जुथिका रॉय: गांधी सुना करते थे उन्हें, क्या आप जानते हैं इन्हें

महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी की पसंदीदा गायिका जुथिका रॉय थीं। महात्मा गांधी उन्हें इतना अधिक पसंद करते थे कि प्रार्थना सभा से पहले उनके भजन सुनाते थे।

Shivani Awasthi
Published on: 4 Feb 2021 5:05 PM GMT
जुथिका रॉय: गांधी सुना करते थे उन्हें, क्या आप जानते हैं इन्हें
X

रामकृष्ण वाजपेयी

क्या आप को पता है कि महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी की पसंदीदा भजन गायिका कौन थीं। महात्मा गांधी उन्हें इतना अधिक पसंद करते थे कि अपनी प्रार्थना सभा से पहले इस गायिका के भजन सुना करते थे। ये महानतम भजन गायिका थीं जुथिका रॉय, जिनकी 5 फरवरी को सातवीं पुण्यतिथि है। इनका 93 वर्ष की अवस्था में कोलकाता में निधन हुआ था।

गांधी, नेहरू और इंदिरा की पसंदीदा भजन गायिका थी जुथिका रॉय

भले ही वर्तमान पीढ़ी रॉय के बारे में अनभिज्ञ है, लेकिन यह गायिका 1930 और 1950 के दशक के बीच एक महान शख्सियत थीं। गांधी हर रोज अपनी प्रार्थना से पहले उनके भजन सुनते थे। मीरा बाई के बाद वह 'अधुना मीरा' के नाम से जानी जाती थीं।

ये भी पढ़ें-पं. बिरजू महाराजः वह कलाकार जो कथक करते करते स्वयं कथक हो गए

जुथिका रॉय की सातवीं पुण्यतिथि

15 अगस्त, 1947 को जब नेहरू किशोर मूर्ति भवन से दिल्ली के लाल किले पर एक स्वतंत्र भारत का झंडा फहराने के लिए जा रहे थे, तो रॉय के भजनों का प्रसारण ऑल इंडिया रेडियो (AIR) पर किया जा रहा था।

जब जुथिका अपना गायन समाप्त कर स्टेशन छोड़ने वाली थीं तभी आकाशवाणी के अधिकारियों ने रॉय को बताया कि प्रधानमंत्री नेहरू चाहते हैं कि जब तक वह झंडा फहराएंगे, तब तक वे इसे जारी रखें। यहां तक कि इंदिरा गांधी ने भी उनके गीतों को पसंद किया और उन्हें गुजरात के पोरबंदर स्थित महात्मा के पैतृक घर ले गईं।

आल इंडिया रेडियो पर 7 साल की उम्र में जुथिका का पहला गायन

रॉय का आल इंडिया रेडियो पर पहला गायन तब हुआ जब वह सात साल की थीं। काज़ी नज़रूल इस्लाम उनके पहले गुरु थे और इस कवि-संगीतकार ने 13 साल की उम्र में उनके पहले एल्बम को रिलीज़ करवाने में अहम भूमिका निभाई थी। बाद में, कमल दासगुप्ता उनके गुरु बन गए और वह जल्द ही प्रसिद्धि की ओर बढ़ गईं।

Mahatma Gandhi's favourite Legendary bhajan Singer Juthika Roy Death Anniversary

1946 में, गायिका वह यादगार दिन था। जब गांधीजी ने बंगाल के विभाजन से पहले के सांप्रदायिक तनाव के हालात में कोलकाता में अपने भाषण से ठीक पहले उनसे गाने के लिए कहा। लेकिन इस गायिका को बाद में लोगों ने भुला दिया और जब दक्षिणी कोलकाता के अस्पताल में जुथिका रॉय का निधन हुआ तो तत्कालीन राज्य सरकार के किसी प्रतिनिधि ने उनके अस्पताल में रहने के दौरान उनका हालचाल नहीं लिया। उनके निधन की सूचना मिलने पर तत्कालीन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अस्पताल जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की।

जुथिका रॉय ने 200 से अधिक हिन्दी गानों को आवाज दी

अपने चार दशक लम्बे करियर में जुथिका रॉय ने 200 से अधिक हिन्दी और 100 से अधिक बंगाली गानों को अपनी आवाज दी। उन्होंने हिन्दी फ़िल्मों हेतु हिन्दी भक्ति संगीत भी रिकॉर्ड करवाये। उन्हें 1972 में भारत के चतुर्थ सर्वोच्य नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से पुरस्कृत किया गया।

ये भी पढ़ें- किसानों की ताकत का राज: जानें झकझोर देने वाला सच, आखिर क्यों डटे हैं बॉर्डर पर

मेरी प्रेम की नैया..., दर्शन बिना प्रभुजी..., घूंघट का पाट खोल..., कन्हैया पे तन मन..., पग घुंघुरू बांध मीरा नाची..., तोरे अंग से अंग मिला के कन्हाई..., तुलसी मीरा सुर कबीर..., बादल देख रही..., बोल रे मधुबन मैं..., चुपके चुपके बोल मैना..., रोती अंखियाँ... जुथिका रॉय के गाये कुछ प्रमुख भजन हैं।

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Shivani Awasthi

Shivani Awasthi

Next Story