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Valentine's Day Special: आज भी अमर हैं ये प्रेम कहानियां, जानें इनके बारे में

उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में बसा सातंवा अजूबा ताजमहल, प्यार की निशानी के तौर पर जाना जाता है। ताजमहल को शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज महल की याद में बनवाया था।

Shreya
Published on: 13 Feb 2021 1:53 PM GMT
Valentines Day Special: आज भी अमर हैं ये प्रेम कहानियां, जानें इनके बारे में
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Valentine's Day Special: आज भी अमर हैं ये प्रेम कहानियां, जानें इनके बारे में

लखनऊ: 14 फरवरी को दुनियाभर में लव के सीजन यानी वेलेंटाइन डे (Valentine's Day) को सेलिब्रेट किया जाएगा। ये दिन अपने खास के प्रति अपना प्यार जाहिर करने के लिए होता है। कुछ यादों को ताजा करने और उन्हें फिर से जीने का होता है। आज हम आपको वेलेंटाइन डे के मौके पर कुछ ऐसा प्रेम कहानियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो इतिहास के पन्नों पर अमर है और जिसे भूल पाना मुश्किल है।

बाजीराव और मस्तानी

अगर प्रेम कहानी की बात की जाए तो उसमें बाजीराव और मस्तानी की जोड़ी का नाम ना आए ऐसा हो ही नहीं सकता। 18वीं सदी की ये प्रेम कहानी आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है। बाजीराव, कभी जंग न हारने वाले योद्धा थे और मस्तानी, हिंदू राजा और फारसी मुस्लिम महिला की बेटी। बाजीराव शादीशुदा थे, लेकिन फिर भी उन्होंने मस्तानी को अपनाया।

bajirao mastani (फोटो- सोशल मीडिया)

इसके लिए उनके परिवार वालों ने भी उनका विरोध किया, लेकिन उन्होंने मस्तानी को छोड़ने से इंकार कर दिया। आखिरकार बाजीराव की मौत के बाद ही मस्तानी की भी सांसे थम गईं।

Shah Jahan and Mumtaz Mahal (फोटो- सोशल मीडिया)

शाहजहां और मुमताज महल

उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में बसा सातंवा अजूबा ताजमहल, प्यार की निशानी के तौर पर जाना जाता है। ताजमहल को शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज महल की याद में बनवाया था। बता दें कि 14 बच्चों की मां मुमताज की बच्चे को जन्म देने के दौरान मौत हो गई थी। जिसके बाद शाहजहां ने अपनी पत्नी की याद में ताज महल बनवा दिया, जो आज दुनिया की सबसे खूबसूरत इमारतों में शामिल है।

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बिम्बीसार और आम्रपाली

मगध के राजा बिम्बिसार और नर्तकी आम्रपाली की प्रेम कहानी भी इतिहास के पन्नों में दर्ज है। एक बार जब बिम्बिसार युद्ध के दौरान घायल हो गए तो वे वेश बदलकर वैशाली पहुंच गए। जहां पर आम्रपाली, जो कि नर्तकी थीं, उन्होंने बिम्बिसार को आम सैनिक समझ उनकी सेवा की और फिर बाद में दोनों का विवाह हो गया। कहने को तो आम्रपाली बिम्बीसार की 400 रानी थीं, लेकिन आम्रपाली की जगह सबसे खास थी

बॉलीवुड में भी कुछ ऐसी प्रेम कहानियां जन्मीं, जो शुरू तो हुईं, लेकिन कभी मुकम्मल नहीं हुई। आज हम आपको कुछ ऐसी ही प्रेम कहानियों के बारे में बताने जा रहे हैं।

raj kapoor-nargis (फोटो- सोशल मीडिया)

