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पुण्यतिथि स्पेशल: शानदार सूट में आंखों से डराने वाले विलेन केएन सिंह

70 के दशक में केएन सिंह का दौर जब उंचाईयों पर था। उस दौरान उनकी कई फिल्में आई जिनमें हाथी मेरे साथी, झूठा कहीं का, मेरे जीवन साथी जैसी फिल्में कीं तो धरमजी की फिल्म ‘लोफर’ में उनका आखिरी बड़ा रोल था।

Shreya
Published on: 30 Jan 2021 7:25 PM IST
पुण्यतिथि स्पेशल: शानदार सूट में आंखों से डराने वाले विलेन केएन सिंह
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पुण्यतिथि स्पेशल: शानदार सूट में आंखों से डराने वाले विलेन केएन सिंह

मुंबई: हिन्दी फिल्मों में केएन सिंह एक ऐसे अभिनेता रहे हैं जिनके अभिनय से हॉल में बैठे दर्शकों के दिलों में अचानक हलचल पैदा हो जाती थी। उनके असली नाम को कोई नहीं जान पाया। जबकि उनका मूल नाम कृष्ण निरंजन सिंह था। आज ही के दिन बीस साल पहले 31 दिसम्बर को उनका निधन हुआ था। लगभग तीस साल तक फिल्मों में सक्रिय रहे केएन सिंह का जन्म एक बडे़ वकील के यहां हुआ था। वह चाहते तो वकील भी बन सकते थें पर उनकी अभिनय में गहरी रूचि थी।

ऐसे हुई करियर की शुरुआत

जब वह 28 साल की उम्र के थें तो 1936 में कोलकाता पहुंचे और संयोग से पृथ्वीराज कपूर से उनकी मुलाकात हो गई। उनके व्यक्तित्व और उनकी आंखों से प्रभावित कपूर ने उन्हें देबकी बोस से मिलवा दिया। देबकी बॉस उन दिनों न्यू थिएटर्स के सक्रिय निर्देशक थे। देबकी बोस ने उन्हें ‘सुनहरा संसार’ (1936) में परदे पर उतार दिया। केएन सिंह खुद ही कहते थें कि उनका नायक बनने का मन था पर उनके चेहरा विलेन का था इसलिए वह विलेन के रोल में ज्यादा फिट होते थे।

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villain kn singh (फोटो- सोशल मीडिया)

महज आंखें ही काफी थीं खौफ के लिए

इसके बाद उन्होंने ‘बागबान’, ‘इंडस्ट्रियल इंडिया’ सिकंदर, हावड़ा ब्रिज, एन इवनिंग इन पेरिस, जैसी कई बेहतरीन फिल्मों में काम किया है। केएन सिंह ने अपने करियर में करीब 200 फिल्मों में काम किया। ये एक ऐसे विलेन रहे हैं जिन्होंने अपनी आंखों से ही लोगों के जेहन में खौफ भर दिया था। वो अपनी आवाज, अपने स्टाइल और अपनी आंखों की वजह से ही मशहूर हुए थे।

ये हैं उनकी कुछ मशहूर फिल्में

70 के दशक में केएन सिंह का दौर जब उंचाईयों पर था। उस दौरान उनकी कई फिल्में आई जिनमें हाथी मेरे साथी, झूठा कहीं का, मेरे जीवन साथी जैसी फिल्में कीं तो धरमजी की फिल्म ‘लोफर’ में उनका आखिरी बड़ा रोल था। हालांकि वो फिल्में करते रहे, जिनमें मजबूर, काला सोना, अदालत, रफू चक्कर, दोस्ताना, एजेंट विनोद, कालिया, लाट साहब जैसी कई फिल्में थीं।

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actor kn singh (फोटो- सोशल मीडिया)

केएन सिंह शानदार सूट में सिगार सुलगाते हुए केवल आंखों की एक्टिंग से डायलॉग को धीरे- धीरे चबाकर बोलते हुए हीरो ही नहीं दर्शकों के दिलों में भी सिहरन पैदा कर देते थे। उस दौर की तमाम सुपरहिट फिल्मों के वो अहम हिस्सा हुआ करते थे. ज्वार भाटा, सीआईडी, आवारा, जाल, हावड़ा ब्रिज, चलती का नाम गाड़ी, एन ईवनिंग इन पेरिस जैसी तमाम फिल्में उनके बिना अधूरी हैं। लेकिन दिक्कत ये हुई कि लोग आम जिंदगी में भी उनसे डरने लगे।

मशहूर है केएन सिंह का ये किस्सा

एक बार स्टूडियो जाते वक्त एक दोस्त ने रास्ते में एक लिफाफा किसी के घर पर देने को कहा तो मकान मालकिन ने जैसे ही दरवाजा खोला तो वो बेहद घबरा गयी क्योंकि उनके सामने बड़े परदे का सबसे खौफनाक विलेन जो खड़ा था। केएन सिंह को देखते ही वह घर के अंदर भाग गयी। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह अपने अभिनय में कितना डूब जाते थें कि असल जिंदगी में भी लोग उनसे डरते थें।

श्रीधर अग्निहोत्री

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