कहानी फिल्मी परदे के पीछे की: फिल्म 'मेरा गांव मेरा देश' के अनकहे किस्से

Mera desh mera gaon : फिल्म ‘मेरा गांव मेरा देश’ के तमाम ऐसी कहानियां जो आज भी शायद ही कोई जानता हो। जानिए परदे के पीछे की कहानी...

Shreedhar Agnihotri
Published on: 23 April 2023 11:12 AM GMT
कहानी फिल्मी परदे के पीछे की: फिल्म मेरा गांव मेरा देश के अनकहे किस्से
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Image: Social Media

Mera Desh Mera Gaon: आजादी के बाद भी देश में डकैतों की एक बड़ी समस्या से निबटने के लिए सरकारें प्रयास करती रहीं पर वो असफल होती रहीं। इसी सामाजिक समस्या को केन्द्र में रखकर उस कालखंड में लगातार फिल्में भी बनती रहीं। इन्हीं दर्जनों फिल्मों के बीच 25 जून, 1971 में राज खोसला निर्देशित एक फिल्म ‘मेरा गांव मेरा देश ’ आई। उस दौर के बड़े कलाकारों धर्मेन्द्र, विनोद खन्ना और आशा पारेख की यह फिल्म जबरदस्त हिट हुई। फिल्म में लक्ष्मी छाया और जयंत की भूमिका को खूब सराहा गया।

संगीतकार लक्ष्मीकांत प्यारेलाल के संगीत और आनन्द बख्शी के गीतों से सजी इस फिल्म को राजस्थान में फिल्माया गया। फिल्म के गीत ‘मार दिया जाए कि छोड दिया जाए’ ‘सोना लई जा रे चांदी लई जा रे’ ‘कुछ कहता है ये सावन’ ‘किस किस को सुनाऊं अपनी प्रेम कहानियां’ तथा ‘आया आया अटरिया पे कोई चोर’ आज भी संगीत प्रेमियों को अपनी तरफ लुभाते हैं।

उदयपुर जिले के चीरवा गांव के लोग अभी भी फिल्म मेरा गांव मेरा देश फिल्म की शूटिंग की चर्चा करते रहते हैं। फिल्म में दिखाया गया मंदिर आज भी मौजूद है। कई कच्चे मकान अब पक्के बन गए है। बावजूद इसके कई अन्य स्थान तथा गली बने हुए हैं। यहां के लोग बताते हैं कि कई महीनों तक यहां शूटिंग हुई थी। सारे फिल्मी कलाकार यहां रुके रहे।

कुछ साल पहले एक स्कूल खुलने पर धर्मेन्द्र ने यहां आर्थिक मदद की और खुद भी कार्यक्रम में शामिल होने यहां आए थे। इस गांव के लोगों को धर्मेन्द्र से इतना लगाव है कि आज भी वो उनका जन्मदिन धूमधाम से मनाते हैं। कई बार यहां धर्मेन्द्र के साथ विनोद खन्ना भी आते रहे। जीवित रहते निर्देशक राज खोसला भी यहां आकर गांव वालों के साथ बैठते रहे।

शायद ही फिल्मों का शौक रखने वाले लोगों को पता हो कि इसी फिल्म की कापी सदी की सुपरहिट फिल्म शोले में की गयी। फिल्म में विनोद खन्ना का नाम जब्बर सिंह था जबकि शोले में गब्बर सिंह। फिल्म में एक अजीत नाम के चोर की भूमिका धर्मेन्द्र ने निभाई थी। जबकि ऐसा ही मिलता जुलता रोल धर्मेन्द्र और अमिताभ ने शोले में किया। फिल्म में रिटायर्ड फौजी की भूमिका अमजद खान के पिता जयन्त ने निभाई जबकि शोले में संजीव कुमार को रिटायर्ड पुलिस इंस्पेक्टर का रोल दिया गया। स्टंट से भरी फिल्म मेरा गांव मेरा देश में उस दौर के सफल अभिनेता धर्मेन्द्र ने अपने सारे स्टंट खुद किए थें।

बार बार कहने पर भी उन्होंने डुप्लीकेट का इस्तेमाल नहीं किया। खास बात यह है कि फिल्म के अंतिम सीन में जब धर्मेन्द्र विनोद खन्ना की बेल्ट से पिटाई करते हैं तो वास्तविकता दिखाने के लिए कई दफे धर्मेन्द्र ने विनोद खन्ना की बेल्ट से इतनी जोर से पिटाई कर डाली कि उनकी पीठ में नीले निशान पड़ गए। अभिनेता धर्मेन्द्र को इस फिल्म में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फिल्म फेयर अवार्ड भी मिला। बाद में विनोद खन्ना और धर्मेन्द्र पक्के दोस्त बने और उन्होंने कई फिल्मों में एक साथ काम किया।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं।)

Shreedhar Agnihotri

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