिंदगी। गुलशन कुमार ना केवल गानों को प्रोड्यूस करते थे बल्कि खुद भी एक गायक थे। आइए जानते हैं उनके बारे में कुछ अनसुनी बातें-

यह भी पढ़ें: गुलशन कुमार इस सिंगर को बनाना चाहते थे दूसरी लता मंगेशकर, ऐसे हो गई चूक

‘सुपर कैसेट्स इंडस्ट्रीज लिमिटेड’ नाम से शुरु की कंपनी-

गुलशन कुमार T-Series के मालिक थे और म्यूजिक इंडस्ट्री को आगे बढ़ाने में बहुत बढ़ा योगदान था। गुलशन कुमार का जन्म पंजाबी हिन्दू फैमिली में हुआ था। गुलशन बहुत ही कम उम्र से अपने पिता के साथ दिल्ली में दरियागंज के पास जूस बेचते थे। कुछ समय बाद गुलशन ने कैसेट्स की दुकान खोल ली जहां वो बहुत कम पैसों में कैसेट्स बेचा करते थे। इसके बाद गुलशन ने नोएडा आकर खुद की कैसेट की कंपनी खोल ली। जिसका नाम ‘सुपर कैसेट्स इंडस्ट्रीज लिमिटेड’ का नाम दिया। जो अब T-Series के नाम से जानी जाती है। कुछ दिन में ही गुलशन स्यूजिक इंडस्ट्री के एक बड़े नाम बन गये।

‘लाल डुपट्टा मलमल का’ से बॉलीवुड में डेब्यू-

गुलशन बाद में मुम्बई आये और म्यूजिक प्रोडक्शन का काम करने लगे। उन्होंने ‘लाल डुपट्टा मलमल का’ से बॉलीवुड में डेब्यू किया। उसके बाद आई आशिकी मूवी के गानों ने पिछले सारे रिकॉर्ड दिये। जिसके बाद गुलशन का नेवर एंडिंग सफर शुरु हो गया। इसके अलावा गुलशन ने आई मिलन की रात, जीना तेरी गली में, बहार आने तक, दिल है कि मानता नहीं, शबनम, कसम तेरी कसम, बेवफा सनम औऱ चार धाम जैसी कई सारी मूवीज के गानों को प्रोड्यूस किया और आज टी-सीरीज आज म्यूजिक की सबसे बड़ी कंपनियों में शुमार है।

यह भी पढ़ें: हो गया खुलासा: अगले साल क्रिसमस पर रिलीज होगी गुलशन कुमार की बायोपिक

भगवान शिव और पार्वती के थे भक्त-

गुलशन कुमार की शिव और मां पार्वती में अटूट श्रद्धा थी। यहीं कारण है कि उनको भक्ति संगीतों के लिए भी जाना जाता है। गुलशन भक्ति गाने को प्रोड्यूस करने के साथ खुद भक्ति गाना गाते भी थे। गुलशन रोज भगवान शिव की पूजा करते थे।

यह भी पढ़ें: मोदी का जंगल में राज: पीएम करेंगे बड़े खतरों का सामना, देखेंगे 180 देशों के लोग

16 गोलियों ने खत्म की जिंदगानी-

एक दिन अपने रोज की आदत की तरह गुलशन भगवान शिव की पूजा करने गये थे। उस दिन गुलशन से साथ कोई भी बॉडी गार्ड मौजूद नहीं था। गुलशन जैसे ही आरती करके बाहर निकले वैसे ही तीन हमलावरों ने गुलशन को 16 गोलियां मारकर छलनी कर दिया और 12 अगस्त 1997 में गुलशन इस दुनिया को विदा कह गये। गुलशन की इस तरह हुई मौत के बाद सारा म्यूजिक इंडस्ट्री सदमे में थी।

कहा जाता है कि गुलशन की पहचान ही उनके मौत का कारण बनी। रिपोर्ट्स के अनुसार दाऊद इब्राहीम के करीबी अबू सलेम ने गुलशन कुमार की हत्या सुपारी दी थी। दरअसल गुलशन को 5 औऱ 8 अगस्त को दाऊद का कॉल आया था और उनसे फिरौती की मांग की थी पर गुलशन ने साफ इंकार कर दिया। फिरौती ना देने की वजह से दाऊद ने अबु सलेम ने शूटर को हायर करके उनका मर्डर करवा दिया था. बाद में गुलशन के हत्या में अबुल राफुल पर आरोप तय हो गया था।

Shreya

Shreya

Next Story