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जब नरगिस को देखर नर्वस हो गए थे सुनील दत्त, पढ़िए उनसे जुड़ी कहानियां

बॉलीवुड के सदाबहार कलाकारों में से एक सुपरस्टार सुनील दत्त की आज जन्मदिन है। दत्त का जन्म 6 जून 1929 को पंजाब राज्य के झेलम जिले में हुआ था। बहुत कम लोग जानते हैं कि सुनील दत्त का असली नाम बलराज दत्त था।

Dharmendra kumar
Published on: 6 Jun 2019 8:20 AM GMT
जब नरगिस को देखर नर्वस हो गए थे सुनील दत्त, पढ़िए उनसे जुड़ी कहानियां
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मुंबई: बॉलीवुड के सदाबहार कलाकारों में से एक सुपरस्टार सुनील दत्त की आज जन्मदिन है। दत्त का जन्म 6 जून 1929 को पंजाब राज्य के झेलम जिले में हुआ था। बहुत कम लोग जानते हैं कि सुनील दत्त का असली नाम बलराज दत्त था। जब सुनील 5 साल के थे तो तभी उनके पिता का निधन हो गया था।

1955 में फिल्म 'रेलवे प्लेटफॉर्म' से सुनील ने अपनी फिल्मी करियर की शुरुआत की थी। सुनील कलाकार के साथ साथ निर्माता और नर्देशक भी थे। सुनील फिल्मों में आने से पहले कंडक्टर के तौर पर नौकरी करते थे। इन्होंने कुछ पंजाबी फिल्मों में भी काम किया था।

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1957 में बनी महबूब खान की फिल्म मदर इंडिया में उनके अदाकारी ने सुनील को सुपरस्टार बना दिया। इसी फिल्म के दौरान उन्हें एक्टर नरगिस से प्यार हो गया और 11 मार्च 1958 में उन्होंने नरगिस से विवाह कर लिया। इसी फिल्म की शूटिंग के दौरान उन्होंने नरगिस की आग में कूद कर जान बचाई थी।

नरगिस का नहीं ले पाए थे इंटरव्यू

सुनील दत्त जब रेडियो में काम कर रहे थे उन दिनों नरगिस के प्रसिद्ध अभिनेत्री बन चुकी थीं। ऐसे में हर कोई उनका इंटरव्यू लेने के लिए बेताब रहता था, लेकिन कोई थी जो उनका इंटरव्यू नहीं ले पाया था। कहा जाता है कि रेडियो ऑफिस में ही पहली बार नर्गिस एक इंटरव्यू के सिलसिले में सुनील से मिली थीं लेकिन नर्गिस को देखकर वह इतने नर्वस हो गए थे कि वो उनसे कोई सवाल नहीं कर सके। ऐसे में लास्ट में ये शो रद्द करना पड़ा था।

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कभी नरगिस का साक्षात्कार लेने से डरने वाले सुनील ने बाद में मदर इंडिया फिल्म में उनके साथ काम किया। इतना ही नहीं फिल्म के सेट पर आग से नरगिस को उन्होंने बताया भी, बस यहीं से दोनों एक दूसके के करीब भी आ गए थे। कैसे वे दोनों एक-दूसरे के नज़दीक आए और ज़िंदगी भर के लिए एक-दूजे के हो गए।

1964 में आई फिल्म मुझे जीने दो के लिए सुनील को फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार मिला। 1968 में उन्हें पद्मश्री से भी नवाजा गया था। सुनील राजनीति में भी बेहद सफल हुए उन्होंने 1984 में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर मुम्बई उत्तर पश्चिम लोक सभा सीट से चुनाव जीता और लगातार 5 बार सांसद रहे यही नहीं वह मनमोहन सिंह की सरकार में 2004 से 2005 तक वे खेल एवं युवा मामलों के कैबिनेट मंत्री भी रहे।

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सुनील आखिरी बार 2003 में फिल्म मुन्ना भाई एमबीबीएस में अपने बेटे संजय दत्त के साथ नजर आए थे। 25 मई 2005 को मुम्बई में पाली हिल बान्द्रा स्थित बँगले पर सुनील दत्त ने आखिरी सांस ली। उन्होंने मुझे जीने दो, मैं चुप रहूँगी, झूला, छाया, हम हिन्दुस्तानी, मदर इण्डिया, एक ही रास्ता, रेलवे प्लेटफ़ॉर्म जैसी कुछ बेहतरीन फिल्मों में अभिनय किया था।

Dharmendra kumar

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