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लकी रही राजीव कपूर की 'राम तेरी गंगा मैली' फिल्म, खूब हुआ था इसका विरोध
फिल्म के गाने इतने शानदार थे, जिसे सुनकर हर कोई व्यक्ति भावुक हो उठेगा। लता मंगेश्कर की आवाज में ‘हुस्न पहाड़ों का…’, ‘सुन साहिबा सुन...’, सुरेश वाडकर की आवाज में फिल्म का टाइटल सॉन्ग ‘राम तेरी गंगा मैली...’ जैसे गाने लोगों के जुबां पर बैठ गए थे।
नई दिल्ली: ‘राम तेरी गंगा मैली’ एक ऐसी फिल्म जिसने राजीव कपूर (Rajiv Kapoor) को एक झटके में शोहरत की बुलंदियों तक पहुंचा दिया। इस फिल्म में राजीव कपूर मुख्य भूमिका निभा रहे थे। 80 की दशक की यह फिल्म अपने बोल्ड सीन के कारण काफी चर्चा में रही। यह फिल्म सामाजिक कुरीतियों और दूषित गंगा पर आधारित थी।
लोगों ने किया था फिल्म का विरोध
शायद पहली बार ऐसा हुआ जब लोगों के बीच एक बोल्ड सीन की फिल्म प्रस्तुत किया गया था। इस फिल्म में यह भी दिखाया गया है कि कैसा एक अकेली महिला समाज की बुराइयों का शिकार होती है। इस फिल्म में मंदाकिनी अपने बच्चे को लेकर अपने पति से मिलने के लिए कलकत्ता की ओर निकल पड़ती है। इस सफर में मंदाकिनी को बहुत सामाजिक कुरीतियों का सामना करना पड़ता है। पहले वह दो महिलाओं और एक पुरुष के शोषण की शिकार होती है, फिर बनारस में एक पंडित के शोषण शिकार बनती है।
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फिल्म में दर्शायी गई थी सामाजिक कुरीतियां
वहीं पति से मिलने के मंदाकिनी ट्रेन में यात्रा करती है, तभी अंधेपन का नाटक कर रहे मणिलाल की नजर उस पड़ती है। वह मंदाकिनी को वैश्यालय में जाकर छोड़ देता है। मंदाकिनी अपने बच्चे के खातिर वहां ठहर जाती है। इसी तरह की तमाम सामाजिक कुरीतियों को इस फिल्म में दर्शाया गया है। शायद ही वजह थी कि उस जमाने के लोग इस फिल्म का विरोध कर रहे थे।
सुपरहिट गानें
वहीं फिल्म के गाने इतने शानदार थे, जिसे सुनकर हर कोई व्यक्ति भावुक हो उठेगा। लता मंगेश्कर की आवाज में ‘हुस्न पहाड़ों का…’, ‘सुन साहिबा सुन...’, सुरेश वाडकर की आवाज में फिल्म का टाइटल सॉन्ग ‘राम तेरी गंगा मैली...’ जैसे गाने लोगों के जुबां पर बैठ गए थे।
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पिता ने दिया था फिल्म का ऑफर
बता दें कि राजीव कपूर ने फिल्मी दुनिया में कई फिल्मी की, लेकिन उन फिल्मों ने उन्हें नाम नहीं दिया, जो ‘राम तेरी गंगा मैली’ फिल्म ने लिया। लगातार फलॉप हो रहे फिल्मों से राजीव कपूर निराश हो चुके थे, तब उनके पिता राजकपूर ने उन्हें अपनी फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली’ में काम करने का मौका दिया। इस खबर को सुनकर हो फुले नहीं समाए। राजक कपूर की ऑफर की गई फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली’ ने राजीव कपूर को वो पहचान दिला, जो शायद ही किसी को मिली है। हालांकि राजीव कपूर हमारे बीच नहीं रहे, लेकिन वे हमेशा लोगों के दिलों में जिंदा रहेंगे।
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