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Sacred Games-2: मामला है अनसुलझा, जाने कौन है असली विलेन
14 अगस्त 2019 की रात 12 बजे नेटफ्लिक्स खुला तो सबको सिर्फ एक वेब सीरीज सेक्रेड गेम्स सीजन 2 का इंतज़ार था। पहले सीजन में नवाजुद्दीन सिद्दीकी की दमदार एक्टिंग ने लोगों का दिल जीत लिया था। वहीँ सीजन 2 में गुरूजी का रोल निभा रहे पंकज त्रिपाठी के सवाल का सबको जवाब चाहिए था।
मुंबई: 14 अगस्त 2019 की रात 12 बजे नेटफ्लिक्स खुला तो सबको सिर्फ एक वेब सीरीज सेक्रेड गेम्स सीजन 2 का इंतज़ार था। पहले सीजन में नवाजुद्दीन सिद्दीकी की दमदार एक्टिंग ने लोगों का दिल जीत लिया था। वहीँ सीजन 2 में गुरूजी का रोल निभा रहे पंकज त्रिपाठी के सवाल का सबको जवाब चाहिए था। ये था वो सवाल-
क्या ये दुनिया बचाने लायक है?
अफसोस इस सवाल ने लाखों फैन्स की उम्मीदों का बलिदान ले लिया, वो उम्मीदें जो सैक्रेड गेम्स 1 ने जगाई थीं और दूसरे सीजन ने तोड़ दीं। तो इसका गुनहगार कौन है? दूसरे सीजन का विलेन कौन है? कहानी में दिखाए गए गुरुजी, सर्वशक्तिशाली भगवान गणेश गायतोंडे या फिर इस सीरीज़ के डायरेक्टर अनुराग कश्यप/नीरज घेवान।
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1. सीजन 2 में दिखाए गए विलेन: गुरुजी
पंकज त्रिपाठी बहुत ही बेहतरीन एक्टर्स में से एक हैं, जिन्होंने पिछले कुछ साल में काफी फेम कमाया है। अपने किरदार, एक्टिंग के दम पर वह क्रिटिक का भी दिल जीतते हैं और ऑडियंस का भी। उनका निभाया गुरुजी का किरदार इस सीजन का असली विलेन है। जो पूरी कहानी रच रहा है और गणेश गायतोंडे समेत सभी किरदारों को अपने इशारे पर नचा रहा है।
ध्यान और सेक्स की सीख देने वाले गुरुजी मुंबई को खत्म करने का मंत्र भी देते हैं और दुनिया में न्यूक्लियर की जंग करवा एक नया संसार रचना चाहते हैं। कलयुग का अंत और सतयुग की शुरुआत। गुरुजी के किरदार में पंकज त्रिपाठी बिल्कुल फिट हैं, चेहरे पर शांति और धीमी आवाज के साथ गुरुजी के किरदार में भी ढल गए और अपनी अदाकारी से विलेन वाला खेल भी खेल गए।
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कहानी के हिसाब से विलेन के किरदार में पंकज त्रिपाठी ने कोई कसर नहीं छोड़ी। बाकी तो वो कह ही चुके हैं, 'न्यूक्लियर से आए हैं।।।और न्यूक्लियर पर ही खत्म होंगे'।
2. कहानी का विलेन: गणेश गायतोंडे
पहले सीजन में गणेश गायतोंडे सचमुच भगवान लगने लगा था, नवाजुद्दीन ने उस किरदार को जिया था जो बार-बार पहला सीजन देखने के बाद स्क्रीन पर दिखाई पड़ता था। कैलाशपाड़ा का सर्वशक्तिसाली भगवान गणेश गायतोंडे।
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लेकिन दूसरे सीजन में ये सब गुजरा जमाना लगा। क्योंकि कहानी का असली विलेन तो गुरुजी निकले, लेकिन गणेश गायतोंडे के किरदार के लिए कई जगह नवाज ही विलेन साबित हुए। अगर ध्यान से दूसरा सीजन देखें तो कई पल ऐसे दिखेंगे जहां नवाजुद्दीन एक साधारण अभिनेता के तौर पर नजर आ रहे हैं।
उनका किरदार कमजोर दिखाया गया, वो बात को अलग है लेकिन उस किरदार को नवाजुद्दीन ने कई बार एक्टिंग से ही कमजोर कर दिया। जब तक गणेश गायतोंडे केन्या में रहा, तबतक उसका किरदार और अदाकारी दोनों ही कमजोर रहे।
अब जब आप ये सीरिज देखेंगे तभी जान पाएंगे।
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'क्या ये दुनिया बचाने लायक है?' 'अगर है तो क्या ये शहर बच पाएगा?
अंत में सिर्फ वही बात जो गुरुजी ने गणेश गायतोंडे से मरने से पहले कही थी और गायतोंडे उसे दोहराता ही रह गया। ''…मैं कलयुग का कली हूं, दानव का पुत्र, अधर्म का पिता। मैं कल्कि भी हूं, मैं परम हूं। मैं वीभत्स हूं, मैं भीषण हूं। मैं ब्रह्म हूं। सिर्फ मैं ही ब्रह्म हूं।।''
अह्म ब्रह्मास्मि!!