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जन्मदिन विशेष: पद्मश्री महेंद्र कपूर थे मनोज कुमार की आवाज, इस गाने से मिली पहचान

हिंदी सिनेमा को अलग पहचान दिलाने वाले महेंद्र कपूर ने मेरे देश की धरती सहित फिल्मों में कई देशभक्ति गीत दिए। जिसे लोग आज भी सुनना पसंद करते हैं। महेंद्र कपूर ने अपनी पहचान उस समय बनाई जब फिल्म इंडस्ट्री में मोहम्मद रफी, तलत महमूद, मुकेश, किशोर कुमार और हेमंत कुमार जैसे आवाज के जादूगर अपने मुकाम पर थे।

Monika
Published on: 9 Jan 2021 3:44 AM GMT
जन्मदिन विशेष: पद्मश्री महेंद्र कपूर थे मनोज कुमार की आवाज, इस गाने से मिली पहचान
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जन्मदिन विशेष: पद्म श्री सम्मानित महेंद्र कपूर थे अभिनेता मनोज कुमार के आवाज़

मुंबई : हिंदी सिनेमा को अलग पहचान दिलाने वाले महेंद्र कपूर ने मेरे देश की धरती सहित फिल्मों में कई देशभक्ति गीत दिए। जिसे लोग आज भी सुनना पसंद करते हैं। महेंद्र कपूर ने अपनी पहचान उस समय बनाई जब फिल्म इंडस्ट्री में मोहम्मद रफी, तलत महमूद, मुकेश, किशोर कुमार और हेमंत कुमार जैसे आवाज के जादूगर अपने मुकाम पर थे। महेंद्र कपूर ने भी कभी अपनी आवाज़ का जादू ऐसा बिखेरा कि लोगों ने उनकी तुलना मोहम्मद रफी से करने लगे। 1972 में, उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। आज 9 जनवरी के दिन महेंद्र कपूर ने जन्म लिया था। आइये जानतें हैं उनसे जुड़ी कुछ ख़ास बातें।

इस फिल्म से की थी शुरुआत

महेंद्र कपूर का जन्म 9 जनवरी 1934 में अमृतसर, पंजाब में हुआ था। बचपन से ही गाने के शौक ने उन्हें कम उम्र में ही मुंबई पहुंचा दिया। साल 1953 में आई फिल्म ‘मदमस्त’ के साहिर लुधियानवी के गीत 'आप आए तो खयाल-ए-दिल-ए नाशाद आया' से उन्होंने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी। साल 1958 में वी शांताराम की फिल्म नवरंग में सी रामचंद्र जैसे संगीतकार के निर्देशन में 'आधा है चंद्रमा रात आधी…' गीत ने उन्हें इंडस्ट्री में एक नई पहचान दिलाई।

महान गायक मोहम्मद रफ़ी से थे प्रेरित

कम उम्र में, महेंद्र कपूर महान गायक मोहम्मद रफ़ी से प्रेरित थे और उन्हें अपना गुरु मानते थे। उन्होंने शास्त्रीय गायकों के तहत शास्त्रीय संगीत सीखना शुरू किया। पं .हुस्नलाल, पं जगन्नाथ बुआ, उस्ताद नियाज अहमद खान, उस्ताद अब्दुल रहमान खान और पं. तुलसीदास शर्मा।

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ये थी उनकी यादगार गीत

बता दें, महेंद्र कपूर के यादगार गीतों में गुमराह फिल्म का चलो एक बार फिर से अजनबी बन जाए हम दोनों., हमराज का नीले गगन के तले धरती का प्यार पले., किसी पत्थर की मूरत से., तुम अगर साथ देने का वादा करो. जैसे कई गाने शामिल हैं, लेकिन देशभक्ति गीत और उनकी आवाज जैसे एक-दूसरे के पूरक थे। महेन्द्र कपूर ने बीआर चोपड़ा की धूल का फूल, हमराज, गुमराह, वक्त, धुंध जैसी फिल्मों को अपनी आवाज दी। इसके अलावा उनकी आवाज से सजा महाभारत का शीर्षक गीत अथ श्रीमहाभारत कथा… लोगों के जेहन में आज भी ताजा है।

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Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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