राज कपूर और नरगिस

फिल्मी गलियारों में राज कपूर और नरगिस की जोड़ी सुपरहिट थी। ना केवल ऑनस्क्रीन बल्कि ऑफस्क्रीन भी दोनों की जोड़ी काफी पसंद की जाती थी। लेकिन नरगिस राज कपूर से जब मिली थी तो उस वक्त राज कपूर की कृष्णा कपूर से शादी हो चुकी थी और उनके बच्चे भी थे। रिपोर्ट्स की मानें तो राज कपूर ने नरगिस से शादी करने का वादा किया था। लेकिन वक्त बीतने के साथ ही नरगिस ये समझ गई थी कि राज कपूर अपने परिवार को किसी के लिए भी नहीं छोड़ेंगे।

जिसके बाद नरगिस ने उनसे दूरियां बनानी शुरू कर दीं। 10 साल तक राज कपूर के साथ रिश्ते में रहने के बाद नरगिस ने आखिरकार उनसे दूर जाने का फैसला किया। इसके बाद उनके लाइफ में एंट्री हुई सुनिल दत्त की। धीरे-धीरे दोनों एक दूसरे के प्यार में पड़ गए और फिर 11 मार्च 1958 को शादी कर ली। कहा जाता है कि नरगिस की शादी की खबर से राज कपूर बुरी तरह टूट गए थे।

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rekha-amitabh (फोटो- सोशल मीडिया)

अमिताभ बच्चन और रेखा

बॉलीवुड गलियारों में एक और ऐसी जोड़ी है, जो ऑनस्क्रीन और ऑफस्क्रीन हिट हुई। हम बात कर रहे हैं अमिताभ बच्चन और रेखा की। दोनों की लव स्टोरी की शुरुआत अनजाने फिल्म के सेट पर हुई। उस वक्त अमिताभ और जया की शादी हो गई थी, लेकिन रेखा के साथ उनकी अफेयर की खबरें मीडिया में छाई रहीं। रिपोर्ट्स की मानें तो रेखा से मिलने के लिए अमिताभ छिप छिप कर जाया करते थे।

दोनों की अफेयर की खबरों से अमिताभ और जया के बीच मन मुटाव होने लगें। जिस वजह से अमिताभ ने भी रेखा के साथ फिल्में करना बंद कर दिया और रेखा से दूरियां बना लीं।

Dev Anand and Suraiya (फोटो- सोशल मीडिया)

देव आनंद और सुरैया

इतिहास के पन्नों में एक और चर्चित प्रेम कहानी दर्ज है और वो है देव आनंद और सुरैया की। दोनों एक दूसरे को बहुत चाहते थे। इस बात किसी से छिपी भी नहीं थी। बताया जाता है कि जीत फिल्म के सेट पर देव आनंद ने सुरैया से अपने प्यार का इजहार किया और उन्हें एक हीरे की अंगूठी दी थी। लेकिन सुरैया की नानी को ये रिश्ता मंजूर नहीं था। क्योंकि देव आनंद एक हिंदू थे और सुरैया मुस्लिम।

यही नहीं कहा तो ये भी जाता है कि सुरैया की नानी को फिल्म में देव आनंद के साथ दिए जाने वाले रोमांटिक सीन्स से भी आपत्ति थी। उन्होंने ही देव आनंद का सुरैया से फोन पर बात करना बंद करवा दिया था। उन्होंने ये भी धमकी दी थी कि वो उनके खिलाफ पुलिस में मुकदमा दर्ज करा देंगी। जिसके बाद दोनों ने अपने रास्ते अलग करने का फैसला कर लिया। उसके बाद दोनों किसी फिल्म में भी साथ नजर नहीं आए।

लेकिन इसके बाद सुरैया ताउम्र कुवांरी रही। कहा जाता है कि देव आनंद से अलग होने के बाद सुरैया ने उनकी दी हुई अंगूठी को समुद्र के किनारे बैठकर समुद्र में फेंक दी थी। देव आनंद ने भी कभी सुरैया और अपने रिश्ते को छिपाने की कोशिश नहीं की। उन्होंने अपनी बुक रोमांसिंग विद लाइफ में लिखा था कि सुरैया के साथ अगर जिंदगी होती तो वो कुछ और होती।

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