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सोनू सूद बोले- नई पीढ़ी को दें कृतज्ञता की सीख, स्कूली पाठयक्रम का बनाएं हिस्सा
अभिनेता सोनू सूद ने शिक्षकों एवं देश की नामचीन हस्तियों से कहा है कि बच्चों को कृतज्ञता की शिक्षा दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसे स्कूल और कॉलेज पाठयक्रम का हिस्सा बनाए जाने की जरूरत है।
लखनऊ: कोरोना संकट काल में लाखों पीडित लोगों के लिए भगवान की तरह मददगार बनकर आए सिने अभिनेता सोनू सूद ने शिक्षकों एवं देश की नामचीन हस्तियों से कहा है कि बच्चों को कृतज्ञता की शिक्षा दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसे स्कूल और कॉलेज पाठयक्रम का हिस्सा बनाए जाने की जरूरत है।
पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में शामिल हुए सोनू सूद
करोडों भारतवासियों के दिल में घर करने वाले सिने अभिनेता सोनू सूद ने शनिवार को एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में ऑनलाइन शिरकत के दौरान यह बात कही। लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आलोक कुमार राय समेत देश के कुछ बड़े नाम इस कार्यक्रम में शामिल हुए। डॉ संदीप गोयल की पुस्तक, फ्यूचर शॉक का इस मौक्े पर लोकार्पण किया गया। इस समारोह में मौजूद पाठकों ने माना कि इस पुस्तक को हमारे भविष्य में आने वाली चीजों के भविष्यवाणी के रूप में लिया जाना चाहिए।
संजय गुप्ता, गूगल इंडिया के कंट्री हेड ने इस बात पर चर्चा की कि कैसे मानव समाज स्वभाव से उत्सुक है और गूगल जैसी संस्थाएं नवीनतम तकनीक उपलब्ध कराकर उस जिज्ञासा को संतुष्ट कर रही है। पद्मश्री शेफ संजीव कपूर ने “भोजन के भविष्य” ’की बात की और कहा कि आने वाले समय मे एआई और वर्चुअल रियलिटी भोजन ग्रहण के अनुभव को भी बदलने वाली है। समारोह मे डॉ क्षितिज कपूर भी थे जो एक विश्व प्रसिद्ध मनोचिकित्सक हैं।
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डॉ कपूर ने दुनिया भर के समाजों को यांत्रिक लोगों के बजाय संज्ञानात्मक समाजों में बदलने की बात कही, और साथ ही पारंपरिक रूप से चिकित्सा के साथ-साथ आधुनिक स्वास्थ्य और जीवन यापन के लिए संतुलन के महत्व पर भी बल दिया। इस कार्यक्रम में एमआईटी के विजिटिंग फ़ैकल्टी और टाटा पावर ग्रुप के प्रमुख डॉ प्रवीर सिन्हा भी शामिल हुए, जिन्होंने ग्रीन एनर्जी की ओर लोगों का ध्यान आकष्रित किया और कहा कि इस ओर आने वाली पीढी को ध्यान देना होगा। अभिनेता सोनू सूद ने भी अपना खास विडियो मैसेज भेजा जिसमे उन्होने 'कृतज्ञता' की शिक्षा और समझ को हमारे विद्यालयों के शिक्षण कार्यक्रम मे डालकर छोटे से छोटे छात्र को इसकी शिक्षा देने की बात काही।
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बैठक के दौरान, प्रोफेसर आलोक कुमार राय, ने शिक्षा के भविष्य के बारे में विस्तार से बात की थी। प्रो राय ने प्रौद्योगिकी के हस्तक्षेप को औसत भारतीय कक्षा में रचनात्मक विनाश का उदाहरण कहा। उन्होंने विश्वविद्यालय की शैक्षिक पहलों के बारे में बात की, जिनमें एफएलआईपी कक्षा, सीखने का सीबीसीएस मॉडल और हमारे एलएमएस, एसएलएटीई शामिल हैं। प्रो राय ने फयूचर शॉक के लेखक डॉ संदीप गोयल के डॉक्टरेट थीसिस का मूल्यांकन किया है।
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